Since: 23-09-2009

  Latest News :
विपक्षी दलों के छात्र संगठनों का शिक्षा नीति और यूजीसी ड्राफ्ट के खिलाफ प्रदर्शन.   मुख्यमंत्री स्टालिन निर्वाचन क्षेत्र के परिसीमन के संबंध में प्रधानमंत्री से करेंगे मुलाकात.   उत्तराखंड सरकार अवैध मदरसों की फंडिंग की करेगी जांच.   स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी : देवेंद्र फडणवीस.   अनंतनाग के जंगल में सुरक्षाबलों ने आतंकवादी ठिकाने का किया भंडाफोड़.   हीरानगर सेक्टर के सान्याल गांव में सुरक्षा बल और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू.   मप्र में मोहन सरकार का जल सौर पवन और पर्यटन पर फोकस .   मप्र के सभी प्रमुख शहरों में होगी सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य की प्रस्तुति : मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव.   मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में ग्वालियर कर रहा लगातार प्रगतिः सिंधिया.   नाजिया इलाही खान ने किए भगवान महाकाल के दर्शन.   भोपाल में सड़क हादसे में नर्सिंग की छात्रा की मौत.   मप्र के कूनो नेशनल पार्क से बाहर निकले पांच चीते.   शासकीयकरण की मांग पर पंचायत सचिवों की हड़ताल जारी.   राष्ट्रपति मुर्मु ने छत्तीसगढ़ विधानसभा परिसर में लगाया कदम्ब का पौधा.   लोकतंत्र की जड़ें भारत में वैदिक काल से मजबूत : मुख्यमंत्री साय.   कोरबा में ट्रेलर की चपेट में आने से पेपर जमा करने जा रहे शिक्षक की मौत.   दुर्गा मंदिर के सामने संदिग्ध हालत में मिला महिला का शव.   बीजापुर में 22 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण.  
सभी नागरिकों को प्रदूषण मुक्त जीवन जीने का अधिकार : सुप्रीम कोर्ट
new delhi, All citizens, pollution-free life,Supreme Court

नई दिल्ली । दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के मसले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकार को याद रखना चाहिए कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत सभी नागरिकों को प्रदूषण मुक्त जीवन जीने का अधिकार है। प्रदूषण पर लगाम न लगने के चलते मौलिक अधिकार का हनन हो रहा है। कोर्ट में भी ये सुनवाई नागरिकों के इस अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए हो रही है। सरकार की जवाबदेही बनती है कि कैसे वो प्रदूषण मुक्त वातावरण देकर नागरिकों के इस मौलिक अधिकार की रक्षा करें।

 

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि पराली जलाने वालों पर दोनों राज्यों में चुनिंदा कार्रवाई हो रही है। कुछ केस में एफआईआर दर्ज की गई है तो कुछ में जुर्माना लगाकर छोड़ दिया जा रहा है। जो जुर्माना वसूला जा रहा है, वो भी मामूली है। कोर्ट ने कहा कि दोनों ही राज्यों में पराली जलाने वालों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई नहीं हो रही है। साफ है कि इसके पीछे राजनीतिक वजह है। मामूली जुर्माना लगाकर जिस तरह से लोगों को छोड़ा जा रहा है, आप पराली जलाने वाले को लाइसेंस दे रहे हैं कि पराली जलाएं और इतना जुर्माना देकर बच जाएं।

 

इस मामले में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। आयोग ने कहा है कि 15 सितंबर से 17 अक्टूबर के बीच पराली जलाने की पंजाब में 1289 और हरियाणा में 601 घटनाएं हुई हैं। आयोग ने कहा है कि पंजाब और हरियाणा की सरकारें पराली जलाने पर रोक लगाने में विफल रही हैं। आयोग ने दोनों राज्यों के अधिकारियों को नोटिस जारी किया है।

 

सुप्रीम कोर्ट ने 16 अक्टूबर को पराली जलाने की घटनाओं के लिए दोषी लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं करने के लिए पंजाब और हरियाणा को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी को तलब किया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि लोगों को जिस तरह से मामूली जुर्माना लगाकर छोड़ा जा रहा है, उससे पराली जलाने की घटनाएं रुकने वाली नहीं हैं।

 

कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से कहा था कि वो उसके निर्देशों पर अमल न करने के दोषी अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करें। कोर्ट ने कहा था कि आयोग का कोई भी सदस्य वायु प्रदूषण के मामलों से निपटने के योग्य नहीं है। क्या आपने किसी विशेषज्ञ एजेंसी जैसे आईआईटी को जोड़ा है। तब केंद्र सरकार की ओर से बताया गया था कि उन्होंने एनईआरई के विषेषज्ञों को लिया है। तब कोर्ट ने कहा था कि हमने देखा है कि बैठक में बहुत से लोग मौजूद नहीं रहते हैं। अगर ऐसे सदस्य हैं तो वे कमेटी में रहने के लायक नहीं हैं।

MadhyaBharat 23 October 2024

Comments

Be First To Comment....
Video

Page Views

  • Last day : 8641
  • Last 7 days : 45219
  • Last 30 days : 64212


x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2025 MadhyaBharat News.