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नई दिल्ली । केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत देश में प्राप्त उपलब्धियों को स्वीकारते हुए आज इसे अगले पांच वर्षों तक जारी रखने को मंजूरी प्रदान की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की गयी।
केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पत्रकार वार्ता में मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य मिशन के तहत देश ने कई ऐतिहासिक लक्ष्य हासिल किए हैं। इससे देशभर में करीब 12 लाख स्वास्थ्यकर्मी जुड़े हैं। कोविड के भयावह काल का सामना करने में मिशन ने बड़ी भूमिका निभाई है और देश को 2.20 अरब कोविड टीके लगाए तथा सर्टिफिकेट बांटे गए हैं।
सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार मंत्रिमंडल को वर्ष 2021-22, 2022-23 और 2023-24 के दौरान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत प्रगति से अवगत कराया गया। मंत्रिमंडल को मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर, मृत्यु दर और कुल प्रजनन दर में त्वरित गिरावट तथा टीबी, मलेरिया, कालाजार, डेंगू, तपेदिक, कुष्ठ रोग, वायरल हेपेटाइटिस आदि जैसे विभिन्न रोगों के कार्यक्रमों के संबंध में प्रगति और राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन जैसी नई पहलों से भी अवगत कराया गया।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत प्राप्त उपलब्धियांं-
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत देशभर में 220 करोड़ कोविड-19 वैक्सीन की खुराकें दी गईं।
- वर्ष 1990 के बाद से मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) में 83 प्रतिशत की गिरावट आई है।
- वर्ष 1990 के बाद से 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर में 75 प्रतिशत से अधिक गिरावट आई है।
- टीबी के मामले 2015 में प्रति एक लाख में 237 से घटकर 2023 में 195 हो गए हैं। वहीं इससे मृत्यु दर 28 से घटकर 22 हो गई है।
- प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत 1.56 लाख निक्षय मित्र स्वयंसेवक 9.4 लाख से अधिक टीबी रोगियों की सहायता कर रहे हैं।
- वित्त वर्ष 2023-24 तक आयुष्मान आरोग्य मंदिर केंद्रों की संख्या 1.72 लाख तक पहुँच जाएगी।
- राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन ने 2.61 करोड़ से अधिक व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की।
- भारत ने खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान में 97.98 प्रतिशत कवरेज हासिल किया।
- मलेरिया नियंत्रण प्रयासों से मृत्यु दर और मामलों में कमी आई है।
- कालाजार उन्मूलन लक्ष्य सफलतापूर्वक पूरा हुआ।
- प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम ने वित्त वर्ष 2023-24 में 4.53 लाख से अधिक डायलिसिस रोगियों को लाभान्वित किया है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की शुरुआत 2005 में की गई थी, जिसका उद्देश्य जिला अस्पताल (डीएच) स्तर तक ग्रामीण आबादी, विशेष रूप से कमजोर समूहों को सुलभ, सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली का निर्माण करना था। वर्ष 2012 में राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन की अवधारणा बनाई गई और एनआरएचएम को दो उप-मिशनों यानी एनआरएचएम और एनयूएचएम के साथ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के रूप में पुनः नामित किया गया।
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