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भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश जनजातीय विकास के उत्कृष्ट कार्यों का देश में मॉडल प्रस्तुत करें। अलग-अलग और विभिन्न क्षेत्रों के विकास प्रयासों को एकीकृत स्वरूप में प्रस्तुत किया जाना जरूरी है। इस दिशा में प्रकोष्ठ विभिन्न विभाग के साथ समन्वय और सामंजस्य के साथ कार्य करें। उन्होंने कहा कि सप्ताह में दिवस निर्धारित कर विभिन्न विभागों के साथ विचार-विमर्श कर जनजातीय कल्याण के प्रयासों को मज़बूती दी जाए।
राज्यपाल पटेल मंगलवार को राजभवन में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, वित्त, वन, जनजातीय कार्य, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, ग्रामीण विकास विभाग, हिमोग्लोबिनपैथी मिशन, आजीविका मिशन के वरिष्ठ अधिकारियों और जनजातीय प्रकोष्ठ के सदस्यों की प्रथम परिचयात्मक बैठक को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि जनजातीय बजट का शत-प्रतिशत व्यय सुनिश्चित किया जाए। बजट पारित होने के साथ ही निर्धारित योजनाओं और कार्यक्रमों में व्यय का प्रारंभ किया जाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि वित्तीय वर्ष में आवंटित बजट का उपयोग अनिवार्यता वर्ष में किया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि जनजातीय विकास के लिए प्रावधानित राशि का उपयोग सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के आधार पर ही होना अनिवार्य है।
राज्यपाल पटेल ने वन अधिकार पट्टों के वितरण, सिकल सेल जाँच कार्य की प्रगति के संबंध में भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि सिकल सेल जाँच कार्य में गर्भवती माताओं की जाँच प्राथमिकता के साथ की जाए। आँगनवाड़ी केंद्रों में भी जाँच की जाए। इससे जाँच कार्य में गति आएगी। उन्होंने कहा कि रोग के स्वरूप और रोकथाम प्रयासों के प्रभावी नियोजन के लिए विभिन्न स्तर और क्षेत्रों में हो रहे जाँच कार्य का समेकित डेटा संकलन आवश्यक है।
उन्होंने सिकल सेल एनीमिया वाहक और रोगियों को स्वस्थ जीवनशैली के संबंध में जागृत किए जाने की जरूरत भी बताई। राज्यपाल ने जनजातीय विद्यार्थियों द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर परिणामों की जानकारी पर जनजातीय कार्य विभाग को बधाई दी।
जनजातीय प्रकोष्ठ के अध्यक्ष दीपक खांडेकर ने बताया कि प्रदेश का जनजातीय विकास बजट देश में सबसे बड़ा है। प्रकोष्ठ द्वारा जनजातीय विकास की विभागीय और बजट के अतिरिक्त भौतिक उपलब्धियों के समग्र प्रस्तुतिकरण की व्यवस्था की जाएगी। जनजातीय विकास और कल्याण के कार्यों, चुनौतियों के समाधान और जमीनी समस्याओं के निराकरण के व्यवस्थागत प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि प्रकोष्ठ द्वारा संबंधित विभागों के साथ सतत समन्वय बनाकर कार्य किया जाएगा।
जनजातीय कार्य विभाग की प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोविल ने प्रस्तुतिकरण के द्वारा जनजातीय विकास के कार्यों की जानकारी दी।
बैठक में राज्यपाल के प्रमुख सचिव डीपी आहूजा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव मलय श्रीवास्तव, वन विभाग के प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल, ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव, वित्त सचिव अजीत कुमार, स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े, जनजातीय प्रकोष्ठ के सदस्य सचिव बीएस जामोद, विधि विशेषज्ञ भग्गू सिंह रावत, विषय-विशेषज्ञ डॉ. दीपमाला रावत और विधि सलाहकार विक्रांत सिंह कुमरे सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
MadhyaBharat
10 May 2022
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