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नॉर्थ-ईस्ट के एक भी युवा को रोजगार के लिए देश के दूसरे हिस्सों में नहीं जाना पड़ेगा : अमित शाह
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नई दिल्ली । केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) द्वारा आयोजित नॉर्थ-ईस्ट छात्र एवं युवा संसद को संबोधित करते हुए कहा कि 10 साल के अंदर नॉर्थ-ईस्ट के एक भी युवा को रोजगार के लिए देश के दूसरे हिस्सों में नहीं जाना पड़ेगा। उन्हें नॉर्थ ईस्ट में ही रोजगार के अवसर मिलेंगे।
गृहमंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भागीदारी के महत्व पर जोर दिया और नॉर्थ-ईस्ट के छात्रों को 2047 तक मजबूत और विकसित भारत के निर्माण में योगदान के लिए प्रेरित किया। उन्होंने युवाओं को सशक्त बनाने, शैक्षिक पहल को बढ़ावा देने और नॉर्थ-ईस्ट के युवाओं के बीच सामुदायिक भावना को बढ़ावा देने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जिस राज्य में शांति नहीं होती है, वहां विकास नहीं हो सकता और मोदी सरकार ने नॉर्थ ईस्ट में शांति लाने का काम किया है। भाजपा सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि उसने पूर्वोत्तर और शेष भारत के बीच की दूरी को कम कर दिया है। वर्ष 2027 तक नॉर्थ-ईस्ट की हर राजधानी ट्रेन, विमान और सड़क मार्ग से जुड़ जाएगी।
शाह ने कहा कि आतंकवाद, अलगाववाद, हिंसा, ड्रग, बंद और प्रांतवाद ने नॉर्थ-ईस्ट को अनेक टुकड़ों में बांट दिया। इसके कारण पिछले 40 साल जब देश विकास के रास्ते पर चल रहा था, नॉर्थ-ईस्ट पिछड़ता गया। शाह ने कहा कि भाजपा शासन में हमेशा नॉर्थ-ईस्ट को वरीयता दी गई। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी के शासन काल में पूर्वोत्तर के लिए अलग मंत्रालय का गठन किया गया। वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तमाम योजनाओं के केंद्र में पूर्वोत्तर को रखने का काम किया।
उन्होंने कहा कि मणिपुर में नस्लीय हिंसा की घटना को छोड़ दें तो केवल 10 वर्षों में पूर्वोत्तर आज पूर्ण शांति का अनुभव कर रहा है। वर्ष 2004 से 2014 तक हिंसा की कुल 11,000 घटनाएं हुईं और 2014 से 2024 तक 3,428 घटनाएं हुईं। यानी 70 प्रतिशत की कमी हुई है। सुरक्षा बलों की मौतों की संख्या में भी 70 प्रतिशत की कमी आई है। पिछले 10 वर्षों में नागरिकों की मौतों की संख्या में 89 प्रतिशत की कमी आई है। हमारा पूर्वोत्तर आज शांति का अनुभव कर रहा है। चाहे वह मेघालय हो, अरुणाचल हो, असम हो, नगालैंड हो या मिजोरम हो, हमने सभी सशस्त्र समूहों के साथ समझौते किए हैं और 10,500 से अधिक विद्रोही अपने हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल हुए हैं। हमारी सरकार ने 10 वर्षों में 12 महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने नॉर्थ ईस्ट के विकास के लिए बहुत बड़ा बजट दिया है। दस साल में प्रधानमंत्री ने नॉर्थ-ईस्ट को अपना मानते हुए इसके विकास का इतना ध्यान रखा है कि उन्होंने तय किया है कि हर महीने कोई न कोई मंत्री नॉर्थ-ईस्ट के किसी न किसी राज्य में रात्रि निवास करेगा। मैं आपको बताना चाहता हूं कि आजादी के बाद से अब तक सभी प्रधानमंत्रियों की नॉर्थ-ईस्ट की यात्राओं की कुल संख्या असम को छोड़कर 21 है और अकेले नरेन्द्र मोदी की नॉर्थ-ईस्ट की यात्राओं की संख्या 78 है, जो दर्शाता है कि नॉर्थ ईस्ट को कितना महत्व दिया गया है।
नॉर्थ-ईस्ट के विकास के लिए 2014-15 की तुलना में 2024-25 के बजट में 150 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है। उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम में 4800 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिसका खासतौर पर अरुणाचल प्रदेश को फायदा होगा। ब्रह्मपुत्र पर भारत का सबसे लंबा रेल-सह-सड़क पुल बनाने की योजना बनाई जा रही है। अरुणाचल को ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट उपहार में दिया गया। असम और भूटान के बीच रेल लाइन बनाई जा रही है। सिक्किम में जैविक खेती भी हमारी सरकार के तहत शुरू हुई।
शाह ने कहा कि आज असम में 2700 करोड़ रुपये का सेमीकंडक्टर प्लांट लग रहा है, जो आपके काम आएगा, इतना ही नहीं, 2.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश आ रहा है। इसकी नींव रखने का काम इन 10 सालों में हुआ है। 10 साल के अंदर नॉर्थ-ईस्ट के एक भी बच्चे या युवा को काम के लिए देश के दूसरे हिस्सों में नहीं जाना पड़ेगा। आपको नॉर्थ ईस्ट में ही रोजगार मिलेगा।
गृहमंत्री शाह ने कहा कि नॉर्थ-ईस्ट भारतीय संस्कृति का एक अमूल्य गहना है। नॉर्थ-ईस्ट भारत की संस्कृति को समृद्ध करने वाली विरासतों से लैस है। 220 से अधिक जनजातीय समूह, 160 से ज्यादा जनजातियां और 200 से अधिक भाषा-बोलियां, 50 यूनिक त्योहार और 30 से ज्यादा नृत्य शैली यहां उपलब्ध हैं। इसके बावजूद उन्होंने नॉर्थ-ईस्ट के पिछड़ने पर चिंता जताई। उन्होंने नॉर्थ-ईस्ट को भारत के विकास के साथ जोड़ने की जरूरत पर बल दिया।

MadhyaBharat 11 March 2025

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