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अनूपपुर। चक्रवाती तूफान मिचोंग के चलते जिले का मौसम बदल गया है। मंगलवार रात से जारी बूंदाबांदी बुधवार को रिमझिम मे तब्दील हो गई। सारा दिन पड़ी बारिश की फुहारों से मौसम खुशगवार हो गया। सुबह बच्चों को स्कूल और ऑफिस जाने वालों को परेशानी हुई। सड़कों पर आमदिनों की अपेक्षा भीड़ कम रही। दिन के तापमान में खासी गिरावट आई और ठंड का एहसास बढ़ गया। हालांकि रात में बादलों के चलते ठंड नहीं रही। अलग अलग स्थानों पर सक्रिय मौसम प्रणालियों और वातावरण में नमी के चलते 10 दिसंबर तक मौसम के ऐसा बने रहने का अनुमान है। शुक्रवार को जिलों में बारिश की संभावना व्यक्त की गई है।
मावठे की बारिश पहले ही हो चुकी है, इससे फसलों को नुकसान होने की आशंका है। कुछ किसानों की धान खेतों खड़ी हैं ऐसे में बारिश का पानी भरने से परेशान हैं इससे अन्य सब्जियों व नई बोवनी प्रभावित होगी। वहीं गुरूवार को रिमझिम बारिश के बीच कलेक्टर ने कई उपार्जन केन्द्रों का निरीक्षण कर मौके पर अव्यवस्था पर जमकर लगाई फटकार लगाते हुए जिम्मेदार लोगों के विरूद्ध कार्यवाही की बात कहीं। मां नर्मदा की उद्गम स्थली अमरकंटक में मौसम के बदलाव का असर रहा जहां दो दिनों से हो रहीं बारिश से जीवन अस्तवस्त हैं।
तीन सिस्टम सक्रिय
मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में अभी तीन तरह के मौसम प्रणाली सक्रिय हैं। इनकी वजह से हवा का रुख बार-बार बदल रहा है और बादल छाने के साथ बारिश हो रही है।10 दिसंबर के बाद एक नया सिस्टम सक्रिय होगा। इसकी वजह से भी अनूपपुर जिलों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की जाएगी। 15 दिसंबर के बाद प्रदेश के अधिकांश जिलों में शीतलहर चलने की संभावना बन सकती है। मौसम विभाग के अनुसार एक पश्चिमी विक्षोभ हरियाणा में हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है। इसके प्रभाव से दक्षिण-पूर्वी राजस्थान पर एक प्रेरित चक्रवात बना है। इसके अलावा चक्रवाती तूफान मिचोंग आंध्र प्रदेश के तट से टकराने के बाद कुछ कमजोर हो गया, लेकिन इसके असर से हवा के साथ नमी आ रही है। जिसके कारण जबलपुर संभाग सहित पूर्वी मध्य प्रदेश में सात और आठ दिसंबर को कहीं-कहीं हल्की वर्षा की संभावना है। बारिश के कारण दिन में हल्की ठंड महसूस हो रहीं हैं।
फूल गोभी के लिए नुकसानदाय, झड़ने लगे अरहर के फूल
जानकारों के अनुसार बे मौसम बारिश का असर अभी से नजर आने लगा है। सब्जी का बाजार टूट रहा है और किसानों को वाजिब दाम नहीं मिल पा रहा है। वहीं अभी भी धान की कटाई व गहाई का कार्य बांकी है। इसे लेकर किसान काफी चिंतित है। सबसे ज्यादा परेशानी का सामना उन किसानों को हो रही है जिनकी धान की फसल अब तक व्यवस्थित नहीं हो पाई है। मौसम में बदलाव की वजह से हरी सब्जियों के पौधों को नुकसान हो रहा है। किसानों की माने तो कोहरे व बादलों की वजह से पौधे सूखने लगे हैं। फूल वाली जो सब्जियां हैं उनके फूल झड़ने लगे हैं। सबसे ज्यादा नुकसान गोभी को है। अरहर की फसल में फूल व फल लग रहे हैं। बादल व कोहरे की वजह से अरहर के फूल व फल झडने लगे हैं। इसके अलावा भाजियां समय से पहले तैयार हो गई है। इससे बाजार में अच्छे दाम भी नहीं मिल रहे हैं।
रिमझिम बारिश से बढ़ी ठंड
मंगलवार की शाम से मौसम आये बदला के साथ हवा के झोंको व रिमझिम बारिश की वजह से ठंडक बढ़ी है। आने वाले दिनों में भी ठंडक बढ़ने का अनुमान है। बुधवार- गुरूवार से ही आसमान में छाए काले बादलों और पूरे दिन रिमझिम फुहार होती रहीं।
रिमझिम बारिश के बीच कलेक्टर ने उपार्जन केन्द्रों का निरीक्षण, अव्यवस्था पर लगाई फटकार
खरीफ उपार्जन के लिए जिले में 21 उपार्जन केन्द्रों में धान खरीदी चल रहीं हैं। लगातार दो दिनों बदले मौसम व रिमझिम हो रही बारिश के बीच कलेक्टर आशीष वशिष्ठ ने गुरूवार को अनूपपुर मण्डी स्थित धान उपार्जन केन्द्र तथा तुलसी वेयर हाऊस मेड़ियारास, आदिम जाति सेवा सहकारी समिति दुलहरा (दमना) तथा आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित राजेन्द्रग्राम का निरीक्षण कर जायजा लिया।
कलेक्टर ने उपार्जन केन्द्रों का निरीक्षण करते हुए किसानों द्वारा लाई गई उपज की वाहनों से धान अनलोडिंग हेतु उपलब्ध स्थान, उपज तौलने हेतु इलेक्ट्रानिक तौल कांटे की जांच के साथ ही किसान पंजीयन तथा भण्डारण आदि की व्यवस्था का अवलोकन किया।
उपार्जन केन्द्र आदिम जाति सेवा सहकारी समिति दुलहरा (दमना) में उपार्जित धान के व्यवस्थित एवं सुरक्षित नही होने पर नाराजगी जताई गई तथा तत्काल इसकी व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि उपार्जित धान का भण्डारण सुव्यवस्थित तरीके से हो, अन्यथा सभी जिम्मेदार लोगों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। सभी उपार्जन केन्द्रों का आकस्मिक निरीक्षण करने,कृषकों की सहायता और बैठक व्यवस्था तथा एफएक्यू के अनुरूप धान के खरीदी के संबंध में निर्देश दिए। उपार्जन केन्द्रों के निरीक्षण के दौरान तिरपाल, इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटे, मास्चर मीटर, गुणवत्ता परीक्षण उपकरण आदि की भी मौके पर जांच की। समितियों को शीतकालीन मौसम तथा तापमान में गिरावट को दृष्टिगत रखते हुए उपार्जन स्कंध के सुरक्षा के लिए तिरपाल आदि की वैकल्पिक व्यवस्था भी सुनिश्चित करने के निर्देश मौके पर दिए गए।
MadhyaBharat
7 December 2023
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