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नई दिल्ली । कांग्रेस ने स्टारलिंक के साथ भारत की दो टेलीकॉम कंपनियों एयरटेल और जियो की साझेदारी की घोषणा पर सवाल उठाए हैं। पार्टी ने कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में कनेक्टिविटी को चालू रखने या बंद करने का अधिकार किसके पास होगा।
कांग्रेस महासचिव (संचार) एवं सांसद जयराम रमेश ने आज यहां एक बयान में कहा कि मात्र 12 घंटों के अंदर ही एयरटेल और जियो, दोनों ने स्टारलिंक के साथ साझेदारी की घोषणा कर दी, जबकि अब तक वे इसके भारत में आने को लेकर लगातार आपत्तियां जताते आ रहे थे। जयराम ने कहा कि यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि इन साझेदारियों को खुद प्रधानमंत्री ने ही राष्ट्रपति ट्रंप के साथ सद्भावना के लिए स्टारलिंक के मालिक एलन मस्क के जरिए सुगम बनाया है।
जयराम रमेश ने कहा कि इस साझेदारी के ऐलान के बाद कई अहम सवाल अभी भी बने हुए हैं। शायद सबसे महत्वपूर्ण सवाल राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है। जब राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा कोई मामला होगा, तब कनेक्टिविटी को चालू या बंद करने की शक्ति किसके पास होगी? स्टारलिंक के पास या इसके भारतीय साझेदारों के पास? क्या अन्य सैटेलाइट-आधारित कनेक्टिविटी प्रदाताओं को भी अनुमति दी जाएगी और यदि हां, तो किस आधार पर?
कांग्रेस नेता ने कहा कि निश्चित रूप से एक बड़ा सवाल टेस्ला के भारत में निर्माण को लेकर भी है। क्या अब जब स्टारलिंक को भारत में प्रवेश मिल गया है, टेस्ला के निर्माण को लेकर कोई प्रतिबद्धता जताई गई है?
उल्लेखनीय है कि भारत की दो दिग्गज टेलीकॉम कंपनियों एयरटेल और जियो ने क्रमशः 11 और 12 मार्च को एलन मस्क की स्टारलिंक के साथ समझौता किया। इस करार के बाद भारत के उन इलाकों में इंटरनेट पहुंच पाना संभव हो सकता है, जहां टावर या ऑप्टिकल फाइबर केबल नहीं हैं।
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