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डिंडोरी। जिले में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत अक्षय तृतीय के अवसर पर शनिवार को आयोजित सामूहिक विवाह में शामिल होने वाले लड़का-लड़कियों के मेडिकल परीक्षण के नाम पर कई तरह की जांच कराए जाने का मामला सामने आया है। इसको लेकर आरोप है कि सामूहिक विवाह में शामिल होने वाली लड़कियों के प्रेग्नेंसी टेस्ट कराये गए हैं।
स्थानीय कांग्रेस विधायक एवं पूर्व मंत्री ओमकार मरकाम ने रविवार को मामले में जिला प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में लड़कियों के मेडिकल टेस्ट के नाम पर प्रेग्नेंसी टेस्ट किये जाने को लेकर ऐतराज जताते हुए प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। मरकाम ने प्रेग्नेंसी टेस्ट को जिले की युवतियों का अपमान बताया है। वहीं इस पूरे मामले पर जब डॉक्टर्स से सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि उन्हें ऊपर से आदेश था कि सभी युवतियों का मेडिकल परीक्षण करना है।
जानकारी के अनुसार जिले के जनपद बजाग के 69, करंजिया 60, समनापुर के 51 और डिंडोरी के 39 जोड़ों को मिलाकर करीब 219 जोड़ों के विवाह शनिवार को आयोजित कराए, जिसकी तैयारियों को लेकर जनपद सीईओ स्तर से एक आदेश ब्लाक की सभी पंचायत के सरपंच-सचिव को जारी किए गए। जिसमें सामूहिक विवाह में शामिल होने वाले सभी जोड़ों को मेडिकल परीक्षण कराने का एक नया नियम लागू कर दिया गया, जबकि मेडिकल परीक्षण के नाम पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा बजाग क्षेत्र में कुछ लड़किया के प्रेग्नेंसी टेस्ट भी कर दिए, जिसके बाद बवाल खड़ा हो गया। हालांकि, अब तक इस मामले में कोई पीड़ित खुलकर सामने नहीं आया है।
राजनीति कर रहे विधायक
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना को जनकल्याणकारी बताते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष अवध राज बिलैया ने कांग्रेस विधायक पर राजनीति करने का आरोप लगाए हैं।
इनका कहना है
मामले में जिला पंचायत सीईओ नंदा भलावे का कहना है कि इस तरह के आरोप की जानकारी मुझे लगी है। जिस पर जानकारी लेने पर सिर्फ सिकल सेल की जांच कराए जाने की बात सामने आई है। प्रेग्नेंसी टेस्ट जैसी कोई जांच नहीं कराई गई है। मेडिकल परिक्षण को लेकर आदेश जारी हुए, लेकिन इसमें सिकल सेल बीमारी की जांच कराए जाने का उद्देश्य रहा है।
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