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भोपाल। लोकसभा चुनाव को लेकर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी अपनी जीत को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। भाजपा ने प्रदेश की सभी 29 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। पार्टी ने पूर्व सीएम कमलनाथ का किला यानि छिंदवाड़ा ढहाने के लिए एक खास रणनीति अपना रही है। पार्टी एक-एक कर कमलनाथ के करीबियों और जमीनी कार्यकर्ताओं को अपने पाले में शामिल करती जा रही है। अब तक हजारों की संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भाजपा ज्वाइन कर ली है।
अभी हाल ही में अमरवाड़ा के मौजूदा विधायक कमलेश शाह समेत तीन पूर्व कांग्रेसी विधायक, 12 से अधिक जिला व ब्लॉक स्तर के पदाधिकारी 20 से अधिक सरपंच और अलग-अलग नगर पालिकाओं के इतने ही पार्षद समेत कुछ नपा अध्यक्ष भी पाला बदलकर भाजपा के खेमे में आ चुके हैं। राजनीतिक गलियारों में जुन्नारदेव विधायक सुनील उइके और पाढुर्ना विधायक नीलेश उइके के भी पाला बदलने की अटकलें चल रही हैं। बता दें कि कमलनाथ के लिए सीट छोड़ने वाले पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना के निवास पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का पहुंचना भी इसी रणनीति का ही हिस्सा है।
रूठो को मनाने में जुटे विजयवर्गीय
इसके अलावा छिंदवाड़ा में गुटबाजी की शिकार भाजपा अपने रूठों को भी सक्रिय करने में जुटी हुई है। इस काम में भाजपा ने मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को लगाया है। भाजपा के लोकसभा प्रदेश प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह भी पिछले कुछ दिनों से छिंदवाड़ा में डेरा डाले हुए हैं। वहीं नामांकन के बाद से नाथ पिता-पुत्र ने भी खुद को छिंदवाड़ा में ही सीमित कर लिया है। कांग्रेस से मौजूदा सांसद नकुलनाथ और भाजपा से पार्टी के जिलाध्यक्ष बंटी साहू आमने सामने हैं।
गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को सिर्फ 3 विधानसभा सीट जुन्नारदेव, अमरवाड़ा और छिंदवाड़ा से मिली लीड के कारण 37,536 वोटों के मार्जिन से जीत मिली थी। यह स्थिति तब थी, जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। लेकिन इस बार कांग्रेस कमजोर है, जिसका फायदा भाजपा को हो सकता है।
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