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नई दिल्ली । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को राज्यसभा में केंद्रीय बजट 2024-25 पर हुई चर्चा का जवाब दिया। वित्त मंत्री ने सदन को बताया कि बजट में आर्थिक वृद्धि, रोजगार, पूंजी निवेश और राजकोषीय मजबूती के बीच बेहतर संतुलन स्थापित किया गया है। बजट में किसी राज्य का नाम नहीं लेने का मतलब यह नहीं है कि उसे पैसे जारी नहीं किए गए हैं।
वित्त मंत्री ने राज्यसभा में केंद्रीय बजट 2024-25 और जम्मू-कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र के बजट 2024-25 पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि हम सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास और सबका विश्वास के सिद्धांत पर काम कर रहे हैं। यह सिद्धांत अगले पांच साल जारी रहेगा और हम तब तक इसे जारी रखेंगे जब तक भारत विकसित देश नहीं बन जाता।
सीतारमण ने चर्चा के दौरान विपक्ष पर दुष्प्रचार करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बजट भाषण में किसी राज्य का नाम नहीं होने का मतलब यह नहीं है कि उन्हें कोई पैसा नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि कृषि और इससे जुड़े सेक्टर्स के लिए केंद्रीय बजट में 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान है जो इससे पिछले वित्त वर्ष से 8000 करोड़ रुपये ज्यादा है। यूपीए सरकार के अंतिम वित्त वर्ष 2013-14 से यदि इसकी तुलना करें तो कृषि के लिए सिर्फ 30 हजार करोड़ का आवंटन हुआ था।
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