Since: 23-09-2009
शैफाली गुप्ता
जो हाल तुम्हारा हैं वो हाल हमारा हैं .... ये हाल असल में दोनों पार्टियों का हैं .... शिवराज फीनिक्स की संज्ञा देकर कुर्सी ना छोड़ने का संकेत दे रहे हैं .... कमलनाथ मेरे साथ धोखा हुआ था इस बार जनता साथ देगी इस आस में हैं .... लेकिन भरे मंच पर प्रधानमंत्री मोदी प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा की जोर से पीठ ठोक कर कुछ अलग ही संकेत दे रहे हैं .... हो भी क्यों ना बीजेपी एक संगठन हैं .... वी डी शर्मा हो या केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर दोनों संगठन के मास्टर पीस हैं .... पहले बात नरेंद्र सिंह की करे तो 2013 में प्रदेश अध्यक्ष रहकर अपने मैनेजमेंट के दम पर सरकार बनवाई .... वही हाल के प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा ने एक - एक बूथ का माइक्रो मैनेजमेंट अपने हाथ में ले रखा हैं .... उनकी दिन रात की मेहनत कोई नजर अंदाज नहीं कर सकता ....बेहद शांत सभव के वी डी शर्मा एक - एक कार्यकर्त्ता से सीधे संपर्क में रहते हैं .... चुनाव आते ही कुछ गड़े मुर्दे अचानक जिन्दा हो जाते हैं .... वैसा ही इस बार नरेंद्र सिंह के साथ हो रहा हैं .... खैर ये बीजेपी का संगठन हैं जो अपने पथ से नहीं डगमगाता अपना लक्ष निर्धारित करता हैं और निकल पड़ता हैं .... इन सडी बातों से परे फिलहाल फोकस सरकार बनाने पर हैं .... बीजेपी एक मात्र ऐसी पार्टी हैं जो हर क्षण चुनावी मोड़ में रहती हैं ....
बात कांग्रेस की करे तो राह आसान नहीं हैं .... टिकिट वितरण के बाद जो कार्यकर्ताओं की नाराजगी हैं वो उसी को नहीं संभल पाए हैं .... जिसका नुक्सान सीधे कांग्रेस को उठाना पड़ता हैं .... पहले कांग्रेस तीन खेमों में बंटी थी ..... कमलनाथ , दिग्विजय , सिंधिया शायद ये ताकत भी थी जो तीनो खेमों की ताकत एक होकर 2018 में सत्ता में आ पाई .... लेकिन दुर्भाग्य रहा की की तीनो खेमे आपस में सामंजस्य नहीं बिठा पाए और नतीजा ये हुआ की सिंधिया सरकार गिराकर बीजेपी में शामिल हो गए .... अब फिर सत्ता वापसी के लिए कमलनाथ ने अपनी पुरी ताकत जोख रखी हैं ....पूरी बिखरी हुई कांग्रेस को समेटा हैं .... लेकिन दिग्विजय और कमलनाथ की तकरार जब तब मिडिया की सुर्खिया जाती हैं .... फिर दिग्विजय और कमलनाथ को सफाईया देनी पड़ती हैं की हम जय - वीरू हैं ....
खैर अब एक एक मिनट गुजर रहा हैं .... प्रत्याशियों की धड़कने बढ़ रही हैं .... चर्चाओं में कही सीट उलझ रही हैं कही साफ़ निकल रही हैं .... अब बस 17 नवम्बर को जनता का दिन हैं और जनता का फैसला वोटिंग मशीन में कैद हो जायेगा .... फिर एक लाईन याद आ रही हैं ये पब्लिक हैं ये सब जानती हैं .... अभी प्रत्याशियों के लिए ये एक एक मिनट बेशकीमती है ... क्योंकि पंद्रह नवम्बर की शाम से चुनावी प्रचार प्रसार पर रोक लग जाएगी ... ऐसे में सभी उम्मीदवार अपने प्रचार में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं .... मध्यप्रदेश में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है ... हालांकि कुछ विधानसभा सीटों पर सपा, बसपा और निर्दलीय चुनावी मैदान में बेहतर स्थिति में हैं .... भारतीय जनता पार्टी ... केंद्र और राज्य की जनकल्याणकारी योजनाओं को आगे लेकर जा रही है, राजनीतिक विश्लेषक लाडली बहना योजना को भाजपा का मास्टर स्ट्रोक मान रहे है, इतना ही नहीं अयोध्या में बने राम मंदिर की चर्चा एमपी के चुनाव में जोर शोर से हो रही हैं .... वहीँ कांग्रेस पार्टी महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को जोर शोर से उठा रही है....इसके साथ ही कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में किसानों की कर्जमाफी, नारी सम्मान योजना सहित कई लुभावने वादे किये है....कांग्रेस पार्टी ने अपने आंतरिक सर्वे के आधार पर टिकट बाटे तो वही भाजपा ने कई बड़े नेताओं जिनमे कई केंद्रीय मंत्री समेत राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय शामिल हैं को चुनावी मैदान में उतार कर सभी को हैरान कर दिया..जब भाजपा की टिकट की घोषणा हुई तब माना जा रहा था कि बीजेपी ने प्रदेश में अपनी खिसकती जमीन और कमजोर स्थति को देखते हुए इन बड़े नेताओं को विधानसभा चुनाव में उतार दिया है ..... पर जैसे जैसे चुनाव करीब आता गया भाजपा की तरफ से केंद्रीय नेतृत्व ने कमान संभाली और बीजेपी मजबूत होती चली गई .... प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मध्यप्रदेश में ताबड़तोड़ दौरे कर पूरे चुनाव को पलट कर रख दिया .... एक झटके में कांग्रेस बिखरी हुए नजर आने लगी तो वहीँ भाजपा के कार्यकर्ताओं में जोश दिखाई देने लगा .... कांग्रेस के अंदर कुर्ता फाड़ राजनीती हो रही हैं .... तो वहीँ भाजपा के बड़े नेता एकजुट होकर लोगो के बीच पहुंच रहे हैं .... चलते - चलते नजर डालते है उस शख्स पर जिसकी रणनीति ने भाजपा को दोबारा सरकार बनाने के कगार पर ला दिया हैं .... बात वीडी शर्मा की हैं .... जिसकी कार्यशैली से खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ख़ासा प्रभावित हुए... और भरी सभा में शाबासी के तौर पर उसकी पीठ थपथपा दी .... वीडी शर्मा को भरोसा था अपनी रणनीति पर अपने नेतृत्व कौशल पर .....आज अगर मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा जीत अर्जित करती हुए दिखाई दे रही है तो उसका सबसे अधिक श्रेय वीडी शर्मा को ही जाता है ... जिन्होंने खुद प्रदेश में अनेकों रोड शो और सभाएं की.... संगठन के लिए रणनीति बनाई .. केंद्रीय नेतृत्व के भरोसेमंद बने रहे .... और जनता में ये सन्देश ले जाने में सफल हुए कि मध्य प्रदेश का विकास अगर कोई कर सकता है तो केवल डबल इंजन की भाजपा सरकार ही कर सकती है.... भारतीय जनता पार्टी ने अपने कई विधायक के टिकट काटे ...लोगों को लगा कि बीजेपी में बड़ी गुटबाजी उभर कर सामने आएगी ... बागी नेताओं की लाइन लग जाएगी ...पर यह वीडी शर्मा ही थे जिन्होंने अपनी कार्यशैली से भाजपा के हर नेता को एकजुट एक साथ रखा .... यही वजह थी कि हाल ही में नीमच जिले के दौरे पर आये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भरी सभा में भाजपा के बड़े नेताओं के बीच प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की पीठ थप थपाकर कर उन्हें बधाई दी .... जिस वक़्त मोदी वीडी शर्मा की पीठ थपथपा रहे थे.... चारो तरफ वीडी शर्मा के समर्थन में नारे लग रहे थे .... यह नजारा बता रहा था कि प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय नेतृत्व को सबसे ज्यादा भरोसा अब वीडी शर्मा पर ही है और सबसे अधिक प्रभावित भी वीडी शर्मा ने ही किया है ... खुले मंच पर प्रधानमंत्री मोदी का वीडी शर्मा की पीठ थपथपाना सिर्फ एक तस्वीर नहीं है। ... बल्कि संकेत है कि जल्द ही प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा को बहुत बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली है...
Patrakar Shafali Gupta
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