इंदौर । भोपाल के यूनियन कार्बाइड कारखाने के जहरीले कचरे को पीथमपुर के तारपुरा गांव स्थित रामकी एनवायरो फैक्टरी में जलाने की प्रक्रिया शुक्रवार को शुरू कर दी गई है। फैक्टरी के इंसीनरेटर में पहले ट्रायल रन में 10 टन कचरा नष्ट किया जाएगा। इस दौरान मध्य प्रदेश प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी, धार के जिला कलेक्टर प्रियंक मिश्र, पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह समेत अन्य अफसर मौजूद हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम दो विशेषज्ञ डाक्टरों के साथ कंपनी परिसर के बाहर हैं।
फैक्टरी परिसर के अंदर स्पेशल आर्म्ड फोर्स के 130 जवान और बाहर डीएसपी रैंक के अधिकारी तैनात हैं। साथ ही आसपास के सभी रास्तों की नाकाबंदी की गई है। बिना पूछताछ किसी को भी कंपनी परिसर के पास जाने की इजाजत नहीं है। इसके साथ ही इंदौर और धार जिले के सभी थानों के पुलिसकर्मी सुरक्षा-व्यवस्था संभाल रहे हैं। करीब 650 जवान शहर के अलग-अलग चौराहों, कॉलोनियों और तारपुरा गांव में तैनात किए गए हैं।
गौरतलब है कि भोपाल गैस त्रासदी के 40 साल बाद यूनियन कार्बाइड कारखाने में डम्प पड़े 337 टन कचरे को गत दो जनवरी को 12 कंटेनरों में भरकर पीथमपुर पहुंचाया गया था। पीथमपुर में यूका का कचरा पहुंचने के 56 दिन 11 घंटे बाद 27 फरवरी (गुरुवार) दोपहर बाद 12 में पांच कंटेनर खोल कचरे को बाहर निकाला गया। इसके बाद शुक्रवार सुबह इसे भस्मक में डाल भस्म करने की प्रक्रिया शुरू की गई। प्रतिघंटा 135 किलो कचरा भस्मक में डाला जाएगा। करीब 10 टन जहरीले कचरे को 74 घंटों में नष्ट करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
मध्य प्रदेश प्रदूषण विभाग के रीजनल अधिकारी श्रीनिवास द्विवेदी ने बताया कि जहरीले कचरे से निकलने वाली राख, गैस, सॉलिड पार्टिकल और पानी को उचित तरीके से नष्ट किया जाएगा। यह पूरा काम केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों की निगरानी में होगा। रामकी एनवायरो फैक्टरी से सटे तारपुरा गांव में भी पुलिस के जवान तैनात हैं।
इधर, पीथमपुर में जहरीले कचरे को जलाने की प्रक्रिया शुरू होने के बाद शहर के लोग डरे हुए हैं। स्थानीय ग्रामीण घरों में बंद हैं। सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। कुछ किरायेदार डर के कारण मकान खाली कर दूसरी जगह चले गए हैं।
इस मामले को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि यूनियन कार्बाइड के कचरे को लेकर सरकार कोर्ट का बहाना बना रही है। इसके पीछे उनके नेताओं के आर्थिक हित छिपे थे। मैं स्थानीय नेताओं और प्रशासन को चुनौती देता हूं कि रामकी कंपनी के आस-पास के 10 किलोमीटर के भू-जल की जांच की जाए अगर उसमें कैंसर के तत्व नहीं मिलेंगे तो मैं सार्वजनिक माफी मांगूगा।
पटवारी के बयान के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि भोपाल में 10 लाख से ज्यादा लोग यूनियन कार्बाइड के कारण मारे गए थे। इसमें कांग्रेस के तत्कालीन शासन की लापरवाही थी। उन्होंने एक तरफ भोपाल को मरने के लिए छोड़ दिया था, दूसरी तरफ अब डराने का काम कर रहे हैं। माफी तो उन्हें मांगनी ही चाहिए।