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रायपुर। सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में आज आम आदमी की आवाज उठाना, भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना गुनाह हो गया है। देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष चार बार के सांसद राहुल गांधी जब संसद के अंदर बात करते हैं तो उनको बोलने नहीं दिया जाता, उनका माइक बंद कर दिया जाता है। सत्तारूढ़ दल के सांसद बहुमत के अतिवादी चरित्र का प्रदर्शन करते हुये संसद की कार्यवाही नहीं चलने देते है। राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी और विपक्ष की आवाज को नहीं दबा पाते तो एक और षड़यंत्र रचा जाता है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव व छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी सैल्जा ने बुधवार को कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में पत्रकारवार्ता में उक्त बातें कहीं। उन्होंने राहुल गांधी की संसद सदस्यता को समाप्त करने का यह हम पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार ब्योरा दिया।
सैल्जा ने कहा कि राहुल गांधी के ऊपर यह सारी कार्यवाही क्यों की गयी? इसका एकमात्र कारण है राहुल गांधी ने देश के प्रधानमंत्री की दुखती रग पर हाथ रख दिया। उन्होंने मोदी के निकट सहयोगी अडानी के घोटालेबाजी और अडानी-मोदी के गठबंधन पर आवाज उठाया। उन्होंने दो सवाल पूछे थे कि क्या अडानी की शेल कंपनियों में 20 हजार करोड़ रुपये या तीन बिलियन डॉलर कहां से आया ? अडानी इस पैसे को खुद कमा नहीं सकता क्योंकि वो इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस में है। किसका काला धन है? यह किसकी शेल कंपनियां हैं? यह कंपनियां डिफेंस फील्ड में काम कर रही हैं। कोई क्यों नहीं जानता? यह किसका पैसा है? इसमें एक चीनी नागरिक शामिल है। कोई यह सवाल क्यों नहीं पूछ रहा है कि यह चीनी नागरिक कौन है?
राहुल गांधी ने दूसरा सवाल किया कि प्रधानमंत्री का अडानी से क्या रिश्ता है? उन्होंने अडानी के विमान में आराम करते हुए प्रधानमंत्री की तस्वीर दिखाई। उन्होंने रक्षा उद्योग के बारे में, हवाई अड्डों के बारे में, श्रीलंका में दिए गए बयानों के बारे में, बांग्लादेश में दिए गए बयानों के बारे में, ऑस्ट्रेलिया में स्टेट बैंक (भारत के) के चेयरमैन के साथ बैठे नरेंद्र मोदी और अडानी की तस्वीरें, जिन्होंने कथित तौर पर 1 बिलियन का ऋण स्वीकृत किया था, के बारे में दस्तावेज दिए। यह सबूत के साथ सवालों का दूसरा सेट था।
सैल्जा ने कहा कि केंद्र सरकार ने सवाल का जवाब तो नहीं दिया उल्टे राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के भाषण से अडानी घोटाले के महत्वपूर्ण अंश और राहुल गांधी के भाषण (लगभग पूरी तरह से) को संसद के रिकॉर्ड से हटा दिया गया। संसद के बजट सत्र के चल रहे दूसरे भाग में, भारत के इतिहास में पहली बार एक सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा संसद को बाधित कर रही थी और इसे काम नहीं करने दे रही है। यह अडानी को बचाने के लिए एक ध्यान भटकाने की साजिश है। जबकि संयुक्त विपक्ष इस पर जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) चाहता है।
सैल्जा ने पत्रकारों को बताया कि राहुल गांधी 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में चुनावी भाषण देते हैं। 16 अप्रैल 2019 भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने गुजरात के सूरत में शिकायत दर्ज कराई। 23 मार्च 2023 ट्रायल कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी ठहराया और अधिकतम दो साल की सजा सुनाई। 24 मार्च को लोकसभा सचिवालय ने 24 घंटे के भीतर राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी।
उन्होंने कहा कि, हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने के तीन दिन के अंदर लोकसभा के गृह समिति ने मकान खाली करने के लिये 30 दिन का नोटिस दे दिया। यह सारी कार्यवाही यह बताने के लिये पर्याप्त है कि इस देश में तानाशाही और असहिष्णु सरकार चल रही है। पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम, मंत्री टीएस सिंहदेव, मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम, मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा उपस्थित थे।
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