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नई दिल्ली। लोकसभा में मंगलवार को सहकारिता क्षेत्र में जवाबदेही लाने और चुनाव प्रक्रिया में सुधार से जुड़ा विधेयक पारित हो गया। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि इससे सहकारिता आंदोलन को बल मिलेगा।
लोकसभा में आज बहु-राज्य सहकारी समिति (संशोधन) विधेयक 2022 ध्वनिमत से पारित किया गया। विधेयक को पेश करते और चर्चा का जवाब देते हुए सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस विधेयक में कई नए प्रावधान जोड़े गए हैं। इससे सहकारिता आदोलन को और अधिक बल मिलेगा।
शाह ने कहा कि बहु-राज्य सहकारी समिति (संशोधन) विधेयक 2022 में संशोधन कर इसे और प्रभावी बनाने का प्रयास किया गया है। इसमें हुए संशोधन से व्यवसाय में आसानी होगी। सहकारी संस्थानों के कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आएगी।
उन्होंने कहा कि इस संशोधन के माध्यम से अब सहकारी समितियों के प्रबंधन में होने वाली मनमानी खत्म होगी। विधेयक में सहकारी सूचना अधिकारी, सहकारी चुनाव प्राधिकरण, सहकारी लोकपाल जैसे नियमों का प्रावधान किया गया गया है। सहकारी संस्थानों में से भाई-भतीजावाद खत्म हो इसके लिए भी प्रावधान किया गया है।
शाह ने कहा कि सहकारिता के माध्यम से देश के 60 करोड़ लोगों को केन्द्र सरकार सशक्त करने की पहल कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश में लगभग 8.5 लाख सहकारी समितियां हैं। इन समितियों से करीब 29 करोड़ सदस्य जुड़े हैं। ये समितियां कृषि प्रसंस्करण, डेयरी, मत्स्य पालन, आवासन, बुनाई, ऋण और विपणन समेत विविध कार्य कर सकेंगी।
शाह ने कहा कि भारत में सहकारिता आंदोलन लगभग 115 वर्ष पुराना है। यह क्षेत्र लाखों लोगों को रोजगार दे रहा है। लेकिन बीते 75 वर्षों में सहकारिता आंदोलन कमजोर पड़ गया था। लेकिन मोदी सरकार ने सहकारिता मंत्रालय बनाकर इस क्षेत्र को सशक्त बनाया है।
शाह ने कहा कि पिछले 75 वर्षों में न तो सहकारिता आंदोलन पर ध्यान दिया गया और न कानूनों में बदलाव हुआ और ना ही देश की संसद में राष्ट्रीय स्तर पर और राज्य के स्तर पर इन्हें बदलने के लिए मंथन हुआ। प्रधानमंत्री मोदी की ओर से सहकारिता मंत्रालय की स्थापना के बाद मुझे पूर्ण विश्वास है कि आने वाले 25 साल में सहकारिता आंदोलन एक बार फिर से देश के विकास में अहम् योगदान देगा।
शाह ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र में सुधार लाने के लिए बीते दो वर्षो में अनेक कदम उठाए गए हैं। सबसे पहले प्राथमिक कृषि ऋण सोसाइटी (पैक्स) को पुनर्जीवित कर उसे बहुआयामी बनाने के लिए ढेर सारे काम किए। सहकारिता मंत्रालय बनने के बाद 63 हजार पैक्स का कंप्यूटराइज़ेशन करने का निर्णय लिया। इससे पैक्स डिस्ट्रिक्ट को ऑपरेटिव बैंक, स्टेट को ऑपरेटिव बैंक और नाबार्ड के जुड़ गए। पैक्स को भंडारण योजना से जोड़ा गया है।
इससे गांव के अनाज का गांव में ही भंडारण होगा और पैक्स की इनकम भी हो सकेगी। अब गांवों में जलापूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए पैक्स पानी समिति बनकर वितरण व्यवस्था का भी काम करेंगे।
शाह ने कहा कि नये बाई लॉज के हिसाब से अब पैक्स एफपीओ का भी काम करेंगे साथ ही सिलेंडर वितरण से लेकर जनऔषधि केंद्र भी पैक्स चला रहे हैं। शाह ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय ने पैक्स के लिए एक मॉडल बाई-लॉज बना कर सभी राज्यों को भेजा। शाह ने कहा कि उन्हें आनंद है कि पश्चिम बंगाल और केरल को छोड़कर सभी राज्यों ने इसे स्वीकार कर लिया है। आज देश भर के पैक्स एक ही कानून से चल रहे हैं। शाह ने कहा कि हम इस साल विजयादशमी या दिवाली से पहले एक नई सहकारी नीति लाएंगे।
MadhyaBharat
25 July 2023
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