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भोपाल । मध्य प्रदेश में लगातार बढ़ रहे यौन अपराधों पर लगाम लगाने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में महिला एवं बाल सुरक्षा को सुनिश्चित करने तथा शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन को कड़े निर्देश दिए है। इसी क्रम में शुक्रवार को डीजीपी सुधीर सक्सेना ने वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में यौन अपराधों की प्रभावी रोकथाम, यौन अपराधियों की सघन जांच और यौन अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए कार्रवाई हेतु सभी पुलिस अधीक्षकों को आवश्यक निर्देश दिए। वीसी में प्रदेश के सभी जोनल आईजी/एडीजी भोपाल एवं इंदोर कमिश्नरेट के आयुक्त, सभी जिलों के एसपी तथा इंदौर और भोपाल के पुलिस उपायुक्त सम्मिलित रहे।
डीजीपी सक्सेना ने निर्देशित किया की आज से ही लैगिंक अपराधों में संलिप्त रहे लोगों के विरूद्ध अभियान चलाकर प्रदेश के सभी थाना क्षेत्रों में विगत दस वर्षों में इस तरह के अपराधों में लिप्त रहे लोगों की सघन जाँच एवं निगरानी सुनिश्चित करें। पुलिस के विभिन्न डाटा बेस से यौन अपराधियों विशेषत: एक से अधिक बार इस तरह के अपराध को अंजाम देने वाले अपराधियों की जानकारी प्राप्त करें । यदि वे अपना क्षेत्र छोड़कर कहीं भी निवास कर रहे हों तो संबंधित पुलिस थाने को जानकारी दे ताकि उसकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा सके।
अपने-अपने थाना क्षेत्र में ऐसे अपराधियों की कोई भी गतिविधी या आचरण संदिग्ध या संदेहास्पद पाए जाने पर हिदायत दें एवं आवश्यक होने पर बॉउन्ड ओवर सहित विधि अनुसार कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करें। अपराधियों की हिस्ट्रीशीट तैयार करें तथा आदतन अपराधियों पर विशेष नजर रखें। उन्होंने कहा कि शासन की मंशानुसार पॉस्को एक्ट तथा अन्य यौन अपराधों संबंधित फास्ट ट्रेक कोर्ट में चल रहे मामलों के त्वरित निराकरण के लिए निरंतर फॉलोअप लें तथा डीपीओ और अन्य संबंधित अधिकारियों से सतत् संपर्क कर पीडि़त को त्वरित न्याय तथा अपराधी को कड़ी सजा दिलाने के लिए सार्थक प्रयास करें।
सभी स्कूलों में सुप्रीमकोर्ट की गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित कराएं
डीजीपी सक्सेना ने कहा कि प्रदेश के सभी स्कूलों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षा के संबंध में जारी गाइडलाइन के अनुरूप जिला प्रशासन के सहयोग से सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराएं। उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों के समस्त स्टॉफ का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्यत: कराया जाए। साथ ही स्कूल परिसर के आसपास के लोगों तथा रास्तों पर भी सजग चौकसी रहे। परिसर/वाहनों में सीसीटीवी कैमरों का चालू रहना सुनिश्चित किया जाए। किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि/संदेहास्पद व्यक्ति पाया जाने पर नजरअंदाज न करें, पूरी जाँच पड़ताल कर आवश्यक कदम उठाएं।
डीजीपी ने कहा कि इस तरह के अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए पुलिस के साथ समाज की सक्रिय सहभागिता अनिवार्य है। अत: पुलिस आमजन से सतत् संवाद कायम रखे। उन्होंने कहा कि रहवासी संघो (हाउसिंग सोसायटी)/मल्टी स्टोरिज में महिला/बाल सुरक्षा को लेकर रहवासियों को संवेदनशील करें। रहवासी स्थलों पर डार्क स्पॉट की पहचान की जाकर उसे खत्म करने हेतु आवश्यक व्यवस्थायें करवाएं। रहवासियों को कहें कि किसी भी संदेही की सूचना तत्काल पुलिस को देना सुनिश्चित करें। साथ ही किराएदार/नौकर/अस्थायी कर्मचारी का चरित्र सत्यापन भी अनिवार्यत: कराएं।
महिला/बाल सुरक्षा का रखें विशेष ध्यान
नवरात्रि में गरबा स्थल पर महिला सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें। गरबा स्थल के आसपास विशेष पेट्रोंलिंग कराएं। गरबा स्थल पर आवागमन के रास्तों पर ड्रोन कैमरों का भरपूर उपयोग करें। दुर्गा उत्सव समिति के वालेंटियरों का भी सहयोग लें। गरबा स्थल पर विडियोग्राफी की व्यवस्था सुनिश्चित करें। गरबा समाप्ति के बाद भी तब तक पुलिस पेट्रोंलिंग चालू रहे जब तक की सभी महिलाएं/बच्चियाँ सुरक्षित घर न पहुँच जाएं, हर हाल में कानून-व्यवस्था चाक चौबंद रहे।
वीसी में स्पेशल डीजी श्रीमती प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव, एडीजी चंचल शेखर, पवन श्रीवास्तव, आईजी डॉ आशीष, अंशुमान सिंह, हिमानी खन्ना सहित अन्य अधिकारी भी सम्मिलित रहे।
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