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धमतरी।नियमितीकरण सहित अन्य मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी संघ ने जिला मुख्यालय में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। गांधी मैदान में कर्मचारियों ने शासन विरोधी जमकर नारे लगाए। नाराज संविदा कर्मचारियों ने कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं हाेगी संघ की हड़ताल जारी रहेगी। इस हड़ताल में जिले भर के चार हजार से अधिक कर्मचारी शामिल रहे।
छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले यह आंदोलन पूरे प्रदेश में किया जा रहा है। जिन विभागों के कर्मचारी हड़ताल पर गए हैं उनमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, पंचायत, कृषि, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग, प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना, जैसे विभाग शामिल हैं।बीते चार सालों से अलग- अलग समय पर कर्मचारी संगठन आंदोलन करते रहे हैं। कर्मचारी नेताओं ने आरोप लगाया है कि कई बार बातचीत की पहल करने के बावजूद प्रशासनिक अफसरों ने कोई चर्चा नहीं की और ना ही इनकी मांगों पर ध्यान दिया। मजबूर होकर अब अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर्मचारियों को करना पड़ा है।
छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के सदस्यों ने बताया कि 90 विधायकों को ज्ञापन सौंपने के बाद भी संवेदनहीनता की स्थिति बनी जिसकी वजह से अब अनिश्चितकालीन हड़ताल करनी पड़ रही है।
कांग्रेस ने किया था वादा
महासंघ के जिला संयोजक जिला धमतरी डा ओमप्रकाश मत्स्यपाल ने बताया कि संविदा कर्मचारियों से साल 2018 के चुनाव के समय जन घोषणा पत्र लाकर कांग्रेस ने वादा किया, कि सरकार बनने के कुछ ही दिन बाद सभी को नियमित कर दिया जाएगा। चार साल छह महीने बीत जाने के बाद भी यह वादा अधूरा है जिसका विरोध लोकतांत्रिक तरीके से किया जा रहा है। 10 जुलाई से राजधानी रायपुर में विरोध प्रदर्शन होगा।
स्वास्थ्य विभाग सबसे ज्यादा प्रभावित
तीन जुलाई से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत आने वाले कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। जिसका आंशिक असर स्वास्थ्य विभाग में पड़ा है। लेकिन इसका सबसे ज्यादा असर आज चार जुलाई से होगा जब नियमित कर्मचारी भी हड़ताल पर चले जाएंगे। सिर्फ चिकित्सकों को छोड़कर अन्य समस्त कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे, जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा जाएगी। जिला अस्पताल में तो संविदा कर्मचारियों के साथ जीवनदीप समिति के भी कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। जिले में लगभग 600 एनएचएम के कर्मचारी है जिसमें 450 हड़ताल पर हैं, बाकी 150 कल से जाएंगे।
सिविल सर्जन डा अरुण टोंडर ने बताया कि तीन जुलाई से एनएचएम के 37, जेडीएस के 21 कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। चार जुलाई से रेगुलर कर्मचारी भी हड़ताल पर चले जाएंगे वैकल्पिक व्यवस्था के तहत शासकीय एवं निजी नर्सिंग प्रशिक्षण केंद्र के विद्यार्थियों को बुलाया जाएगा। जरूरत पड़ने पर निजी अस्पताल से सेवाएं ली जा सकती है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा एसके मंडल ने बताया कि पहले दिन एनएचएम के कर्मचारियों के जानेग से कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा है। शाम तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि रेगुलर के कितने कर्मचारी जा रहे हैं।
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