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यह रेल पथ नहीं मालवा-निमाड के आदिवासियों का विकास पथ है - डॉ. मोहन यादव
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इंदौर । केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा के साथ इंदौर-मनमाड़ रेललाइन परियोजना के संबंध में इंदौर में आयोजित पत्रकारवार्ता को वर्चुअली संबोधित किया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से न सिर्फ विकास, पर्यटन, कृषि और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह परियोजना 138 करोड़ किलो कार्बनडाइऑक्साइड का उत्सर्जन रोकेगी, जो 5.5 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। उक्त परियोजना पर्यावरण के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी। सीधे तौर पर यह परियोजना भले ही मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के लिए है, लेकिन इसका लाभ देश के हर अंचल को मिलेगा। भाजपा की डबल इंजन सरकार इस परियोजना को समय से पहले पूर्ण कराने के लिए मिलकर काम करेगी।

 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन के रूप में आज मध्यप्रदेश को बड़ी सौगात मिली है। यह रेल पथ नहीं वरन मालवा-निमाड के आदिवासियों का विकास पथ है। इससे मालवा-निमाड़ क्षेत्र को संपूर्ण विकास होगा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि आज मध्यप्रदेश के मालवा निमाड़ को महाराष्ट्र से जोड़ने की वर्षों पुरानी मांग पूरी हुई है। इस परियोजना से आर्थिक कॉरिडोर के साथ धार्मिक कॉरिडोर भी विकसित होगा। यह परियोजना 2029 तक मूर्तरूप लेगी। 

2029 तक पूरी होगी 18000 करोड़ रु. की परियोजना 

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि देश में रेल नेटवर्क के विस्तार के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष आग्रह रहा है और इंदौर-मनमाड़ रेल परियोजना की स्वीकृति के लिए मैं प्रधानमंत्री का आभार प्रकट करता हूं। उन्होंने प्रेजेंटेशन के माध्यम से मीडिया को बताया कि इंदौर-मनमाड़ रेल परियोजना 309 किलोमीटर की होगी और इससे मध्यप्रदेश का मालवा-निमाड़ क्षेत्र सीधे मुंबई से कनेक्ट हो जाएगा। 18036 करोड़ की लागत वाली यह परियोजना 2029 तक पूरी हो जाएगी। इस रेल लाइन पर मध्यप्रदेश में 33 प्लाईओवर एवं 62 अंडरपास बनाए जाएंगे, ताकि ग्रामीण जनजीवन इस परियोजना से प्रभावित न हो। इसी तरह महाराष्ट्र में 12 फ्लाईओवर और 79 अंडरपास बनाए जाएंगे। चंबल, नर्मदा और तापी सहित अन्य छोटी नदियों में दो लाइन वाले पुल भी बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि परियोजना के अंतर्गत बिछाई जाने वाली रेल लाइन पर 160 कि.मी.प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ सकेंगी तथा सिग्नलिंग के लिए कवच सिस्टम का प्रयोग किया जाएगा। परियोजना के अंतर्गत जो सुरंगें बनाई जाएंगी, उनमें से 17.7 कि.मी. सुरंगें मध्यप्रदेश में बनाई जाएंगी। इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन मध्यप्रदेश में इंदौर, धार, खरगोन और बड़वानी जिलों तथा महाराष्ट्र में नासिक और धुले जिलों से गुजरेगी। 

विकास को मिलेगी गति 

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस परियोजना के पूर्ण होने पर मध्यप्रदेश के फल, सब्जी, कपास आदि का उत्पादन करने वाले जिले, औद्योगिक क्षेत्र सीधे तौर पर मुंबई के जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट से जुड़ जाएंगे। परियोजना के अंतर्गत 102 लाख मानव दिवस का रोजगार पैदा होगा तथा जनजातीय बहुल जिलों से गुजरने वाली यह रेल लाइन जनजातियों के सशक्तीकरण में महत्वपूर्ण योगदान देगी। परियोजना के अंतर्गत कुल 34 रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे, जिनमें से 18 मध्यप्रदेश में और 16 महाराष्ट्र में होंगे। उन्होंने बताया कि कृषि, उद्योग, व्यापार आदि के विकास के साथ-साथ यह परियोजना धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देगी। इस परियोजना के पूर्ण होने पर देश के तीन प्रमुख ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर, त्रयंबकेश्वर एवं घुष्मेश्वर रेल संपर्क द्वारा जुड़ जाएंगे। श्री वैष्णव ने बताया कि यह परियोजना 138 करोड़ किलो कार्बन डाईऑक्साइड का उत्सर्जन रोकेगी जो कि 5.5 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।   

इंदौर-मनमाड़ रेल परियोजना से होगा आदिवासियों का विकासः डॉ. मोहन यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आज और कल का दिन मध्यप्रदेश के लिए आजादी के बाद सर्वाधिक खुशी देने वाले दिनों में से एक है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने सोमवार को इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन परियोजना को हरी झंडी दी। आदिवासी अंचल निमाड़, बड़वानी और धार जहां हम केवल सर्वे के लिए पैसा मांगते रहते थे, वहां अब रेलवे ट्रेक का सपना साकार होने जा रहा है। इन क्षेत्रों में बहुत संभावनाएं बड़े पैमाने पर थी,लेकिन रेलवे ट्रेक के अभाव में आजादी के बाद से मालवा-निमाड़ और धार के कुछ क्षेत्रों में पलायन होता रहा। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा कि इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन परियोजना ने उज्जैन से मुंबई तक का रास्ता जोड़ा है और यह त्र्यंबकेश्वर से महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग को जोड़ेगी।

मोदी जी है तो सब मुमकिन है

मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने जिस तरह से एक झटके में 18 हजार करोड़ की परियोजना को मंजूरी दी है, पहले उसकी कल्पना भी करना मुश्किल था। लेकिन जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है तो सब मुमकिन है। देश में 56 इंच का सीना रखकर भारत का मान-सम्मान बढ़ाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों में देश की कमान है। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि हमारे ऊर्जावान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से जब में कुछ दिन पहले दिल्ली में मिला था तो मैंने उनसे मीटर गेज से ब्रॉडगेज और अन्य सुविधाओं को बढ़ाने की बात कही थी, लेकिन वैष्णव ने कहा आपके प्रदेश में बहुत संभावनाएं है आप नई रेल परियोजना को लेकर आओ केंद्र सरकार उसे साकार करने में पूरी मदद करेगी। मध्यप्रदेश देश के मध्य में है और नई रेल परियोजना से मध्यप्रदेश का तो भला होगा ही,लेकिन मध्यप्रदेश  देश के मध्य में होने के कारण यहां से सभी दिशाओं में आवगमन और सुविधाजनक होगा और इससे देश के विकास में भी तेजी आएगी।  

आदिवासी समाज एवं स्थानीय निवासियों के जीवन में बड़ा बदलाव आएगा

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इस परियोजना से आदिवासी समाज एवं स्थानीय निवासियों के जीवन में बड़ा बदलाव आएगा और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। माइनिंग से लेकर मोटा अनाज उत्पादक यह पूरा बेल्ट है। मालवा से निकलने वाला आलू और नासिक से आने वाला प्याज यहां बड़े पैमाने पर फूड इंडस्ट्री के लिए,  परस्पर आवागमन के लिए उपयोगी रहेगा। यहां बडे पैमाने पर लॉजिस्टिक हब की भी बहुत बड़ी संभावना है। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि यह रेल परियोजना 4 साल में डेवलप होगी तब तक राज्य सरकार भी विकास का रोडमैप बनाकर समान रूप से पूरे क्षेत्र में विकास के लिए संकल्पित है। हमारा इंदौर के आसपास के इलाकों में इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाने का जो प्लान है,  उसमे भी हमें काफी मदद मिलेगी। 

मालवा-निमाड़ को मिली बड़ी सौगातः डॉ. विष्णुदत्त शर्मा 

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश के मालवा-निमाड को एक बड़ी सौगात मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का हमेशा से मध्यप्रदेश के प्रति लगाव रहा है। आज उसका परिणाम है कि मध्यप्रदेश के मालवा निमाड़ को महाराष्ट्र से जोड़ने की वर्षों पुरानी मांग पूरी हो रही है। इसके लिए हृदय से आभार और धन्यवाद व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा कि यह 18000 करोड़ की रेल की परियोजना मालवा -निमाड़ और महाराष्ट्र को जोड़ेगी, यह केवल रेल पथ नहीं है बल्कि मालवा निमाड के आदिवासियों के विकास का पथ है और इससे आर्थिक गलियारे के साथ धार्मिक कॉरिडोर भी विकसित होगा। इस क्षेत्र में आदिवासियों को विकास को गति इसके माध्यम से मिलेगी। इस परियोजना से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का मालवा-निमाड़ के विकास को लेकर जो विजन है, वह पूर्ण होगा। 

वर्षों पुरानी मांग आज साकार रूप ले रही है 

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व खजुराहो सांसद शर्मा ने कहा कि यह परियोजना 2029 तक साकार रूप लेगी। लंबे समय से स्थानीय लोग इस परियोजना की मांग कर रहे थे। क्षेत्रीय नागरिकों और पार्टी कार्यकर्ताओं की इस बरसों पुरानी मांग के पूरा हो जाने पर मैं पार्टी कार्यकर्ताओं और मध्यप्रदेश की जनता की ओर से प्रधानमंत्री जी का बहुत हृदय से आभार और धन्यवाद करता हूं। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार है जिसकी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है तथा इस परियोजना को कैबिनेट की स्वीकृति इसका सबसे बड़ा प्रमाण है। 

 

MadhyaBharat 3 September 2024

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