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रायपुर। आज भी लोग मुझे मुख्यमंत्री नहीं अपने बीच का व्यक्ति, अपना भाई मानते हैं और कॉल भी करते हैं। व्यस्तता के कारण सभी लोगों से बात करना संभव नहीं हो पाता पर थोड़े-बहुत फोन हम आज भी रिसीव करते हैं और लोगों से बात करते हैं। यह बात एक साक्षात्कार में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रविवार को कही।
उन्होंने कहा कि, धरातल से जुड़कर काम करना मुझे पसंद है। ये सही बात है कि आज भी मैं क्षेत्र के लोगों से सीधे संपर्क में रहता हूँ। एक फोन हमेशा मैं अपने पास रखता हूं। मेरा यह नंबर बहुत पुराना है। जिस दिन जशपुर जिले में टॉवर लगा था और बीएसएनएल वालों ने जो नम्बर मुझे दिया था वह रायगढ़ संसदीय क्षेत्र के हर कार्यकर्ता एवं लोगों के पास है। उस समय किसी को कोई भी परेशानी होती तो मुझे डायरेक्ट कॉल करते थे, बिजली गुल हो या कहीं का ट्रांसफार्मर बदलना हो या हैंडपंप लगवाना हो, लोग मुझसे सीधा शिकायत करते और मैं उसका निराकरण भी करता था।
साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोग मुझे मुख्यमंत्री नहीं बल्कि अपना सेवक समझें। हम उनसे किए गए एक-एक वादों पर खरा उतरेंगे। छत्तीसगढ़ के विकास के लिए यदि आप हमें कोई सुझाव या सलाह देना चाहें तो पत्र या फोन कॉल के माध्यम से दे सकते हैं, इसे हम आशीर्वाद के रूप में स्वीकार करेंगे। विकसित छत्तीसगढ़ बनाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।
सरकार के आगामी पांच साल की कार्ययोजना के सवाल पर विष्णु देव साय ने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता रहेगी कि मोदी की गारंटी में किए गए सभी वादों को पूरा करें। केंद्र की आयुष्मान योजना सहित सभी योजनाएं, जिसे पिछली सरकार ने लागू नहीं किया या अड़ंगा डालने का काम किया, इसे भी धरातल पर लागू करेंगे। अब जब तीसरी बार भी केंद्र में मोदी सरकार बनने जा रही है तो हम यह सुनिश्चित करेंगे कि डबल इंजन सरकार की सभी योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति तक पहुंचे। पर्यटन को बढ़ावा, नक्सलवाद खत्म करना, 100 से अधिक वनोपजों का अधिक से अधिक मूल्य आदिवासियों को मिले, नियद नेल्लानार योजना से नक्सल प्रभावित पांच जिलों तक मूलभूत सुविधाएं एवं सरकार की योजनाओं को पंहुचाना हमारा लक्ष्य है। छत्तीसगढ़ के हित में जो भी जरूरी निर्णय आगे लेने पड़ें वो हम लेंगे। मोदी जी 2047 तक विकसित भारत बनाने में की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, उसमें हम विकसित छत्तीसगढ़ जरूर देखेंगे।
पर्यटन को बढ़ावा देने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ गठन के बाद जब हमारी 15 साल की सरकार थी तब हमने नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी और सरगुजा जहां नक्सलवाद पनपा था, वहां हमारी सरकार के दृढ़ संकल्प के कारण पूरी तरह हमने नक्सलवाद को समाप्त किया। आज बस्तर क्षेत्र का एक बहुत छोटा सा भू-भाग ही नक्सलवाद से ग्रस्त है, लेकिन आज पूरे छत्तीसगढ़ की छवि नक्सली प्रदेश के रूप में है, जो हमारे पर्यटन को प्रभावित कर रहा है। हम सबको मिलकर इसको बदलना है और ये सब के प्रयास से ही संभव हो सकता है। पर्यटन के लिए छत्तीसगढ़ में अपार संभावना है, जो देश के लोगों का ध्यान केंद्रित कर सकती है।
MadhyaBharat
2 June 2024
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