Since: 23-09-2009
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा फैक्ट्री हादसे के बाद प्रशासन जागा है। राज्य सरकार अब उद्योगों में सुरक्षा मापदंड को लेकर गंभीर हो गई है। उद्योग और श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने श्रम विभाग के सचिव को उद्योगों में जानलेवा हादसों में कमी लाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए हैं। इनमें विस्फोटक और ज्वलनशील सामग्रियों का उत्पादन या प्रयोग करने वाले उद्योगों का विशेष सुरक्षा जांच करना शामिल है।
उद्योग मंत्री देवांगन ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से सोमवार की देर शाम मुलकात कर बेमेतरा के औद्योगिक हादसे पर गहन चर्चा की। मुख्यमंत्री ने भी उद्योगों में सुरक्षा सर्वोपरि भाव के साथ सेफ्टी उपायों पर जोर देने पर गंभीरता जताई है। मंत्री देवांगन ने बताया कि उद्योग व्यवस्था में सेफ्टी के साथ कोई लापरवाही नहीं बरती जाएगी। शासन द्वारा अधिकारियों को अधिकार दिया जाएगा ताकि वे सुरक्षा मानकों का नियमित जांच कर सके। इसके लिए मुख्यमंत्री भी बेहद गंभीर हैं।
मंत्री देवांगन ने सीएम से मुलाकात करने के बाद देर शाम को ही श्रम विभाग के सचिव को पत्र जारी किया है। अपने पत्र में बेमेतरा हादसे पर दुःख प्रकट करते हुए लिखा है कि भीषण हादसे में कई श्रमिकों ने अपनी जान गंवाई जो की अत्यंत ही दुखद है। चूंकि राज्य में श्रम विभाग का कार्य राज्य के उद्योगों में कार्यरत श्रमिकों व कर्मचारियों के हितप्रहरी के रुप में कार्य करते हुए उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा को सर्वोपरी रखते हुए श्रमवीरों के आजीविका व जीवन को सुरक्षित रखने के लिए कार्यस्थल पर आवश्यक उपाय सुनिश्चित करना है।
इसके लिए इंडस्ट्रियल सेफ्टी ट्रेनिंग का आयोजन किसी मान्यता प्राप्त एजेंसी द्वारा करवाना व उसकी रिपोर्ट विभाग को प्रदाय करना, जिसकी मासिक और वार्षिक समीक्षा हो। थर्ड पार्टी सेफ्टी ऑडिट एजेंसी की मान्यता को पुनः निर्धारित करना। उद्योग जो प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से ज्वलनशील या विस्फोटक सामग्री का प्रयोग या उत्पादन करते हों, ऐसे सभी उद्योगों का विशेष सुरक्षा जांच व समीक्षा की जाए।
मंत्री लखन लाल देवांगन ने अपने पत्र में यह भी लिखा कि उद्योग में श्रमिकों से 8 घंटे से अधिक काम नहीं लिया जाए। वहीं स्थानीय श्रमिकों को लेकर गंभीरता दिखाई है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है की स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार के अवसर कम उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जबकि छत्तीसगढ ओद्योगिक नीति 2019–24 के अनुरूप उद्योगों द्वारा आर्थिक निवेश प्रोत्साहन प्राप्त करने हेतु अकुशल श्रेणी में न्यूनतम 100 फीसदी, कुशल श्रेणी में न्यूनतम 70 फीसदी और प्रबंधकीय श्रेणी में न्यूनतम 40 फीसदी रोज़गार दिए जाने का प्रावधान है। मंत्री देवांगन ने प्रावधान का पालन करने सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
MadhyaBharat
28 May 2024
All Rights Reserved ©2024 MadhyaBharat News.
Created By: Medha Innovation & Development
|