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जगदलपुर। छत्तीसगढ़ और ओडिशा के ट्रांसपोर्ट यूनियनों में बसों के संचालन को लेकर विवाद बढ़ गया है। शासकीय स्तर पर इसमें हस्तक्षेप नहीं किया तो बसों का संचालन बंद हो सकता है। ओडिशा में छत्तीसगढ़ की यात्री बसों को रोके जाने के बाद यातायात महासंघ से जुड़े बस संचालकों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी बसें ओडिशा में नहीं चलने दी गई तो वे भी ओडिशा से आने वाली बसों को छत्तीसगढ़ में घुसने नहीं देंगे।
इसकी शिकायत परिवहन सचिव एस. प्रकाश और अतिरिक्त परिवहन आयुक्त डी. रविशंकर को ज्ञापन सौंपकर अवगत करवाया गया है कि ओडिशा से आने वाली बसें छत्तीसगढ़ में चल रही है, लेकिन यहां की बसों को वहां रोककर लौटाया जा रहा है। पिछले दिनों यातायात महासंघ की बैठक में तय किया गया था कि जल्द ही इसका समाधान नहीं निकाला गया तो 11 जून से ओडिशा की बसों को छत्तीसगढ़ सीमा पर रोक दिया जाएगा।
छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अनवर अली ने शनिवार को जानकारी देते हुए बताया कि उनकी बसों को ओडिशा में रोका जा रहा है, जबकि अंतरराज्यीय समझौते के तहत ही दोनों राज्यों के बीच बसों का संचालन होता है। उन्होंने इस विवाद का कारण बताते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ से चलने वाली बसों का किराया ओडिशा ट्रांसपोर्ट की अपेक्षा कम होने और सुविधा को देखते हुए यात्री उनकी बसों में सफर करना चाहते हैं। इसे देखते हुए ओडिशा ट्रांसपोर्ट यूनियन के लोग छत्तीसगढ़ की बसों को चलने नहीं दे रहे हैं, जबकि परिवहन विभाग द्वारा समझौते के तहत ही टैक्स, किराया, परमिट और समय निर्धारित किया गया है।
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