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धमतरी। खेतों में पककर व कटाई के बाद रखे चना तथा गेहूं फसल के लिए बेमौसम वर्षा नुकसानदायक रहा। वर्षा में भीगने के बाद फसल काली पड़ गई है। उत्पादन पर इसका विपरीत असर पड़ेगा। साथ ही दाम भी प्रभावित होगा। इससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं खराब मौसम का सिलसिला जारी होने की वजह से कटाई-मिंजाई प्रभावित है।
अंचल के ग्राम पंचायत रूद्री, गंगरेल, बरारी, कोटाभर्री, अछोटा, शंकरदाह, मथुराडीह, कलारतराई, खरेंगा समेत कई गांवों के किसान रबी सीजन में अपने खेतों पर चना, गेहूं समेत अन्य दलहन-तिलहन फसल की खेती किए है। मार्च माह में फसल पकने के बाद कटाई-मिंजाई जारी था, इस बीच बेमौसम वर्षा और आंधी तूफान होने से किसानों के तैयार फसल प्रभावित है। 25 मार्च को ग्राम कोटाभर्री, बरारी समेत कुछ अन्य गांवों में देखा गया है कि वर्षा से भीगने के बाद गेहूं फसल काला पड़ गई है। ऐसे में उत्पादन भी प्रभावित होगा। बादल वाला मौसम व बेमौसम वर्षा के चलते कटाई-मिंजाई फिलहाल प्रभावित है। समय पर कटाई-मिंजाई नहीं होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। अब इन किसानों को मौसम खुलने का बेसब्री से इंतजार है। इस साल गंगरेल बांध से सिंचाई पानी नहीं देने की वजह से ज्यादातर किसान अपने खेतों पर गेहूं व चना फसल लगाए है, लेकिन खराब मौसम से उत्पादन प्रभावित हुआ है। सब्जी उत्पादकों के खेतों में इन दिनों कई तरह की भाजी तैयार हो रही है, लेकिन बेमौसम वर्षा से फसल प्रभावित है। वर्षा व बादल वाला मौसम के चलते भाजी में पीलापन की शिकायत है। वहीं बैगन समेत अन्य सब्जी उत्पादन पर कीट-प्रकोप बढ़ गई है। इससे सब्जी उत्पादक परेशान है। पहले ही बाजार में सस्ते भाव से खेती की लागत नहीं मिल पा रही है, ऐसे में बेमौसम वर्षा ने और परेशानी बढ़ा दी है। कृषि विशेषज्ञ अधिकारी एफएल पटेल ने बताया कि बादल वाला मौसम व बेमौसम वर्षा दलहन-तिलहन फसल के लिए नुकसानदायक है। हालांकि ज्यादातर किसानों के चना व गेहूं फसल की कटाई-मिंजाई हो गई है, लेकिन पिछड़े हुए फसल के लिए नुकसानदायक है। वहीं सब्जी खेती के लिए यह मौसम बहुत ही खराब है। फसल खराब होने के साथ कीट-प्रकाेप बढ़ेंगे।
MadhyaBharat
25 March 2023
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