Since: 23-09-2009

  Latest News :
संसद के कामकाज में एआई का प्रवेश.   खुदरा महंगाई दर जून में घटकर 77 महीने के निचले स्तर 2.10 फीसदी पर.   मप्र के मुख्यमंत्री ने दुबई में किया टेक्समास का दौरा.   प्रधानमंत्री का गृहनगर वडनगर बनेगा गुजरात का पहला \'स्लम फ्री सिटी\' .   गडकरी ने कार्यक्रम में नहीं बुलाने के सिद्धारमैया के आरोपों का दिया करारा जवाब.   एआई-171 दुर्घटनाग्रस्त विमान में कोई तकनीकी समस्या नहीं मिली : एयर इंडिया सीईओ.   मुख्यमंत्री ने दुबई में जेआईटीओ प्रतिनिधियों से निवेश और सहयोग को लेकर किया संवाद.   भोपाल में लोकसभा की नई कमेटी की पहली बैठक.   मड़ई मस्जिद विवाद को लेकर कलेक्टर की पोस्ट डिलीट.   सड़क हादसे में छात्र की माैत बहन को स्कूल छोड़ने जाते समय वैन ने मारी टक्कर.   दोस्तों के साथ कोलार डैम पिकनिक मनाने गए दो छात्राें की डूबने से मौत.   श्रावण के पहले सोमवार को घर -घर जाएंगे शिव.   छग व‍िधानसभा : खाद–बीज की कमी पर व‍िपक्ष ने द‍िया स्‍थगन प्रस्‍ताव.   छत्तीसगढ़ में एसईसीएल ओपन कास्ट के मैनेजर और एसी के यहां आयकर का छापा.   प्रेशर आईईडी की चपेट में आने से एक बालिका सहित तीन ग्रामीण घायल.   छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में बारिश की चेतावनी.   कोरबा में करोड़ों के भवन की छत गिरी.   छग विधानसभा : राजस्व निरीक्षक भर्ती घोटाले काे लेकर सदन में हंगामा.  
स्वास्थ्य संस्थानों में स्वच्छता सेवा गुणवत्ता और जनविश्वास का समन्वय आवश्यक: उप मुख्यमंत्री शुक्ल
bhopal, Coordination of cleanliness, service quality
भोपाल । उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों में उपचार के साथ-साथ स्वच्छता और साफ-सफाई भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्य सेवाएं केवल दवा और इलाज तक सीमित नहीं हैं, बल्कि अस्पताल परिसर का वातावरण, संक्रमण नियंत्रण, स्वच्छता और मरीजों को मिलने वाली संपूर्ण देखरेख भी उतनी ही आवश्यक है। प्रदेश की स्वास्थ्य संस्थाओं ने कायाकल्प, एन.क्यू.ए.एस., मुस्कान और लक्ष्य जैसे कार्यक्रमों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर यह प्रमाणित किया है कि हम सही दिशा में कार्य कर रहे हैं।
 
उप मुख्यमंत्री शुक्ल सोमवार को नारोन्हा प्रशासनिक अकादमी भोपाल में आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने समारोह में वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 के कायाकल्प, एनक्यूएएस, मुस्कान एवं लक्ष्य कार्यक्रमों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली स्वास्थ्य संस्थाओं को सम्मानित किया। इस मौके पर लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल भी विशेष रूप से मौजूद रहे।
 
शुक्ल ने कहा कि यह उपलब्धियाँ प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव की ओर बढ़ते कदम हैं। यह सराहनीय है कि बड़ी संख्या में संस्थान इन मापदंडों पर खरे उतर रहे हैं, लेकिन हमारा प्रयास होना चाहिए कि शेष संस्थाओं को भी इन मानकों के अनुरूप विकसित किया जाए। राज्य सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र के संपूर्ण सुदृढ़ीकरण के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में 10 हज़ार करोड़ की लागत के स्वास्थ्य अधोसंरचना विकास के कार्य प्रगति पर हैं। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग में तीन हज़ार चिकित्सकों सहित कुल 35 हज़ार पदों पर नियुक्तियाँ की जा रही हैं, जिससे मैनपावर की कमी दूर होगी और सेवा प्रदाय की गुणवत्ता बेहतर होगी।
 
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि प्रदेश के सभी 12,000 से अधिक स्वास्थ्य संस्थान कायाकल्प, एन.क्यू.ए.एस., लक्ष्य और मुस्कान जैसे मानकों पर खरे उतरें, इसके लिए केवल बजट और संसाधनों की नहीं, बल्कि सतत मॉनिटरिंग, संस्थागत प्रशिक्षण और कर्मचारियों को प्रेरित करने की आवश्यकता है। हर संस्थान को सशक्त और उत्तरदायी बनाकर प्रदेश के हर क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित कराना हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ‘स्वस्थ भारत’ के लक्ष्य की दिशा में मध्य प्रदेश लगातार उल्लेखनीय उपलब्धियाँ अर्जित कर रहा है। कायाकल्प अवार्ड जैसे कार्यक्रम इन प्रयासों को प्रोत्साहित करने वाले महत्वपूर्ण साधन हैं। उन्होंने सभी स्वास्थ्यकर्मियों की प्रतिबद्धता और सेवा भावना की प्रशंसा करते हुए कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं की सफलता का आधार वही लोग हैं जो अस्पतालों में दिन-रात जनसेवा के लिए समर्पित रहते हैं।
 
शुक्ल ने कहा कि मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश में मातृ मृत्यु दर वर्ष 2020 के 175 के मुकाबले घटकर 159 पर आ गई है, जो एक सकारात्मक संकेत है। परंतु उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सुधार पर्याप्त नहीं है और अभी हमें बहुत आगे जाना है। इस दिशा में उन्होंने गर्भवती माताओं के शत-प्रतिशत पंजीयन, हाई रिस्क प्रेगनेंसी की समय पर पहचान और उनके समुचित उपचार के लिए ठोस, योजनाबद्ध और ज़मीनी स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
 
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार टेलीमेडिसिन जैसी तकनीकी सेवाओं को भी सशक्त बना रही है ताकि दूरस्थ क्षेत्रों में भी विशेषज्ञों की राय और इलाज की सुविधा उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि कायाकल्प अभियान की शुरुआत वर्ष 2015-16 में हुई थी, जब केवल 9 संस्थाएं मापदंडों पर खरी उतर सकीं थीं, वहीं वर्ष 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 675 स्वास्थ्य संस्थाओं तक पहुँच चुकी है। इससे स्पष्ट है कि राज्य की प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्तर की स्वास्थ्य संस्थाओं में अभूतपूर्व परिवर्तन हो रहा है। यह परिवर्तन मात्र संख्या नहीं, बल्कि गुणवत्ता, पारदर्शिता और जनविश्वास का प्रतीक है। समारोह को लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री पटेल ने भी संबोधित किया। उन्होंने उत्कृष्ट कार्य करने वाले स्वास्थ्य संस्थानों और चिकित्सकीय टीम को बधाई दी।
 
उल्लेखनीय है कि कायाकल्प, एन.क्यू.ए.एस., लक्ष्य एवं मुस्कान पुरस्कारों का उद्देश्य प्रदेश की शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में स्वच्छता, संक्रमण नियंत्रण, सेवा गुणवत्ता एवं मातृ-शिशु देखभाल में उत्कृष्ट मानक सुनिश्चित करना है। इन पुरस्कारों की शुरुआत भारत सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने हेतु की गई, जिनके तहत संस्थाओं का मूल्यांकन निर्धारित मापदण्डों के आधार पर किया जाता है। कायाकल्प अवार्ड स्वच्छता, ईको-फ्रेंडली उपायों, अपशिष्ट प्रबंधन और अस्पताल रखरखाव के लिए प्रदान किया जाता है। एन.क्यू.ए.एस. अवार्ड सेवा की गुणवत्ता, रोगी सुरक्षा और क्लिनिकल प्रोटोकॉल के पालन के आधार पर दिया जाता है। लक्ष्य अवार्ड सुरक्षित प्रसव सेवाओं के लिए और मुस्कान अवार्ड बाल रोग सेवाओं की उत्कृष्टता के लिए प्रदान किए जाते हैं। इन पुरस्कारों से स्वास्थ्य संस्थाओं में प्रतिस्पर्धात्मक सुधार को बढ़ावा मिलता है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार परिलक्षित हुआ है।
 
कायाकल्प अवार्ड
वर्ष 2023-24 के अंतर्गत महात्मा गांधी जिला चिकित्सालय देवास को जिला चिकित्सालय श्रेणी में प्रथम पुरस्कार (15 लाख रुपये), सिविल अस्पताल हजीरा (ग्वालियर) को सीएचसी श्रेणी में प्रथम पुरस्कार (10 लाख), पीएचसी अमलाहा (सीहोर) को सह-विजेता के रूप में (एक लाख) तथा मक्सी (शाजापुर) और संजयनगर (जबलपुर) स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को संयुक्त रूप से प्रथम पुरस्कार (दो लाख) से सम्मानित किया गया। वर्ष 2024-25 के अंतर्गत इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय सिवनी को जिला चिकित्सालय श्रेणी में प्रथम पुरस्कार (15 लाख), सिविल अस्पताल पाटन (जबलपुर) को सीएचसी श्रेणी में प्रथम पुरस्कार (10 लाख) और पीएचसी पिटोल (झाबुआ) को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र श्रेणी में प्रथम पुरस्कार (दो लाख रुपये) प्रदान किया गया।
 
वर्ष 2023-24 में इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय, सिवनी को प्रथम रनर-अप (87.19%) तथा सर्वश्रेष्ठ पर्यावरण-अनुकूल जिला चिकित्सालय (95.71%) श्रेणी में 10 लाख एवं पांच लाख का पुरस्कार प्रदान किया गया। सेठ गोविंद दास जिला चिकित्सालय, जबलपुर को द्वितीय रनर-अप (84.35%) के रूप में पांच लाख की राशि से सम्मानित किया गया। इसी वर्ष सीएचसी दौराहा, सीहोर को प्रथम रनर-अप (93.86%) के रूप में पांच लाख तथा सिविल अस्पताल हजीरा, ग्वालियर को सर्वश्रेष्ठ पर्यावरण-अनुकूल सीएचसी (92.86%) श्रेणी में 2.5 लाख रुपये का पुरस्कार मिला। वर्ष 2024-25 में जिला चिकित्सालय बुरहानपुर को प्रथम रनर-अप (94.61%) श्रेणी में 10 लाख तथा जिला चिकित्सालय भिंड को द्वितीय रनर-अप (90.76%) और सर्वश्रेष्ठ पर्यावरण-अनुकूल जिला चिकित्सालय (95%) श्रेणियों में पांच-पांच लाख रुपये के संयुक्त पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसी प्रकार सीएचसी मानपुर, इंदौर को प्रथम रनर-अप (91.07%) के रूप में पांच लाख तथा सर्वश्रेष्ठ पर्यावरण-अनुकूल सीएचसी (96%) के लिए 2.5 लाख का पुरस्कार प्राप्त हुआ।
 
एनक्यूएएस, मुस्कान एवं लक्ष्य कार्यक्रमों में में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली स्वास्थ्य संस्थाओं को किया गया सम्मानित
 
जिला चिकित्सालय स्तर पर एन.क्यू.ए.एस. स्कोर के आधार पर 13 जिलों को सम्मानित किया गया, जिनमें जिला चिकित्सालय दतिया (93.60%), सागर (92.9%), पन्ना (90.43%), मुरैना (89.45%), छिंदवाड़ा (88.61%), रतलाम और झाबुआ (88%), अनूपपुर (87.12%), अलीराजपुर (85%), सीहोर (84%), धार (83.81%), जयप्रकाश चिकित्सालय भोपाल (83%) एवं बालाघाट (82.07%) शामिल हैं। इन सभी संस्थाओं के सिविल सर्जन सह अधीक्षक को सम्मानित किया गया।
 
सीएचसी/पीएचसी/यू.पी.एच.सी./उप स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर भी एन.क्यू.ए.एस. मापदंडों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली संस्थाओं को सम्मानित किया गया। इनमें सिविल अस्पताल सिवनी मालवा (95%), सीएचसी दौराहा सीहोर (95%), पीएचसी उमरधा नर्मदापुरम (97.58%), यू.पी.एच.सी. कोलुआकलां भोपाल (99.7%) और उप स्वास्थ्य केन्द्र आमाहिनौता जबलपुर (98.37%) प्रमुख हैं। इन संस्थाओं के इंचार्ज चिकित्सा अधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, गुणवत्ता प्रबंधक, सहायक कार्यक्रम प्रबंधक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त 8 ज़िला अस्पताल, 21 सीएचसी, 73 पीएचसी और 51 सब हेल्थ सेंटर (आयुष्मान आरोग्य मंदिर) को कायाकल्प और एनक्यूएएस में उत्कृष्ट प्रदर्शन पर सम्मानित किया गया।
 
मिशन संचालक एनएचएम डॉ. सलोनी सिडाना ने बताया कि वर्ष-2018 में 14 संस्थानों से वर्तमान में 675 स्वास्थ्य संस्थान कायाकल्प मानकों के अनुरूप हैं। 2067 स्वास्थ्य संस्थान एनक्यूएएस मानक अनुरूप हैं। 266 नवजात एवं शिशु इकाइयों में से 27 और 247 प्रसव केंद्र उत्कृष्ट मानक अनुसार हैं। वर्ष-2030 तक सभी स्वास्थ्य संस्थानों को मानक अनुरूप करने के सघन प्रयास जारी हैं। कार्यक्रम प्रदेश के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों से आए चिकित्सकीय सहायक चिकित्सकीय अधिकारी और विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

 

MadhyaBharat 23 June 2025

Comments

Be First To Comment....
Video

Page Views

  • Last day : 8641
  • Last 7 days : 45219
  • Last 30 days : 64212


x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2025 MadhyaBharat News.