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रायपुर। राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन अपने ओड़िशा प्रवास के दौरान आज सोमवार को उड़िया नव वर्ष उत्सव में शामिल हुए।
राज्यपाल श्री हरिचंदन ने नमामि दुनाकिनी अनुकुल्या में आयोजित नववर्ष उत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में अपने उद्बोधन में ओड़िशा के इतिहास, परंपरा, गौरव, संस्कृति और वीरता का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हर उड़िया वासी के रगों में वीरता का खून दौड़ता है। उनका शौर्य और पराक्रम अद्वितीय है। ओड़िशा में हुए पाईका विद्रोह का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा कि इस विद्रोह को स्वतंत्रता संग्राम के रूप में मान्यता दी गई। यह हमारे लिए गौरव की बात है।
ओड़िशा राज्य के गौरव गाथा की पूरे भारत वर्ष में चर्चा और प्रशंसा की जाती है। उन्होंने ओड़िशा वासियों को भाषा, साहित्य और संस्कृति की रक्षा के लिए नेतृत्व करने और राष्ट्र की भलाई के लिए कार्य करने का आहृवान किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने ओड़िशा के जननायकों बक्सी जगबंधु, मधुसूदन दास, गोपबंधु दास, फकीर आदि का भी स्मरण किया।
समारोह में राज्यपाल हरिचंदन ने ओडिशा के प्रमुख व्यक्तियों को सम्मानित किया। इस अवसर पर नमामि दुनाकिनी के सलाहकार और महोत्सव के अध्यक्ष प्रद्युम्न शेटपति सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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