Since: 23-09-2009
नई दिल्ली। राज्यसभा ने सोमवार को दिल्ली सर्विसिस बिल को मत विभाजन के बाद 131 बनाम 102 के मत से पारित कर दिया। लोकसभा पहले ही दिल्ली में तबादले और नियुक्ति से संबंधित विधेयक को पारित कर चुकी है। इसके साथ ही दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधायक 2023 को संसद की मंजूरी मिल गई।
राज्यसभा में विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए गृहमंत्री ने कहा कि विधेयक संविधान की भावना को संभालने के लिए लाया गया है। इसका मकसद केंद्र सरकार का दिल्ली के ऊपर अधिकारों को सुरक्षित करना है।
इस दौरान अध्यादेश और विधेयक में अंतर की जानकारी देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि विधेयक में दिल्ली विधानसभा को सर्विसेस से जुड़े नियम बनाने का अधिकार दिया गया है। शर्त है कि वह केंद्र के कानून के विरोध में ना हो।
गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली में कार्य पद्धति और कार्य विभाजन को लेकर कानून कांग्रेस की ही सरकार लाई थी। दिल्ली की वर्तमान सरकार इसके अनुरूप नहीं चल रही थी। इसी कारण से विधेयक में इस तरह के नियम बनाने पड़े। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की अंतरात्मा है तो वह इस विधेयक का समर्थन करेगी।
इससे जुड़े अध्यादेश को लाने में जल्दबाजी करने से जुड़े आरोपों का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अभी अपना पूरा फैसला भी नहीं दिया था दिल्ली सरकार तबादले और नियुक्ती करने में लग गई। दिल्ली सरकार की सतर्कता विभाग कई मामलों पर भ्रष्टाचार की जांच कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली सरकार ने तुरंत सतर्कता विभाग को निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि बीआरएस विधेयक का समर्थन कर रही है क्योंकि वह भी शराब घोटाले की जद में है।
गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी गठबंधन को बचाने के लिए आम आदमी पार्टी का तुष्टीकरण करते हुए विधेयक का विरोध कर रही है। लेकिन वह बताना चाहते हैं कि विधेयक के पारित होने के बाद भी केजरीवाल उनका और गठबंधन का साथ नहीं देंगे।
उन्होंने कहा कि दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है और आप पार्टी के नेता पूर्ण राज्य की तरह शासन करना चाहते हैं। उन्हें चुनाव लड़ने से पहले ही इस बारे में सोचना चाहिए था। दिल्ली में सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और जमीन के विषय केंद्र सरकार के पास है। साथ ही संसद को उससे जुड़े किसी भी विषय पर कानून बनाने का अधिकार है। इसी अधिकार के तहत यह विधेयक लाया गया है।
दिल्ली सरकार के अंतर्गत विधानसभा की कार्य पद्धति पर भी गृहमंत्री ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह एकमात्र ऐसी विधानसभा है जिसका सत्रावसान नहीं होता। बजट को पारित करने के अलावा कोई विधाई कार्य नहीं होता। साल में केवल एक बार ही सत्र बुलाया जा रहा है।
इस दौरान गृहमंत्री ने विपक्षी गठबंधन पर भी निशाना साधा और कहा कि आपस में एक दूसरे की प्रतिद्वंदी पार्टियां आज एक साथ इकट्ठे हो रही हैं। उन्हें लग रहा है कि वह अकेले तो कुछ नहीं कर सकती साथ मिलकर शायद कुछ कर पाए। लेकिन वह बता देना चाहते हैं कि 2024 में फिर से मोदी जी के नेतृत्व में सरकार बनेगी।
MadhyaBharat
8 August 2023
All Rights Reserved ©2024 MadhyaBharat News.
Created By: Medha Innovation & Development
|