Since: 23-09-2009

  Latest News :
रामलीला मैदान में कांग्रेस की \'वोट चोर, गद्दी छोड़\' रैली .   कोलकाता में मेसी के इवेंट के दौरान हुई गड़बड़ी पर भड़के असम के CM हिमंता बिस्वा सरमा.   कोलकाता में लियोनेल मेसी कार्यक्रम के दौरान अफरा-तफरी, हजारों फैंस हुए नाराज.   संसद शीतकालीन सत्र का 10वां दिन: राज्यसभा में SIR पर चर्चा जारी.   देश में 5.50 करोड़ केस कोर्ट में पेंडिंग.   चुनाव आयोग ने बढ़ाई SIR प्रक्रिया की समय सीमा.   रतलाम दौरे में डॉ. विजय शाह ने अधिकारियों को दी कड़ी चेतावनी .   शिवराज सिंह चौहान की सुरक्षा बढ़ाई गई.   भोपाल मेट्रो की शुरुआत 21 दिसंबर से, पीएम वर्चुअली करेंगे शुभारंभ.   MP में कड़ाके की ठंड, इंदौर में पारा 5.2°C तक गिरा.   सिंगरौली में 6 लाख पेड़ों की कटाई पर कांग्रेस का बड़ा विरोध.   मध्य प्रदेश में कोल्ड वेव अलर्ट जारी : बर्फीली हवाओं से तापमान और गिरेगा.   कोंडापल्ली गांव में मोबाइल नेटवर्क पहुंचा, खुशी से झूम उठे ग्रामीण.   CM विष्णुदेव साय ने ली कैबिनेट बैठक .   छत्तीसगढ़ शीतकालीन सत्र से पहले कांग्रेस विधायक दल की अहम बैठक.   शिक्षा मंत्री की फटकार से BEO बेहोश, बैठक में मची अफरा-तफरी.   ‘डिजिटल अरेस्ट’ से देशभर में 3000 करोड़ की ठगी.   बस्तर ओलंपिक 2025 का भव्य आगाज़ .  
वसुधैव कुटुंबकम का प्रतीक बना अंतरराष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन : प्रधानमंत्री
new delhi, International Lawyers Conference , Prime Minister

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को विज्ञान भवन में बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) द्वारा आयोजित दो दिवसीय 'अंतरराष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन 2023' का उद्घाटन किया।

 

इंग्लैंड के लॉर्ड चांसलर एलेक्स चाक और बार एसोसिएशन ऑफ इंग्लैंड के प्रतिनिधियों, राष्ट्रमंडल और अफ्रीकी देशों के प्रतिनिधियों और देशभर से आए लोगों की उपस्थिति पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक तरह से ये अंतरराष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन भारत की वसुधैव कुटुंबकम की भावना का प्रतीक बन गया है।

प्रधानमंत्री ने किसी भी देश के विकास में कानूनी बिरादरी की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वर्षों से न्यायपालिका और बार भारत की न्यायिक प्रणाली के संरक्षक रहे हैं। मोदी ने स्वतंत्रता संग्राम में कानूनी पेशेवरों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने महात्मा गांधी, बाबा साहेब आंबेडकर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, लोकमान्य तिलक और वीर सावरकर का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि कानूनी पेशे के अनुभव ने स्वतंत्र भारत की नींव को मजबूत करने का काम किया है और आज की निष्पक्ष न्यायिक प्रणाली ने भारत में दुनिया का विश्वास बढ़ाने में भी मदद की है।

प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि अंतरराष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब देश कई ऐतिहासिक निर्णयों का गवाह रहा है। उन्होंने नारी शक्ति वंदन विधेयक को संसद की मंजूरी का उल्लेख करते हुए कहा कि महिला आरक्षण कानून महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को नई दिशा और ऊर्जा देगा। उन्होंने कहा कि एक दिन पहले ही संसद ने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का विधेयक पास किया है। नारी शक्ति वंदन कानून भारत में महिला नेतृत्व विकास को नई दिशा और ऊर्जा देगा।

प्रधानमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि नई दिल्ली में हाल ही में संपन्न जी-20 शिखर सम्मेलन में दुनिया को भारत के लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और कूटनीति की झलक मिली। इसी दिन एक महीने पहले भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक उतारने वाला दुनिया का पहला देश बना था। इन उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि आज का भारत जो आत्मविश्वास से भरा हुआ है, 2047 तक 'विकसित भारत' के लक्ष्य को साकार करने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने एक विकसित राष्ट्र के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारत में कानूनी प्रणाली के लिए मजबूत, स्वतंत्र और निष्पक्ष नींव की आवश्यकता भी व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि अंतरराष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन में प्रत्येक देश को अन्य देशों की सर्वोत्तम प्रथाओं से सीखने का अवसर मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने आज की दुनिया की गहरी कनेक्टिविटी के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि आज दुनिया में कई ताकतें हैं जिन्हें सीमाओं और अधिकार क्षेत्र की परवाह नहीं है। उन्होंने कहा कि जब खतरे वैश्विक हैं तो उनसे निपटने के तरीके भी वैश्विक होने चाहिए। उन्होंने साइबर आतंकवाद, मनी लॉन्ड्रिंग और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के दुरुपयोग की संभावनाओं पर बात की और कहा कि ऐसे मुद्दों पर एक वैश्विक ढांचा तैयार करना सिर्फ सरकारी मामलों से परे है, बल्कि विभिन्न देशों के कानूनी ढांचे के बीच जुड़ाव की भी मांग करता है।

वैकल्पिक विवाद समाधान पर प्रधानमंत्री ने कहा कि वाणिज्यिक लेनदेन की बढ़ती जटिलता के साथ एडीआर ने पूरी दुनिया में लोकप्रियता हासिल की है। भारत में विवाद समाधान की अनौपचारिक परंपरा को व्यवस्थित करने के लिए भारत सरकार ने मध्यस्थता अधिनियम बनाया है। इसी तरह लोक अदालतें भी बड़ी भूमिका निभा रही हैं और लोक अदालतों ने पिछले 6 वर्षों में लगभग 7 लाख मामलों का निपटारा किया है। सरकार यथासंभव सरल भाषा, भारतीय भाषाओं में कानूनों का मसौदा तैयार करने का गंभीर प्रयास कर रही है। मोदी ने जोर देकर कहा कि सरकार सरल भाषा में नए कानूनों का मसौदा तैयार करने का प्रयास कर रही है और उन्होंने डेटा संरक्षण कानून का उदाहरण दिया।

MadhyaBharat 23 September 2023

Comments

Be First To Comment....
Video

Page Views

  • Last day : 8641
  • Last 7 days : 45219
  • Last 30 days : 64212


x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2025 MadhyaBharat News.