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नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता शुक्रवार को ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच गई। इसे देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने प्रदूषण नियंत्रण उपायों ‘ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान’ (जीआरएपी) के पहले चरण को सख्ती से लागू कर दिया है। आज दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 212 दर्ज किया गया।
शुक्रवार को जीआरएपी से संबंधित केंद्र की उप-समिति ने एक बैठक में कहा कि पिछले 24 घंटों में क्षेत्र में वायु गुणवत्ता मानकों में ‘अचानक गिरावट’ दर्ज की गयी है और दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच गया है। उल्लेखनीय है कि 201 से 300 के बीच के एक्यूआई को 'खराब' माना जाता है। जीआरएपी के पहले चरण में 27 उपायों में वाहनों की प्रदूषण सर्टिफिकेट की जांच, होटलों में कोयले के इस्तेमाल पर प्रतिबंध, निर्माण स्थलों पर तोड़ फोड़ पर भी प्रतिबंध के साथ पर्यावरण के नियमों का पालन अनिवार्य शामिल होता है। एनसीआर में तत्काल प्रभाव से उपायों को लागू करने के लिए राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) और डीपीसीसी एजेंसियों को निर्देश भेज दिए गए हैं।
जीआरएपी के संचालन के लिए उप-समिति ने लोगों को सलाह जारी करते हुए कहा कि वे वाहनों के इंजनों को ठीक रखें। वाहनों के पीयूसी प्रमाणपत्र अद्यतन रखें। लाल बत्ती पर इंजन भी बंद कर दें। वाहन प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हाइब्रिड वाहनों या ईवी को प्राथमिकता दें। खुले स्थानों पर कूड़ा-कचरा न फैलाएं और न निस्तारित करें। इसके साथ कूड़ा जलाने की घटनाओं की रिपोर्ट करने, त्योहारों को पर्यावरण-अनुकूल तरीके से मनान, पटाखों से बचने और 10 साल पुराने डीजल औऱ 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन न चलाने की सलाह दी है।
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