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नई दिल्ली। केरल में वेस्ट नाइल बुखार तेजी से फैल रहा है। केरल में अब तक इस बुखार के पांच मरीज सामने आ चुके हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने मलप्पुरम, कोझिकोड और त्रिशूर जिले में अलर्ट जारी किया है। स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने आपात बैठक बुलाई और बचाव के दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
केरल सरकार के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक पिछले सप्ताह स्वास्थ्य विभाग की उच्च स्तरीय बैठक हुई। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने मानसून से पूर्व साफ-सफाई आदि गतिविधियों में तेजी लाने के निर्देश दिए थे। साथ ही जिला चिकित्सा के पदाधिकारियों को भी निर्देश दिए थे कि वे अपनी गतिविधियों में तेजी लाएं। जिला वेक्टर नियंत्रण इकाई द्वारा कई जगहों से नमूने एकत्र किए गए हैं। सभी नमूनों को परीक्षण के लिए भेजा गया है। स्वास्थ्य विभाग ने जागरुकता कार्यक्रम भी चलाने के लिए कहा है।
क्या है वेस्ट नाइल बुखार?
वेस्ट नाइल बुखार क्यूलेक्स प्रजाति के मच्छरों से फैलता है। युगांडा में 1937 में पहली बार इसका पता चला था। 2011 और 2022 में वेस्ट नाइल बुखार के मामले सामने आए थे। अगर बुखार का सही समय पर इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। साल 2011 में पहली बार इस बुखार का पता चला था और 2019 में इसका एक मामला आया था। इसके बाद 2022 में भी वेस्ट नाइल बुखार का मामला सामने आया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक वेस्ट नाइल वायरस संक्रमित होने वाले लगभग 20 प्रतिशत लोगों में वेस्ट नाइल बुखार विकसित होगा। लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, थकान और शरीर में दर्द, मतली, उल्टी, कभी-कभी त्वचा पर चकत्ते (शरीर के धड़ पर) और सूजी हुई लिम्फ ग्रंथियां शामिल हैं।
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