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'मेक इन इंडिया" तकनीक पर आधारित होगी
छत्तीसगढ़ में BSNL की साल के अंत तक बीएसएनएल की 4जी सेवा शुरू होने वाली है। बीएसएनएल की 4जी सेवाएं 'मेक इन इंडिया" तकनीक पर आधारित होगी। छत्तीसगढ़ के अलग-अलग क्षेत्रों में 4जी की टेस्टिंग हो चुकी है। पहले चरण में 300 मोबाइल टावरों के जरिए 4जी की लांचिंग की जाएगी। इसके बाद धीरे-धीरे प्रदेशभर में नेटवर्क का विस्तार किया जाएगा। वर्तमान में बीएसएनएल का 2जी-3जी नेटवर्क है। 4जी की लांचिंग के बाद बीएसएनएल का सीधा मुकाबला निजी कंपनियों के साथ होगा। उम्मीद जताई जा रही है कि ग्राहकों को बेहतर डेटा स्पीड मिलेगी। 1500 करोड़ की लागत से 1670 टावर लगेंगे। दूरसंचार निगरानी प्रकोष्ठ एवं प्रवर्तन विभाग के उप महानिदेशक नीरेश शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार के संचार मंत्रालय के मुताबिक छत्तीसगढ़ के हर गांव में मोबाइल नेटवर्क के लिए 1500 करोड़ की लागत से 1670 मोबाइल टावर लगाएं जाएंगे। इस परियोजना का लक्ष्य अक्टूबर-2023 तक रखा गया है। अधिकारियों के मुताबिक, प्रदेश में 14 आदिवासी जिले नक्सल प्रभावित हैं। इन जिलों के गांवों में 4जी सेवा प्रदान करने के लिए 845 करोड़ की लागत से 971 टावर लगाएं जाएंगे। BSNL में योजना विभाग की महाप्रबंधक माधुरी निम्जे ने बताया कि बीएसएनएल का 4जी पूरी तरह मेक इन इंडिया पर आधारित होगा। इसके लिए टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के साथ राष्ट्रीय स्तर पर समझौता किया गया है। BSNL प्रबंधन द्वारा मेक इन इंडिया तकनीक से ही 4जी उपकरणों की स्थापना होगी। काफी जल्दी प्रदेशभर के लोगों को नई तकनीक का अनुभव मिलने वाला है। बीएसएनएल में मोबाइल शाखा के महाप्रबंधक कुश मनहर ने बताया कि दिसंबर-2022 तक प्रदेश में 4जी की लांचिग हो सकती है। धीरे-धीरे नेटवर्क का प्रदेशभर में विस्तार किया जाएगा।
MadhyaBharat
28 May 2022
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