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नई दिल्ली। कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर सहित विपक्ष के कई नेताओं ने सोमवार को दिल्ली स्थित फिलिस्तीनी दूतावास पहुंचकर उसके राजदूत से मुलाकात की और वहां के नागरिकों के साथ एकजुटता दर्शाते हुए इजरायल के हमले की निंदा की।
मुलाकात करने वाले विपक्षी नेताओं में मणिशंकर अय्यर के अलावा समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद जावेद अली खान, बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली, राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोझ झा, भाकपा (माले) के नेता कॉमरेड दीपांकर भट्टाचार्य के साथ मुजफ्फर शाह, शाहिद सिद्दीकी, डी. राजा, सुभाषिनी अली, मोहम्मद अदीब, मोहम्मद अफजल, संतोष भारतीय और नदीम खान थे।
इन नेताओं ने राजदूत से मुलाकात करने के बाद एक साझा बयान जारी कर कहा कि वह चाहते हैं कि इजराइल गाजा पट्टी पर हमले बंद करे। विपक्षी नेताओं ने कहा कि हम मानते हैं कि हिंसा कभी भी समाधान नहीं है क्योंकि यह विनाश और पीड़ा के चक्र की ओर ले जाती है। इसलिए हम संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से प्रयासों में वृद्धि की आवश्यकता पर जोर देते हैं। विश्व समुदाय को इजरायल पर अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करने और फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों और सम्मान के लिए दबाव डालना चाहिए। हम क्षेत्र में स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए गहन राजनयिक प्रयासों और बहुपक्षीय पहल का आह्वान करते हैं।
विपक्षी नेताओं ने कहा कि हम गाजा में चल रहे संकट और फिलिस्तीनी लोगों की पीड़ा के बारे में अपनी गहरी चिंता व्यक्त करते हैं। हम इजरायल की ओर से गाजा में फिलिस्तीनियों पर अंधाधुंध बमबारी की कड़ी निंदा करते हैं। यह एक तरह का नरसंहार का प्रयास है। निर्दोषों पर हमला बंद होना चाहिए।
विपक्ष ने कहा कि वह चाहते हैं कि गाजा के लोगों को तत्काल मानवीय सहायता दी जानी चाहिए। वहां के लोगों के लिए जरूरी सामान, खाना-पानी, दवा आदि की व्यवस्था की जानी चाहिए। हम महात्मा गांधी के इस कथन पर दृढ़ता से विश्वास करते हैं कि "फ़िलस्तीनी जगह उसी तरह अरबों का है जिस तरह इंग्लैंड अंग्रेज़ों का है”।
विपक्ष ने अपने साझा बयान में कहा कि फ़िलिस्तीनी लोगों ने 75 वर्षों से अधिक समय तक अपार पीड़ा सहन की है, हम दृढ़ता से कहते हैं कि अब उनकी दुर्दशा को समाप्त करने का समय आ गया है। हम विश्व समुदाय से संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार 1967 की सीमाओं पर एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना को मान्यता देने का आग्रह करते हैं, ऐसी मान्यता इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष का न्यायसंगत और स्थायी समाधान सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो फिलिस्तीनी लोगों को प्रदान करती है।
MadhyaBharat
16 October 2023
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