भोपाल । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मध्य प्रदेश में परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा और उसके सहयोगी चेतन सिंह गौर, शरद जायसवाल, रोहित तिवारी के ठिकानों पर छापा मार कार्रवाई की गई थी। इस दौरान चलाए गए सर्च ऑपरेशन में ईडी ने सौरभ के परिजन और दोस्तों के खातों में चार करोड़ रुपये का बैंक बैलेंस पाया है। इसके अलावा 23 करोड़ की संपत्ति भी जांच के दायरे में ली है। भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर में की गई जांच में छह करोड़ रुपये की एफडी की जानकारी भी ईडी के हाथ लगी है। फर्मों और कम्पनियों के जरिए किए गए निवेश का खुलासा हुआ है।
ईडी ने सोमवार को खुलासा किया है कि सौरभ शर्मा के ठिकानों पर पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत की गई जांच के दौरान बैंक खातों और संपत्तियों का ब्यौरा मिला है। इसके एनालिसिस से पता चला है कि सौरभ शर्मा ने परिवार के सदस्यों, दोस्तों, कम्पनियों के नाम पर कई संपत्तियां खरीदी हैं और ये सभी उसके काम में सहयोगी रहे हैं। भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में 8 परिसरों में की गई तलाशी में छह करोड़ रुपये से अधिक की एफडी की जानकारी मिली है। सौरभ शर्मा के सहयोगी चेतन सिंह गौर के नाम काफी अधिक बैंक बैलेंस पाया गया है। ईडी के अनुसार, सौरभ शर्मा के परिवार के सदस्यों और कंपनियों के नाम पर चार करोड़ रुपये मिले हैं। इसके साथ ही 23 करोड़ रुपये से अधिक की अचल संपत्ति और संपत्ति से जुड़े दस्तावेज मिले हैं।
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय भोपाल ने 27 दिसंबर को भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर जिलों में सर्च की है। सौरभ के अलावा उसके सहयोगी चेतन सिंह गौर, शरद जयसवाल और रोहित तिवारी के ठिकानों पर जांच की गई। ये सभी अपराध की आय (पीओसी) के संदिग्ध लाभ पाने वालों में शामिल हैं या सौरभ के कारोबार में सहयोगी हैं। ईडी के अनुसार, भोपाल की लोकायुक्त पुलिस ने मामले में एफआईआर कराई है। इसी आधार पर कार्रवाई की गई। लोकायुक्त पुलिस ने जांच की। इसमें खुलासा हुआ है कि सौरभ शर्मा ने अपने परिवार के सदस्यों और संबंधित फर्मों, कंपनियों के नाम पर आय से अधिक करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित की है। तलाशी में पता चला है कि जब वह परिवहन विभाग में आरक्षक था, तब भ्रष्टाचार के जरिए गलत तरीके से संपत्ति बनाई। ईडी के अनुसार, इससे पहले आयकर विभाग ने कार्रवाई में 52 किलोग्राम वजनी सोने की छड़ें और 11 करोड़ रुपए कैश बरामद किए थे।
दरअसल, सौरभ शर्मा के ठिकानों पर लोकायुक्त की टीम ने 19 दिसंबर को छापा मारा था। इस दौरान करोड़ों रुपये की नकदी और सोना-चांदी का जखीरा मिला था। इसी दिन रात में सौरभ के दोस्त चेतन की कार से 54 किलो सोना और 11 करोड़ रुपये बरामद हुए थे। इतनी भारी मात्रा में सोना और कैश बरामद होने के बाद मामले की जांच चार अलग-अलग ऐजेंसियों ने करनी शुरू की है। इसी सिलसिले में ईडी ने 27 दिसंबर को सौरभ शर्मा और अन्य के मामले में भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर जिलों में स्थित विभिन्न ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया। इस तलाशी अभियान में करोड़ों रुपये के चल-अचल संपत्ति से जुड़े दस्तावेज बरामद किए गए थे। इसे फिलहाल ईडी ने जब्त कर लिया है।
फिलहाल, सौरभ के मामले में चार जांच एजेंसियां जुटी हुई हैं। डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस उस गाड़ी की जांच कर रही है, जिसमें गाड़ी से 54 किलो सोना मिला था। यह एजेंसी ये पता लगा रहा है कि वो सोना वैध तरीके से खरीदा गया था या अवैध तरीके से। वहीं आयकर विभाग इस बात की जांच में जुटा हुआ है कि 54 किलो सोना खरीदा गया, उसका भुगतान कैसे हुआ है। क्योंकि दो लाख से ज्यादा का पेमेंट कैश में नहीं हो सकता है। वहीं, ईडी इस बात की जानकारी जुटा रही है कि अपराध से कमाए गए पैसे का ट्रेल क्या है? इस घटना में और कौन-कौन लोग शामिल हैं? साथ ही जो संपत्ति मिल रही है, वह किन लोगों के नाम है। इसके अलावा लोकायुक्त की टीम इस बात की जानकारी जुटाने में लगी है कि सात साल की नौकरी के दौरान सौरभ की सेलरी क्या थी और उसने उस दौरान कितनी संपत्ति बनाई थी?
Madhya Bharat
30 December 2024