निवाड़ी । बुंदेलखंड की अयोध्या कही जाने वाली मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले में स्थित ऐतिहासिक नगरी ओरछा में तीन दिवसीय श्रीराम-जानकारी विवाह महोत्सव शनिवार को कुंवर कलेऊ के साथ संपन्न हुआ। ओरछा में शुक्रवार की रात श्रीराम राजा सरकार की धूमधाम से बारात निकली, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए। इसके बाद जनकपुरी में रात में श्रीराम-जानकी विवाह की रस्में हुईं।
ओरछा में विवाह पंचमी पर श्रीरामराजा सरकार दूल्हा बने और खजूर की पत्तियों का मुकुट पहनकर पालकी में बिराज कर जानकी संग विवाह के लिए निकले तो पूरा नगर बाराती बन गया। बारात के लिए भगवान की पालकी बाहर निकलते हुए यहां पर सशस्त्र जवानों ने भगवान को गार्ड ऑफ ऑनर पेश किया। इसके पूर्व मंदिर के अंदर पालकी में भगवान के बिराजने के बाद पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रह्लाद पटेल एवं उद्यानिकी तथां खाद्य प्रसंस्करण व निवाड़ी जिले के प्रभारी मंत्री नारायन सिंह कुशवाह ने तिलक कर पालकी उठाई एवं भगवान का फूल मालाओं से टीका कर भेंट अर्पित की।
क्षेत्रीय विधायक अनिल जैन, कलेक्टर लोकेश कुमार जांगिड़, पुलिस अधीक्षक डॉ. राय सिंह नरवरिया एवं अधिकारियों ने दूल्हा सरकार की पालकी अपने कंधों पर लेकर मंदिर से बारात पूर्व गार्ड ऑफ आर्नर स्थल तक लेकर आए। इस अवसर पर सांसद प्रतिनिधि राजेश पटैरिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ज्योति ठाकुर, जिला पंचायत सीईओ रोहन सक्सेना, अपर कलेक्टर एचबी शर्मा, एसडीएम अनुराग निंगवाल व सतीश वर्मा, डिप्टी कलेक्टर विनीता जैन व राजेन्द्र मिश्रा, तहसीलदार सुमित गुर्जर व शुभम मिश्रा, डीएसओ सरिता अग्रवाल, सीएमओ शिशुपाल सिंह राजपूत एवं संबंधित अधिकारी तथां जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
विधिवत मंत्रोच्चार के साथ किया पूजन
बुंदेलखंड की अयोध्या ओरछा में विवाह पंचमी के अवसर पर श्रीराम जानकी विवाह के लिए देशभर से लोग यहां एकत्रित हुए। श्रीराम विवाह के लिए उमड़े सैलाब को देखकर विदेशी पर्यटक भी इस आयोजन को लेकर रोमांचित होते दिखाई दिए। सभी को इंतजार था तो मंदिर के पट खुलने और दूल्हा के वेश में अपने राजा को देखने का। मंदिर के पट खुलते ही श्रद्धालुओं की भीड़ अंदर जाने को बेताव होती दिखाई दी और पल भर में ही मंदिर का आंगन श्रद्धालुओं से भर गया। पट खुलने के बाद भगवान की आरती हुई और भवनान को दूल्हा के वेश में पालकी में विराजमान किया गया। कलेक्टर जांगिड़ ने सपत्नीक दूल्हा सरकार का विधिवत मंत्रोच्चार के साथ पूजन कर भेंट अर्पित की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि मंत्री पटेल एवं प्रभारी मंत्री कुशवाह ने भी दूल्हा सरकार का पूजन कर प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। साथ ही क्षेत्रीय विधायक, पुलिस अधीक्षक एवं अधिकारियों ने भी दूल्हा सरकार का टीका कर भेंट अर्पित की। प्राचीन नगरी में भगवान श्रीरामराजा सरकार के विवाह महोत्सव पर रात्रि में भव्य बारात निकाली गई। पालकी में दूल्हा जू के रूप में बिराजे भगवान की बारात मंदिर के दरवाजे के बाहर निकली, उसी समय सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा सलामी दी गई।
राजशाही अंदाज
भगवान की बारात ने लोगों का एक बार फिर से बुंदेलखण्ड के राजसी वैभव की याद दिला दी। आधुनिक सुविधाओं के बीच भी यह महोत्सव प्राचीन बुंदेली स्वरूप एवं परम्पराओं के साथ आयोजित किया जाता है। यहां भगवान को जहां आज भी पालकी में विराजमान किया जाता है, वहीं परंपरा के अनुरूप उनके सिर पर खजूर की पत्तियों का मुकुट सजाया जाता है। पालकी के एक ओर छत्र तो दूसरी ओर चमर को देखकर सैकड़ों वर्ष पुराने राजसी ठाट की याद ताजा हो जाती है। आकर्षक विद्युत रोशनी से जगमगा रहे ओरछा में मशालची मशाल लेकर बारात के आगे राह दिखाते हुए चलते हैं।
भगवान की बारात राजसी ठाट वाट के साथ मंदिर के पीछे से होकर पूरे नगर में घुमाई गई। बारात में राजशाही के समय पर साथ में चलने वाले प्रतीक चिह्न जिसमें जलती हुई मशाल पालकी के आगे चांदी की छड़ी के साथ दरवान तथा राजसी चिह्न तिकोना आदि जो प्रमुख आकर्षण थे, साथ में चल रहे थे। बारात में बड़ी संख्या में धर्मध्वज जय श्रीराम के नारे के साथ-साथ लोग श्रीराम धुन गा रहे थे। बारात में प्राचीन समय में बजने वाला रमतूला, बैंड-बाजे, विद्युत सजावट आदि के साथ साथ बारात के आगे बड़ी संख्या में घोड़े नृत्य करते हुए चल रहे थे। बारात में गोले भी चलाये जा रहे थे। नगर में घर-घर पालकी रोक कर भगवान का स्वागत एवं आरती उतारी गई तथा तिलक कर भेंट दी गई। मध्य रात्रि में जानकी जी के मंदिर पर द्वारचार एवं टीका संस्कार संपन्न हुआ। यहां टीका के समय आतिशबाजी की गई एवं प्रसाद वितरण किया गया। इसके बाद शनिवार सुबह बारात पुनः रामराजा मंदिर पहुंची। बारात में बड़ी बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, जो पूरे समय उत्साह में दिखाई दिए।
पारंपरिक वैवाहिक गीतों-भजनों से गुंजायमान हुआ मंदिर
पर्यटक नगरी ओरछा में 05 दिसंबर से 07 दिसंबर तक तीन दिवसीय श्रीराम विवाह महोत्सव (विवाह पंचमी) का आयोजन धूमधाम-हर्षोल्लास से किया गया। तहसीलदार सुमित गुर्जर द्वारा शनिवार सुबह दूल्हा सरकार की कुंवर कलेऊ पारंपरिक रस्म को विधिवत मंत्रोच्चार एवं पारंपरिक वैवाहिक गीतों के साथ किया गया। इस अवसर पर पुजारी वीरेन्द्र विदुआ, संबंधित अधिकारी एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। बारात में हर कोई आनंदित दिखाई दे रहा था। हजारों की संख्या में श्रद्धालु बारात में नाच रहे थे। इस अद्भुत आनंद के वशीभूत विदेशी पर्यटक भी खुद को नहीं रोक पाये और वह भी बारात में खूब थिरके। बारात में घोड़ा, बैंड के साथ ही देशी वाद्य यंत्र रमतूला, ढोल, नगड़िया, झेला, मजीरा की धुन पर विदेशियों ने जमकर ताल मिलाई। इस तीन दिवसीय श्रीराम विवाह महोत्सव पर प्रांतीय कलाकार संघ के तत्वावधान में सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ-साथ श्री सीताराम के विवाह की संगीतमयी कथा एवं भजन तीनों दिन प्रस्तुत किये गए। वहीं मंदिर के बाहर श्रीरामराजा सेवा दल द्वारा हर वर्ष की तरह धनुष यज्ञ रामलीला का मंचन किया गया जो पूरी रात चला।