Since: 23-09-2009
भोपाल। राज्यसभा सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा ईवीएम मशीनों की एफएलसी एवं सिंबल लोडिंग यूनिट(एसएलयू) के साॅफ्टवेअर की जानकारी देने संबन्धी पत्र के चुनाव आयोग द्वारा दिये गये जवाब को निराशाजनक एवं भ्रामक बताया है।
दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को कहा कि 29 जनवरी 2024 को मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, मध्यप्रदेश को पत्र लिखकर ईवीएम मशीनों की एफएलसी कराते समय सिंबल लोडिंग यूनिट के साॅफ्टवेअर की जानकारी कांग्रेस पार्टी सहित राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराने की माॅग की गई थी। साथ ही इंटरनेट का उपयोग करते हुए कम्प्यूटर/लेपटाॅप के माध्यम से भेजी जाने वाली जानकारी भी राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराने की मांग की गई थी। दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, मध्यप्रदेश द्वारा अगले ही दिन 30 जनवरी को इसका भ्रामक उत्तर दे दिया गया जो चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है। कांग्रेस पार्टी द्वारा चुनाव आयोग से सिंबल लोडिंग यूनिट (एसएलयू) के साॅफ्टवेअर को उपलब्ध कराने की मांग की गई थी और साथ यह जानना चाहा था कि ईवीएम मशीनों की एफ.एल.सी. कराते समय इंटरनेट कनेक्शन युक्त पीसी/लेपटाॅप से भेजी जाने वाली जानकारी क्या है और किसे भेजी जाती है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के जवाब में मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के दोनों प्रश्न अनुत्तरित हैं तथा इनके जवाब में एफ.एल.सी. की प्रक्रिया की जानकारी दे दी गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि मेन्युअल ऑन इलेक्ट्राॅनिक वोटिंग मशीन का हवाला देते हुये जिस प्रक्रिया की जानकारी मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा दी गई है उसे सभी राजनीतिक दल पहले से ही जानते हैं और उसी की पारदर्शिता और प्रक्रिया पर संदेह पैदा होने के कारण सिंबल लोडिंग यूनिट के साफ्टवेअर की जानकारी चाही गई थी। जब चुनाव आयोग द्वारा कहा जाता है कि ईवीएम का इंटरनेट से कोई संबन्ध नही है तो हमारा सीधा सवाल है क्या सिंबल लोड करते समय इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत होती है और यदि हां तो इस बात को छिपाने की क्या वजह है कि एफ.एल.सी. के समय इंटरनेट के माध्यम से संबंधित कक्ष में स्थापित कम्प्यूटर/लेपटाॅप से किसे और क्या जानकारी भेजी जाती है।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि ईवीएम के प्रति आम जनता और राजनीतिक दलों में चारों ओर जो संदेह फैल चुका है वह चुनाव आयोग को तत्काल दूर करना चाहिए एवं राजनीतिक दलों के ऐसे सवालों के सीधे जवाब दिये जाने चाहिए जो चुनाव की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर छाये हुये कोहरे को साफ करते हों।
MadhyaBharat
1 February 2024
All Rights Reserved ©2024 MadhyaBharat News.
Created By: Medha Innovation & Development
|