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उमरिया । शनिवार सुबह से हो रही बारिश से खुले में पड़ी किसानों की लाखों क्विंटल धान पर पानी भिर गया। धान भीगने के साथ जनजीवन प्रभावित हो गया।
जानकारी के लिए बता दें कि जिले में 42 धान खरीदी केंद्र हैं जिसमे मात्र 10 केंद्र वेयरहाउस में बने हैं बाकी 32 केंद्रों में खुले में खरीदी हो रही है, लेकिन एनसीसीएफ एवं सहकारिता विभाग की लापरवाही के चलते खुले में पड़ी लाखों क्विंटल धान पानी मे भीग गई। अब इस भीगी हुई धान की मिलिंग भी ठीक तरह से नहीं होगी वहीं किसानों की बिना बिकी धान को एनसीसीएफ के ग्रेडर भी इसको रिजेक्ट करेंगे जिसके चलते किसान परेशान होगा, वैसे भी जिले का किसान सहकारिता, खाद्य, एनसीसीएफ और परिवहनकर्ता के बीच पिस रहा है ऊपर से आसमानी आफत। हालांकि यह पानी खेती के लिए अमृत समान है, लेकिन धान खरीदी केंद्रों के लिए यह आफत बनकर गिरा है।
दूसरी तरफ किसान और खरीदी केन्द्र प्रभारी चिन्ता में डूब गए कि अब इस धान को रिजेक्ट कर दिया जाएगा और जो धान किसान संस्था को बेच चुके हैं, लेकिन विभाग की लापरवाही के चलते परिवहन नही हुआ है, और धान ख़रीदी से सम्बंधित सभी अधिकारी अपना पल्ला झाड़ते हुए, किसान और खरीदी प्रभारी को दोषी मानते हुए सारी गलती और कमी उन्ही की निकाल देंगे, ऐसे में प्रदेश सरकार को चाहिए कि सभी जिम्मेदार अधिकारियों और एजेंसी पर सख्त कार्रवाई करें ताकि किसानों को राहत मिल सके।
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