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गरियाबंद News


gariaband, Two motorcyclists die,collision with Bolero

गरियाबंद । जिले के देवभाग थानांतर्गत डोहेल गांव के पास नेशनल हाईवे 130 सी पर देर रात बोलेरा से टकराकर मोटरसाइक‍िल चालक समेत दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई है। पुल‍िस ने आज बुधवार को शवों के पोस्‍टमार्टम उपरांत पर‍िजनों को सौप द‍िया है। पुलिस मर्ग कर घटना की जांच में जुट गई है। जानकारी के अनुसार देवभोग से जा रही बोलेराे वाहन से मूडागांव की ओर से आ रही मोटरसाइक‍िल की सीधी टक्कर हो गई। टक्कर इतना जबरदस्त था कि मोटरसाइक‍िल चालक व सवार 20 मीटर दूर जा ग‍िरे। वहीं हादसे में मोटरसाइक‍िल के परखच्चे उड़ गए। हादसे में मोटरसाइक‍िल चालक भवनों मांझी उम्र 35 साल व सवार दुलार मांझी उम्र 50 वर्ष की मौके पर मौत हो गई। दोनों आपस में ममेरा भाई हैं, जो निजी काम से देर रात्रि मुड़ागांव से देवभोग की ओर आ रहे थे। वहीं बोलेरो सराईपानी से आए मरीज को लेकर वापस लौट रही थी। ग्रामीणों ने एम्बुलेंस 108 की मदद से दोनों को अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने मोटरसाइक‍िल सवार और चालक को मृत घोषित कर दिया। देवभोग थाना प्रभारी गौतम गावड़े ने कहा कि अपराध कायम कर मामले की जांच की जा रही है। घटना की वजह लापरवाही पूर्वक वाहन चलाना प्रतीत हो रहा है।  

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 MadhyaBharat  6 November 2024

raipur,  bus overturned , dense fog

गरियाबंद/रायपुर । घने कोहरे की वजह से आज सुबह देवभोग से रायपुर जा रही महेश बस सर्विस की बस अनियंत्रित हाेकर पलट गई। हादसा गरियाबंद जिले के नेशनल हाइवे  पथरी नाला के पास मोड़ पर हुई है। हादसे में 10 यात्रियों के घायल होने की खबर है। दो यात्रियों की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हादसे के वक्त बस में 20 यात्री सवार थे। दुर्घटना में दो यात्रियों का पैर टूट गया है। घायलों को इलाज के लिए मैनपुर लाया गया है। घटना की सूचना मिलने के बाद इंदागांव पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गई है।  

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 MadhyaBharat  22 October 2024

gariaband,Villager dies , elephant attack

गरियाबंद  । छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में तीन हाथियाें के दल ने आज फिर एक ग्रामीण की जान ले ली। घटना फिंगेश्वर वन परिक्षेत्र के ग्राम बनगवा की है।   वन विभाग के अधिकारियाें से मिली जानकारी के मुताबिक, आज शुक्रवार सुबह करीब तीन बजे सोरीदखुर्द निवासी कुमार मरकाम (44 ) मशरूम (फुटु ) तोड़ने जंगल गया था, तभी तीन हाथियों के दल ने उन पर अचानक हमला कर दिया। हमले में मौके पर ही ग्रामीण की मौत हो गई। इस घटना के बाद ग्रामीणों में दहशत का माहाैल है। वन विभाग ने हाथियों को लेकर हाई अलर्ट जारी किया है। इसके बाद भी ग्रामीण लापरवाही बरतते हुए हाथी प्रभावित क्षेत्र में जाकर अपनी जान गंवा रहे हैं। घटना की सूचना मिलते ही फिंगेश्वर वन अमला सहित पुलिस टीम मौके पर पहुंच शव पोस्टमार्टम के लिए भेज आगे की कार्रवाई में जुटी है।

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 MadhyaBharat  27 September 2024

gariabad, tusker elephant ,crushed a woman

गरियाबंद ।  जिले के पांडुका रेंज में एक बार फिर दंतैल हाथी ने बुधवार को एक मह‍िला को कुचलकर मौत के घाट उतार द‍ि‍या है। जानकारी के अनुसार दो महिलाएं जंगली आज मशरूम तोड़ने जंगल गई थी। इस दौरान दंतैल हाथी ने एक महिला को कुचलकर मौत के घाट उतार दिया। वहीं एक महिला गंभीर घायल है, ज‍िसे रायपुर र‍िफर कर दि‍या गया है।      इस घटना में पोंड निवासी बरमत बाई कमार की मौत हो गई है। वहीं मंगली बाई हमले से बुरी तरह जख्मी हो गई है, जिसे जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद रायपुर रि‍फर कर दिया गया है. घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। इस घटना के बाद विभाग ने पोंड, कूकदा, नागझर सहित 10 से अधिक गांव में अलर्ट जारी कर किया है।

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 MadhyaBharat  21 August 2024

 impact of Waqf Board Amendment Bill in Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ :  छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार में वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रहे सलाम रिजवी ने कहा छत्तीसगढ़ में वक्फ बोर्ड के पास हजारों-करोड़ की संपत्तियां हैं, लेकिन इसके 80% संपत्तियों पर अवैध कब्जा है. लोकसभा में एनडीए की सरकार वक्फ बोर्ड संशोधन बिल लेकर आई है. बिल आने के बाद विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया, जिसके बाद अब इस बिल को जेपीसी कमेटी में भेज दिया गया है. ऐसे में छत्तीसगढ़ में इसका क्या असर होगा? वहीं प्रदेश भर में वक्फ बोर्ड के पास कितनी संपत्तियां हैं? इसको लेकर कांग्रेस और बीजेपी सरकार में वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्य रहे नेताओं ने जानकारी दी है. कांग्रेस सरकार में वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रहे सलाम रिजवी का कहना है कि "अन्य राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ राज्य में भी वक्फ बोर्ड है और इस बोर्ड के पास भी हजारों-करोड़ की संपत्तियां हैं, लेकिन बेहिसाब संपत्तियों का हिसाब बोर्ड के पास नहीं है. हैरानी की बात यह है कि वक्फ बोर्ड की 80 प्रतिशत संपत्तियों पर कब्जा है." उन्होंने आगे कहा कि "मुतवल्ली ने इसे बड़ा नुकसान पहुंचाया है, क्योंकि कागजों को दुरुस्त कराने का काम उन्होंने ठीक से नहीं किया. वक्फ बोर्ड ने भी अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई, इससे भी बड़ा नुकसान हुआ है. वर्तमान में ये स्थिति है कि राज्य में वक्फ बोर्ड की हालत खराब है. वक्फ बोर्ड का काम सामाजिक कल्याण के लिए काम करना है. जैसे- जमीनें देना, अस्पताल बनवाना, स्कूल-कॉलेज खोलना, लेकिन यह हो नहीं पा रहा है." सलाम रिजवी का कहना है कि "छत्तीसगढ़ अन्य राज्यों की तरह धार्मिक एजेंडे वाला राज्य नहीं है. वहीं वक्फ बोर्ड की संपत्ति होने के बावजूद वह वक्फ बोर्ड के पास नहीं है. अगर बात सियासत की है तो इसे बस धारा 370 या तीन तलाक जैसे बिल की तरह ही देख सकते हैं. लेकिन मेरा तो सुझाव है कि वक्फ की तरह मठ बोर्ड बना दिया जाना चाहिए, क्योंकि मठों के पास वक्फ से भी कहीं ज्यादा बेहिसाब संपत्तियां हैं." वहीं बीजेपी सरकार में वक्फ बोर्ड के सदस्य सलीम राज का कहना है कि "बिल से सबसे ज्यादा तकलीफ विपक्ष को ही है, क्योंकि वक्फ के 80 प्रतिशत कब्जे वाली संपत्ति पर सामाजिक, राजनीतिक तौर पर सक्रिय लोगों का हाथ है. मेरी जानकारी के मुताबिक प्रदेश में 1,100 से अधिक प्रॉपर्टी वक्फ के पास है, लेकिन कहां, किसके हाथ में है, कौन इसका कैसे उपयोग कर रहा है कुछ पता नहीं है." सलीम राज ने कहा कि "इस संशोधन बिल से सबको फायदा होगा. पीएम मोदी की नीति और नीयत दोनों ही साफ है. उन्होंने हमेशा मुसलमानों के हित में काम किया है. छत्तीसगढ़ में बीजेपी शासन में जो लाभ मुसलमानों को हुआ वो कांग्रेस की सरकारों में नहीं हुआ, क्योंकि कांग्रेस ने हमेशा मुसलमानों का उपयोग वोट बैंक के लिए लिया है." उन्होंने कहा कि "छत्तीसगढ़ में वक्फ बोर्ड के पास लगभग 10 हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है, जिनमें से 80% पर अवैध रूप से कब्जा है. वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर सामाजिक और राजनीतिक लोगों के कब्जे हो चुके हैं, जिन जगहों पर स्कूल, अस्पताल मदरसे बनने थे उन जगहों का कमर्शियल उपयोग किया जा रहा है." उनका कहना है कि संशोधन बिल से छत्तीसगढ़ में सियासी असर नहीं, बल्कि सामाजिक असर होगा.   

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 MadhyaBharat  13 August 2024

Bikal is broken in Chhattisgarh

छत्तीसगढ़:छत्तीसगढ़ में पिछले कई दिनों से मानसून की एक्टिविटी तेज रही. कई इलाकों में जमकर बारिश हुआ. अब प्रदेश में मानसून की रफ्तार धीमी होती नजर आ रही है. मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले कुछ दिनों में अब बारिश की गतिविधियों में कमी आ सकती है. तो वहीं सरगुजा संभाग में अगले कुछ दिनों तक बारिश होती रहेगी. राजधानी रायपुर की बात करें तो रविवार सुबह से ही यहां बादल छाए रहे. कई इलाकों में ठंडी हवा भी चल रही है. इधर, बलरामपुर में भारी बारिश की वजह से भूताही डैम टूट गया. भूताही डैम के टूटने से वाड्रफनगर के गांव में पानी भर गया. इससे किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है. मौसम विभाग के मुताबिक फिलहाल प्रदेश में मानसून का दूसरा कोई सिस्टम नहीं बन रहा है. ऐसे में बारिश की संभावना कम है. रायपुर में बस्तर इलाके में फिलहाल बारिश से लोगों को राहत मिली है. मौसम विभाग के मुताबिक रविवार को प्रदेश के कई जिलों में बारिश हो सकती है. शनिवार को भी प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की बारिश हुई. राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक 1 जून से 11 अगस्त तक राज्य में 753.4 मिमी औसत बारिश दर्ज की जा चुकी है.  बीजापुर जिले में सबसे ज्यादा 1698.3 मिमी और सरगुजा जिले में सबसे कम 373.0 मिमी औसत बारिश रिकॉर्ड की गई है. वहीं सूरजपुर जिले में 678.0 मिमी, बलरामपुर में 998.0 मिमी, जशपुर में 573.5 मिमी, कोरिया में 711.3 मिमी, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 738.2 मिमी औसत बारिश दर्ज की गई है. रायपुर जिले में 658.3 मिमी, बलौदाबाजार में 790.6 मिमी, गरियाबंद में 732.5 मिमी, महासमुंद में 545.2 मिमी, धमतरी में 705.3 मिमी, बिलासपुर में 691.0 मिमी, मुंगेली में 717.4 मिमी, रायगढ़ में 633.2 मिमी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 415.2 मिमी, जांजगीर-चांपा में 713.2 मिमी, सक्ती 607.9 कोरबा में 959.7 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 691.1 मिमी, दुर्ग में 484.0 मिमी औसत बारिश दर्ज की गई है, कबीरधाम जिले में 594.0 मिमी, राजनांदगांव में 797.8 मिमी, मोहला-मानपुर-अंबागढ़चौकी में 915.5 मिमी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 558.1 मिमी, बालोद में 835.2 मिमी, बेमेतरा में 433.7 मिमी, बस्तर में 838.1 मिमी, कोण्डागांव में 785.5 मिमी, कांकेर में 1005.1 मिमी, नारायणपुर में 914.2 मिमी, दंतेवाड़ा में 996.7 मिमी और सुकमा जिले में 1073.3 मिमी औसत बारिश रिकॉर्ड हुई है.          

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 MadhyaBharat  11 August 2024

Unique initiative of CM Sai

  छत्तीसगढ़:  छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए अच्छी खबर सामने आई है. बता दें कि प्रदेश के 160 आईटीआई को अपग्रेड किया जाएगा. इससे प्रदेश भर के युवाओं को लाभ मिलेगा.   छत्तीसगढ़ सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. सरकार की तरफ से कई ऐसी स्कीम चलाई जा रही है जिसके जरिए युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसी बीच युवाओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए साय सरकार ने एक अच्छी पहल की है. बता दें कि प्रदेश के 160 आईटीआई को अपग्रेड किया जाएगा. इसे मॅाडल आईटीआई बनाने के लिए 484 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी गई है. जानिए इस पहल से छात्रों को क्या लाभ मिलेगा.  छत्तीसगढ़ सरकार एक अच्छी पहल करने जा रही है. बता दें कि प्रदेश के 160 आईटीआई अपग्रेड होने जा रहे हैं. सीएम विष्णु देव साय के द्वारा आईटीआई को मॉडल आईटीआई में अपग्रेड करने की योजना तैयार की गई है. योजना के पहले चरण में प्रदेश के 160 आईटीआई अपग्रेड किए जाएंगे. इसके लिए 484.22 करोड़ रूपए का खर्च आएगा और तीन साल के इन्हें अपग्रेड करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके अलावा बता दें कि बलौदाबाजार के सिकरी में स्थित आईटीआई को मॉडल आईटीआई बनाने का काम भी जल्द ही शुरू किया जाएगा. इसके लिए 20 करोड़ 13 लाख रुपये स्वीकृति किए गए हैं.  आईटीआई अपग्रेडेशन को लेकर प्रदेश सरकार के राजस्व मंत्री वर्मा ने बताया कि बलौदाबाजार के सकरी शासकीय आईटीआई में मशीन टूल्स, कंप्यूटर, हार्डवेयर और नेटवर्क मेंटनेंस, इलेक्ट्रिशियन, फीटर, मेकेनिक डीजल, वेल्डर, सिविल वर्क में आईटीआई के नए भवन निर्माण के लिए, स्टाफ क्वाटर्स, सहित कई कामों के लिए स्वीकृति मिली है. ऐसे में आईटीआई अपडेग्रेशन के बाद छात्रों को आधुनिकता से जुड़ी जानकारियां हासिल होंगी. साथ ही साथ अच्छी ट्रेनिंग के बाद उन्हें रोजगार मिलने की ज्यादा संभावना रहेगी.  प्रदेश में आईटीआई अपग्रेड होने के बाद इसमें एडमिशन लेने वाले छात्र अच्छे तरीके से ट्रेनिंग लेंगे. ट्रेनिंग के बाद उन्हें किसी भी कंपनी में फॅार्म अप्लाई करने में आसानी होगी. जिसके बाद रोजगार के अवसर भी बढ़ने की पूरी संभावना है, ऐसे में सरकार की ये पहल युवाओं के लिए काफी ज्यादा उपयोगी साबित हो सकती है. 

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 MadhyaBharat  11 August 2024

 children studying in a hut in Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ : छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में सरकारी योजनाएं दम तोड़ रही हैं। ग्राम गोडालबाय में पिछले 4 साल से सांप बिच्छू के खतरे के बीच झोपड़ीनुमा छत के नीचे विशेष पिछड़ी जनजाति के बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं। स्कूल के लिए भवन नहीं होने पर चंदा इकट्ठा कर झोपड़ी बनाए हैं, जहां करीब 50 बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं। शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन की कार्य प्रणाली से आहत अभिभावकों बच्चों की समस्याओं और परेशानी का खुद ही समाधान कर रहे हैं। जिला मुख्यालय से महज 30 और 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित दलदली और गोडालबाय दोनों ही गांव के विशेष पिछड़ी जनजाति के कमार, भुंजिया, गोंड़ परिवारों के बच्चे पढ़ते हैं। दोनों ही गांव में स्कूल भवनों को नए निर्माण के नाम पर तोड़ दिया गया। बच्चों को ग्रामीण अपने घर में या फिर झोपड़ीनुमा छत के नीचे पढ़ाने को मजबूर हैं। दोनों ही गांव में बच्चों को पढ़ाने के लिए एक हेडमास्टम और एक शिक्षक है, जो पहली से पांचवी कक्षा के बच्चों को पढ़ाते हैं। ग्राम दलदली में कुछ माह पहले प्राथमिक शाला के पुराने भवन को नए निर्माण के नाम पर तोड़ दिया गया, जो आज तक अधूरा ही पड़ा हुआ है। सड़क भी पूरी तरह कीचड़ से लथपथ है। प्राइमरी के लगभग 30 बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। बच्चो की इस परेशानी को देखते हुए गांव के ही एक व्यक्ति ने अपने घर के बरामदे और आंगन को बच्चों को पढ़ाने के लिए दे दिया है। वहीं ग्राम गोडालबाय में स्कूल भवन तोड़ने के बाद से 50 बच्चे घांस फूंस की झोपड़ीनुमा छत के नीचे बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं। बच्चों ने बताया कि घास फूस की छत और जमीन पर उनको कई बार सांप और बिच्छू जैसे कई जहरीले जीव जंतु दिखते हैं। इन सब खतरों के बावजूद पढ़ने आते हैं, लेकिन वे चाहते हैं कि शासन प्रशासन जल्द ही बैठने के लिए स्कूल भवन का निर्माण कराए, ताकि वह बिना किसी डर और दहशत के पढ़ाई कर सकें। ग्रामीणों ओर स्कूल की हेड मास्टर ने बताया कि कुछ दिनों पहले लगभग 10 से 12 बच्चों के शरीर पर फफोले पड़ गए थे। घास-फूस छत पर किसी जहरीले कीड़े के कारण बच्चों और शिक्षक के शरीर मे इन्फेक्शन हो गया था। 3 से 4 दिन तक इलाज कराने के बाद बच्चों की तबीयत ठीक हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार शिक्षा विभाग के अधिकारियों को तो कई बार कलेक्टर जन दर्शन में शिकायत की है, लेकिन समस्या का समाधान तो दूर पिछले चार साल में जिला प्रशासन के किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने यहां आने की जहमत तक नहीं उठाई। ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव ने भी ग्रामीणों की किसी तरह से कोई मदद नहीं की। जिला शिक्षा अधिकारी एके सारस्वत ने कहा कि स्कूल की जानकारी मिली है। बीआरसी और बीओ को देखने के लिए भेजा था। बाकी इस बारे में कुछ नहीं बता पाउंगा आप कलेक्टर से चर्चा कर लीजिए।  

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 MadhyaBharat  10 August 2024

raipur, Death of brother , snake bite

गरियाबंद/रायपुर।छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में अमलीपदर थाना क्षेत्र के ग्राम धनोरा में सर्प दंश से आदिवासी समाज के सगे भाई-बहन की मौत हो गई।परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।पिछले एक माह में जिले में सर्पदंश के 13 मामले हुए हैं। इनमें तीन की मौत हो चुकी है।   जानकारी के अनुसार बीती देर रात धनोरा ग्राम में अपने घर में एक आदिवासी परिवार में मां बाप के साथ उनके पांचों संतान एक साथ जमीन पर बिस्तर लगाकर सोए हुए थे। रात लगभग 12 बजे 16 साल की बेटी कस्तूरी को सांप काटने का अहसास हुआ।वह तुरंत  ही जाग गई। दस  वर्षीय बेटा शेष कुमार को भी सर्प ने काट लिया था पर उसे इसका पता नहीं चला।  रात को ही पिता खोवेंद्र ने सांप को ढूंढ कर मार दिया।ढाई बजे रात को जब दोनों बच्चों ने उल्टी करना शुरू किया तो परिजनों ने उन्हें  देवभोग अस्पताल पहुंचाया। तब तक दोनों मासूमों की मौत हो गई थी। वहीं देवभोग में रहने वाले एक युवक बबलू भी सर्प दंश का शिकार हुआ है।गंभीर हालत में उन्हें डॉक्टर ने हायर सेंटर रेफर कर दिया है।   बीएमओ डॉक्टर प्रकाश साहू  ने बताया कि  कस्तूरी के कमर में सांप काटने के निशान हैं।पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पीएम के लिए भेज दिया है।   

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 MadhyaBharat  18 July 2024

2000  carore rupees ka sarab ghotala

छत्तीसगढ़ में उजागर हुए 2000 करोड़ रुपए के शराब घोटाले को लेकर कांग्रेस सरकार के विरोध में भारतीय जनता पार्टी ने जिला स्तरीय महाधरना दिया। भाजपा नेताओं ने अपने संबोधन में कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला बोला।बीजेपी नेताओं-कार्यकर्ताओं ने शहर के अग्रसेन चौक पर जिला स्तरीय महाधरना में विरोध प्रदर्शन किया। धरने को संबोधित करते हुए पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा ने कहा कि कांग्रेस सरकार घोटालों की सरकार है। 2000 करोड़ का उजागर शराब घोटाला इसकी गवाही दे रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को नैतिकता के आधार पर अविलंब इस्तीफा देना चाहिए।बीजेपी के वरिष्ठ नेता रामसेवक पैकरा ने कहा कि कांग्रेस सरकार छत्तीसगढ़ के मेहनतकश निवासियों का धन घोटालों के जरिए लूट रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में छत्तीसगढ़ में विकास अवरूद्ध है, जनता भयभीत है, कानून-व्यवस्था हाशिये पर है। राज्य में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। ईडी की कार्रवाई से सामने आए 2000 रुपए करोड़ के घोटाले को लेकर भाजपा आम जनता के बीच जा रही है। ऐसी भ्रष्ट सरकार को सत्ता में बने रहने का अधिकार नहीं है।  

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 MadhyaBharat  13 May 2023

karnatka election congress party bhupesh baghel

  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कर्नाटक चुनाव में जीत का लड्‌डू खाया। ये लड्‌डू कांग्रेस नेताओं और पत्रकारों को भी मुख्यमंत्री ने खिलाया।भूपेश बघेल ने मीडिया से बात की और कर्नाटक चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया। भूपेश बघेल ने कहा, हिमालय से लेकर अब समुद्र तक कांग्रेस ने सफलता हासिल की है। उन्होंने आगे कहा- भाजपा कांग्रेस मुक्त भारत की बात करती है। लेकिन अब दक्षिण भारत से भाजपा मुक्त हो रही है। भाजपा को पता था कि हारने वाले हैं अब टीवी में जेपी नड्‌डा की तस्वीर दिख रही है।भाजपा के लाेग मोदी की जगह योगी-योगी करते थे, बुलडोजर की बात करने लगे थे। छत्तीसगढ़ भाजपा के नेता अरुण साव को पता है कि प्रधानमंत्री मोदी का जादू खत्म हो गया है। इसलिए वो भी योगी और बुलडोजर की बात करने लगे। आज जो कामयाबी मिलने वाली है। इसके लिए मैं सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कर्नाटक स्टेट लीडरशिप को बधाई देता हूं।कर्नाटक की जनता ने जो फैसला दिया, इससे साफ है कि बजरंग बली कांग्रेस के साथ हैं। कर्नाटक में राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा की। मैं भारत जोड़ो यात्रा में था। उसी समय से लग गया था झुकाव कांग्रेस की ओर है। इस पूरे चुनाव में रणनीति एक हिस्सा है। इसमें घोषणा पत्र, कार्यकर्ताओं का उत्साह ये सब मिलाकर जीत मिलती है। उसी का असर है। बड़ा राज्य जहां 224 सीटें और भाजपा की सरकार थी इसे हमने छीना,हिमाचल को भी छीना। अब कांग्रेस कार्यकर्ताओं में और आत्मविश्वास बढ़ेगा।  

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 MadhyaBharat  13 May 2023

chattishgarh board ke natije ghodhit

छत्तीसगढ़ बोर्ड के 10वीं और 12वीं के नतीजे जारी हो गए। माध्यमिक शिक्षा मंडल के सभागृह में स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने रिजल्ट जारी किया। रायगढ़ की विधि भोंसले 12वीं की टॉपर रहीं। और जांजगीर के विवेक अग्रवाल दूसरे स्थान पर रहें। 10वीं में जशपुर के राहुल यादव ने पहला स्थान हासिल किया।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी परीक्षार्थियों एवं उनके अभिभावकों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है। उन्होंने कहा, दसवीं और 12वीं की परीक्षा में टॉप टेन में स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को हेलीकॉप्टर राइड कराया जाएगा। जिन बच्चों को आशा अनुरूप परिणाम प्राप्त नहीं हुआ है। उन्हें सीख लेते हुए आगे और मेहनत करना चाहिए। असफलता ही सफलता की सीढ़ी है। इसको ध्यान में रखते हुए वे निराश न हों। और दोबारा मेहनत से पढ़ाई करके सफलता प्राप्त करें।छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित हाई स्कूल की परीक्षा में 3 लाख 30 हजार 681 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए, जिनमें 1 लाख 52 हजार 891 बालक और 1 लाख 77 हजार 790 बालिकाएं शामिल हुईं। जिनमें 3 लाख 30 हजार 055 परीक्षार्थियों के परीक्षा परिणाम घोषित किये गए। परीक्षार्थियों में पहली श्रेणी में उत्तीर्ण परीक्षार्थियों की संख्या 1,09,903 (33.30 फीसदी) है। दूसरी श्रेणी में उत्तीर्ण परीक्षार्थियों की संख्या 1,19,901 (36.32 फीसदी) है। और तीसरी श्रेणी में उत्तीर्ण परीक्षार्थियों की संख्या 17,914 (5.43 प्रतिशत) है। 03 परीक्षार्थी श्रेणी में उत्तीर्ण हुए हैं।वहीं 12वीं में 3,23,625 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए। जिनमें 1,43,919 बच्चे और 1,79,706 बच्चियों ने हिस्सा लिया जिनमें 3,23,266 परीक्षार्थियों के परीक्षा परिणाम घोषित किए गए। उत्तीर्ण परीक्षार्थियों की संख्या 2,58,500 है। 83.64 फीसदी बेटियां और 75.36 फीसदी बच्चे सफल हुए हैं। पहली श्रेणी में उत्तीर्ण परीक्षार्थियों की संख्या 87,140 (26.96 प्रतिशत) है। द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण परीक्षार्थियों की संख्या 1,45,965 (45.15 प्रतिशत) है। और तीसरी श्रेणी में उत्तीर्ण परीक्षार्थियों की संख्या 25,377 (7.85 प्रतिशत) है। 18 परीक्षार्थी श्रेणी में उत्तीर्ण हुए हैं। 22,751 परीक्षार्थियों को पूरक परीक्षा देनी होगी।

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 MadhyaBharat  10 May 2023

पिता के ज़िंदा होने के बाबजूद भी बेटों ने मारा

ग्राम मदांगमूडा में बेटों ने अपने जिंदा पिता को श्मशान पहुंचा दिया है। बेटों ने उसे घर से निकालकर उसके लिए श्मशान के मुहाने पर झोंपड़ी बना दी। गैंगरीन से पीड़ित इस बुजुर्ग गुंचू यादव (65 वर्ष) को परिवार वालों ने इलाज कराने के बदले उसे जीवित ही मरने के लिए मजबूर कर दिया है। अब मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग और पुलिस-प्रशासन की टीम गांव में पहुंची हुई है।गुंचू के बेटे घेनुराम ने कहा कि उसके पिता को 5 साल से बड़ी बीमारी हो गई है। पैर सड़ रहे हैं, उनका रायपुर ले जाकर भी इलाज करवाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। दो बार ऑपरेशन भी हुआ, तब भी पिता ठीक नहीं हुए। इलाज में सारी जमापूंजी भी खत्म हो गई। इधर गांववालों को आशंका थी कि रोग पूरे गांव में फैल जाएगा, इसलिए दोनों बेटों ने जिंदा पिता के अंतिम संस्कार की पूरी प्रक्रिया 12 दिन पहले कर दी। बेटों ने कहा कि उन्हें डर था कि अगर पिता की मौत हुई, तो लोग कंधा देने भी नहीं आएंगे। इसलिए अब श्मशान घाट के मुहाने पर ही कच्ची झोंपड़ी बना दी है। मां दोनों वक्त का खाना बर्तन में डाल आती है।मदांगमूडा में यादव समाज के श्मशान घाट से महज 50 मीटर की दूरी पर झोंपड़ी में रहकर अब गूंचु यादव मौत का इंतजार कर रहा है। उसका कहना है कि अंतिम संस्कार तो पहले ही हो गया है। ग्रामीणों को बुजुर्ग के कुष्ठ रोगी होने की भी आशंका थी, लेकिन मनमोहन ठाकुर, नोडल अधिकारी कुष्ठ रोग उन्मूलन ने साफ कर दिया है कि बुजुर्ग को कुष्ठ रोग नहीं है, बल्कि गैंगरीन है।

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 MadhyaBharat  24 January 2023

गरियाबंद सुपेबेड़ा गांव

 छत्तीसगढ़ में गरियाबंद के सुपेबेड़ा गांव में लगातार हो रही मौतों की वजह से रहस्य उठ गया है। इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) जबलपुर ने राज्य स्वास्थ्य विभाग को प्राथमिक रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें फ्लोराइड को सबसे बड़ा कारण बताया है। आईसीएमआर के डायरेक्टर तापश चकमा पिछले महीने अपनी दो सदस्यीय टीम के साथ सुपेबेड़ा पहुंचे थे, जहां से टीम ने पानी के सैंपल लिए थे। आईसीएमआर ने यह भी कहा है कि सुपेबेड़ा से 40 किमी के दायरे में आने वाले सभी गांव का जल्द से जल्द सर्वे करवाएं, ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके। वहीं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने मिट्टी जांच (स्वाइल टेस्ट) रिपोर्ट भी भेज दी है, जिसमें केडमियम, क्रोमियम, आर्सेनिक जैसे हेवी मेटल पाए गए हैं। फ्लोराइड, केडमियम, आर्सेनिक और क्रोमियम सीधे किडनी को नुकसान पहुंचाते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने सुपेबेड़ा में बीते 7 साल में 32 मौतों की पुष्टि की है, जबकि अभी भी 30 से अधिक व्यक्तियों की जांच में क्रेटिनम बढ़ा हुआ पाया गया है। डॉ. अंबेडकर अस्पताल की नेफ्रोलॉजी टीम मरीजों का इलाज कर रही है, अस्पताल के 2 पीजी डॉक्टर और तकनीशियन गरियाबंद में तैनात किए गए हैं। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय तक लगातार रिपोर्ट भेजी गई है। आईसीएमआर के विशेषज्ञों ने अपनी रिपोर्ट में फ्लोराइड को नियंत्रित करने के सुझाव दिए हैं। गांव के लोगों को विटामिन सी, विटामिन डी 3, कैल्शियम का दवा देने कहा है। आईसीएमआर ने शॉर्ट टर्म और लांग टर्म प्रोग्राम भेजे हैं। शॉर्ट टर्म में दवाएं और लांग टर्म के लिए सुरक्षित पेयजल सप्लाई प्लांट का जिक्र किया है। लोगों को नियमित जागरूक करने कहा है। स्वास्थ्य विभाग का जहाना है स्टेंडर्ड ऑपरेटिव सिस्टम लागू किया जाए, मरीजों को प्राइवेट अस्पताल में भी भर्ती करवाना पड़े तो करवाया जाए, इलाज नि:शुल्क हो। मरीजों को अस्पताल आने-जाने के लिए वाहन मुहैया करवाया जाए। गांव में नियमित डॉक्टर, मेडिकल स्टॉफ की नियुक्ति हो। खून, पेशाब की नियमित जांच, मरीजों का फॉलोअप। - कुपोषित परिवारों के लिए संतुलित आहार की व्यवस्था हो। स्वास्थ्य संचालनालय में एनसीडी नोड्ल अधिकारी डॉ. केसी उराव, फ्लोराइड नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन, आईडीएसपी नोडल अधिकारी डॉ. केआर सोनवानी से आयुक्त रोजाना रिपोर्ट ले रहे हैं। इन्हें ग्रामीणों के स्वास्थ्य सुधार के लिए हर आवश्यक साधन-संसाधन मुहैया करवाने के निर्देश हैं। पंचायत विभाग- बोर बेल खोदने की घोषणा के पहले पीएचई से रिपोर्ट लेनी चाहिए।पीएचई- लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को बोर बेल खोदने से पहले मिट्टी की जांच करनी चाहिए। खुदाई के बाद भी हो पानी की जांच। स्वास्थ्य विभाग- अचानक से होने वाली मौत या मौतों पर विस्तृत जांच करवाए। आदिम जाति विकास विभाग- गांव स्तर पर इनके कर्मी सक्रिय हैं। वे सक्रियता से होने वाले घटनाक्रम की रिपोर्ट दें। आयुक्त, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग आर. प्रसन्ना का कहना है आईसीएमआर ने प्राथमिक रिपोर्ट भेजी है, कृषि विश्वविद्यालय की रिपोर्ट भी मिल चुकी है। इनके आधार पर निर्णय लिए जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने पहले ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पूरी स्थिति से अवगत करवा दिया है।  

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 MadhyaBharat  17 July 2017

छत्तीसगढ़ गरियाबंद

छत्तीसगढ़ गरियाबंद जिले के मैनपुर ब्लॉक के इंदागांव के आदिवासियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर गांव में 30 बिस्तर अस्पताल खुलवाने की गुजारिश की है। अति पिछड़े संरक्षित कमार भुंजिया जनजाति के ग्रामीणों ने लिखा है-'साहब, अधिकारी यहां डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया, अवेकनिंग इंडिया की बात करने आते हैं, आदमी जिंदा रहे, उसकी बात नहीं करते।" पीएमओ ने इस सिलसिले में राज्य सरकार को कार्रवाई करने को कहा है। गरियाबंद कलेक्टर श्रुति सिंह ने बताया कि मामले की पड़ताल की जा रही है। जरूरी हुआ तो अस्पताल का प्रस्ताव भेजा जाएगा। मैनपुर ब्लॉक का अधिकांश हिस्सा घने जंगलों, पहाड़ों, नदी-नालों से घिरा है। इंदागांव क्षेत्र में संरक्षित कमार भुंजिया आदिवासियों के कई गांव हैं। इलाके में इनकी जनसंख्या 15 से 20 हजार तक है। 4 हजार की आबादी वाले इंदागांव में पुलिस स्टेशन, पोस्ट ऑफिस, बाजार, हायर सेकंडरी स्कूल समेत सारी सुविधाएं हैं। इंदागांव छत्तीसगढ़ सरकार के संसदीय सचिव तथा बिंद्रानवागढ़ के विधायक गोवर्धन मांझी का गृहग्राम भी है। मांझी ने नईदुनिया से कहा-हमने गांव में अस्पताल खोलने के लिए कई बार सरकार से मांग की। पहले मैनपुर से मेडिकल टीम वहां जाकर कैंप लगाती थी, अब वह भी बंद है। इंदागांव से मैनपुर की दूरी 40 किमी है। दूसरा अस्पताल बोहरापदर में है, लेकिन वह भी 19 किमी दूर है। रात में प्रसव आदि के प्रकरण आने पर ग्रामीणों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। इलाके में 20 किमी के दायरे में संरक्षित जनजाति के 10-12 गांव हैं। सबको यही समस्या है। मांझी ने कहा कि अस्पताल खोलने का प्रस्ताव फिर से भेजूंगा। इंदागांव, सरनबहाल, तौरेंगा, मदनगुमड़ा आदि गांवों में बसे कमार भुंजिया आदिवासियों ने इससे पहले अस्पताल की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा था। इंदागांव की सरपंच बेलमति और अन्य ग्रामीणों ने लिखा है- गरीब आदिवासियों को 40-60 किमी दूर अस्पताल जाने में बहुत परेशानी उठानी पड़ती है। चिकित्सा सुविधा न होने से मलेरिया जैसी बीमारियों से भी आदिवासियों की मौत हो जाती है। कलेक्टर गरियाबंद श्रुति सिंह का कहना है पीएचसी, सीएचसी का परीक्षण करा रहे हैं। जरूरी हुआ तो इंदागांव में अस्पताल खोलने के लिए प्रस्ताव सरकार को भेजेंगे।

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 MadhyaBharat  8 July 2017

छत्तीसगढ़ में चक्रवात

आने वाले सप्ताह में राज्य के कई हिस्से में बारिश होने की संभवना है। मौसम विभाग के अनुसार उत्तरी छत्तीसगढ़ में चक्रवात बनने के कारण 7 से 11 मार्च तक बदली छाने, बारिश होने की संभावना रहेगी। इस बीच उत्तरी और दक्षिणी भाग में दिन के तापमान में गिरावट आ सकती है। रात का तापमान बढ़कर अभी 21 डिग्री के पार पहुंच गया है। बारिश होने पर ही चौबीस घंटे में तापमान में गिरावट आएगी। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार राज्य के केंद्र में दक्षिणी और उत्तरी हवाओं के मिलने से कर्नाटक तक चक्रवात की स्थिति बन रही है। वहीं दक्षिणी छत्तीसगढ़ से तमिलनाडु तक समुद्री सतह पर द्रोणिका का निर्माण हो रहा है। इसके कारण तापमान में लगातार बदलाव हो रहा है। वैज्ञानिकों ने इस प्रभाव के 11 मार्च को खत्म होने के बाद राज्य में गर्मी बढ़ने की आशंका व्यक्त की है। रविवार को दिन का अधिकतम तापमान एक दिन पहले की अपेक्षा 1.5 डिग्री कम 34 डिग्री दर्ज किया गया। लेकिन रात के तापमान में पिछले तीन दिनों में साढ़े 3 डिग्री से ज्यादा बढ़त दर्ज की गई है। बीते सप्ताह राजधानी का न्यूनतम तापमान 18 डिग्री से बढ़कर शनिवार रात को 21.7 डिग्री तक पहुंच गया था।  

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 MadhyaBharat  6 March 2017

amit jogi

अमित जोगी ने कहा दिग्विजय बस्तर के प्रभावित लोगों से माफ़ी मांगें  मरवाही विधायक अमित जोगी ने अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के  हैदराबाद में दिए गए उस बयान की कड़ी निंदा की है, जिसमें उन्होंने पोलावरम बांध निर्माण का समर्थन किया है। इस बयान में दिग्विजय सिंह ने कहा है कि आंध्र पुनर्गठन अधिनियम एक्ट 2014 के तहत केंद्र सरकार पोलावरम बांध निर्माण के लिए बाध्य है इसलिए इसके निर्माण की जिम्मेदारी भी उसे ही लेनी चाहिए और जल्द से जल्द बाँध का निर्माण पूरा किया जाना चाहिए। छत्तीसगढ़-ओडिशा की सीमा मलकानगिरी में कल यानि 20 सितम्बर को हुए छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जोगी) और बीजू जनता दल के संयुक्त विरोध प्रदर्शन के बाद हैदराबाद में दिग्विजय सिंह ने पोलावरम के समर्थन में उपरोक्त बयान दिया। श्री अमित जोगी ने कहा कि बस्तर के 45 हज़ार लोगों पर डूबने का खतरा मंडरा रहा है, प्रभावित लोगों की नींदें उडी हुई हैं और दिग्विजय सिंह असंवेदनशीलता बयानबाजी कर रहे हैं। यह उनकी छत्तीसगढ़ विरोधी मानसिकता का परिचायक है। श्री अमित जोगी ने कहा कि दिग्विजय सिंह की मानसिकता सदैव से छत्तीसगढ़ विरोधी रही है। कन्हेर बांध का निर्माण का शिलान्यास भले ही 1976 में हुआ हो लेकिन इसके लिए एक सहमति अविभाजित मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 17 मार्च 1999 को दी गई थी, तब दिग्विजय सिंह ही मुख्यमंत्री थे। 1999 के इस पत्र का उल्लेख मई 2015 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा उत्तर प्रदेश शासन को भेजे गए पत्र में किया गया है। तब कांग्रेस की दिग्विजय सिंह सरकार ने यह जानते बूझते हुए कि इस बांध से  छत्तीसगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले का 30 फीसदी हिस्सा डूबान में आएगा, फिर भी बिना कोई विरोध के, बिना छत्तीसगढ़ का हित देखे, परियोजना को सहमति दे दी थी। इसके बाद यही गलती 2010 में रमन सरकार ने सहमति देकर की। यह इस बात का प्रमाण है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टी और उनके नेता छत्तीसगढ़ की उपेक्षा करते हुए चलते हैं, यहां के लोग, यहां की भूमि, यहां के वन रहें या न रहें उन्हें इससे कोई सरोकार नहीं है । उन्हें तो बस दिल्ली में बैठे अपने आकाओं के आदेशों का पालन करने और अपनी खुर्सी बचाए रखने से मतलब है। श्री अमित जोगी ने आज दिग्विजय सिंह से ट्वीट कर कहा कि वो अपने असंवेदनशील ब्यान के लिए बस्तर के लोगों से माफ़ी मांगें। श्री जोगी ने अपने ट्वीट में यह भी लिखा है कि छजकां के पोलावरम आन्दोलन के बाद आपका (दिग्विजय) पोलावरम के समर्थन में बयान देना दरअसल छजकां के जनांदोलनों को मिल रहे भारी जनसमर्थन के प्रति बौखलाहट है।  

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 MadhyaBharat  23 September 2016

bima patrkar chattisgadh

छत्तीसग़ढ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की घोषणा के अनुसार छत्तीसगढ़ के पत्रकारों एवं संचार प्रतिनिधियों का 5 लाख रूपए का व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा कराया जायेगा। योजना के तहत जिले में निवासरत अशासकीय समाचार पत्र एवं समाचार एजेंसी, टेलीविजन न्यूज चैनल में नियोजित पत्रकार, संवाददाता, फोटोग्राफर और कैमरामेन का 5 लाख रूपए का व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा राज्य शासन द्वारा कराया जायेगा।     बीमा की प्रीमियम राशि 165 रूपए निर्धारित की गई है। बीमे के लिए प्रतिवर्ष संचार प्रतिनिधि को अथवा उसके नियोक्ता को वार्षिक प्रीमियम की निर्धारित राशि का केवल 25 प्रतिशत हिस्सा मात्र 42 रूपए जमा करना होगा। शेष 75 प्रतिशत अंशदान रूपए 123 रूपए राज्य शासन के जनसंपर्क विभाग द्वारा वहन किया जायेगा। दुर्घटना बीमा की अवधि एक वर्ष की होगी और बीमा अवधि पूरी होने पर नये वर्ष के लिए बीमा कराने समस्त कार्रवाई पुनः करनी होगी।                   बीमा योजना का लाभ लेने आवेदन तथा सभी आवश्यक जानकारी जनसम्पर्क संचालनालय की वेबसाईट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट डीपीआरसीजी डॉट जीवोव्ही डॉट इन  पर उपलब्ध है। वेबसाईट से आवेदन तथा नियम शर्ते डाउनलोड कर आवेदन पूर्णतः भरकर वांछित दस्तावेजों के साथ अंशदान राशि 42 रूपए जिला जनसम्पर्क कार्यालय, कलेक्टोरेट परिसर राजनांदगांव में 30 अगस्त 2016 तक कार्यालयीन समय में जमा किये जा सकते हैं।

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 MadhyaBharat  26 August 2016

dhaan kheti

    छत्तीसगढ़ में औसत बारिश होने के बाद भी कई तहसीलों में सूखे की साया मंडरा रही है। उत्तरी छत्तीसगढ़ में खरीफ फसल की आधी बोनी भी नहीं हुई है। जहां बोनी हुई है, वहां भी कम बारिश के कारण फसल चौपट होने की कगार पर है। अब किसानों को धान की रोपाई के लिए और अधिक बारिश का इंतजार है। कृषि विभाग ने किसानों को पंप के जरिए नदी-नालों, तलाबों व कुंआ आदि से सिंचाई कर धान की रोपाई का काम जल्द पूरा करने की सलाह दी है।   राजस्व विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पूरे प्रदेश में अब तक 507 मिलीमीटर औसत वर्षा रिकार्ड की गई है। यह पिछले दस वर्षों के औसत वर्षा की तुलना में सौ फीसदी है। सूरजपुर, कोरबा, मुंगेली, गरियाबंद, महासमुंद, बलौदाबाजार, रायपुर, बेमेतरा जिले में औसत से कम बारिश दर्ज की गई है। प्रदेशभर में 28 तहसीलें ऐसी हैं, जहां औसत 75 फीसदी से भी कम बारिश हुई है।   सूरजपुर जिले की प्रेमनगर तहसील में सबसे कम 21 फीसद औसत बारिश दर्ज की गई है। इसी तरह रामानुजनगर में 28, सूरजपुर में 39, भैयाथान में 45 फीसद बारिश हुई है। जिन तहसील तहसीलों में बारिश की स्थिति खराब है, उनमें अंबिकापुर, खड़गवां, बैकुंठपुर, उदयपुर, लुंड्रा, मैनपाट, बतौली, बलरामपुर, जशपुर, दुलदुला, पुसौर, बरमकेला, महासमुंद, पिथौरा, बागबाहरा, आरंग, तिल्दा, बिलाईगढ़, राजिम, छुरा, मालखरौदा, मस्तूरी, मुंगेली, मरवाही, छुरिया, नवागढ़ शामिल हैं।   कृषि विभाग के मुताबिक प्रदेश में खरीफ फसलों की बोनी का काम अब तक 70 फीसदी हुआ है। चालू खरीफ सीजन में 48 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसल लेने का लक्ष्य है। इनमें से 33 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी का काम पूरा कर लिया गया है। सरगुजा-बिलासपुर संभाग में देर से मानसूनी वर्षा होने के कारण खेती का काम पिछड़ गया है। वहां अभी 50 फीसदी भी बोनी नहीं हो पाई है। अगले दो-चार दिनों में अच्छी बारिश होने पर ही स्थिति सुधर सकती है।   जुलाई बीतने को है और प्रदेश के प्रमुख सिंचाई जलाशय अभी आधे भी नहीं भरे हैं। प्रदेश के बांधों में वर्तमान में कुल 38 फीसदी पानी है। जबकि पिछले साल इस अवधि में 57 फीसद पानी उपलब्ध था। जल संसाधन विभाग के मुताबिक मिनीमाता बांगो में 37, गंगरेल में 55, तांदुला में 19, दुधावा में 20, सिकासार में 65, खारंग में 23, सोंढूर में 54, मुरूमसिल्ली में 24, कोडार में 23, मनियारी में 44, खरखरा में 29 व गोंदली में 17 प्रतिशत पानी है।   'प्रदेश में खरीफ फसल की बोनी का काम तेजी से चल रहा है। उत्तरी छत्तीसगढ़ में कम बारिश की वजह से खेती का काम प्रभावित हुआ है। किसानों को विभिन्न जलस्रोतों से पंप के जरिए सिंचाई कर धान की रोपाई का काम समय पर पूरा कर लेने की सलाह दी गई है। शाकम्भरी योजना के तहत किसानों को इसके लिए मदद भी दी जा रही है।' - एमएस केरकेट्टा, संचालक, कृषि विभाग    

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 MadhyaBharat  29 July 2016

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