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अष्टलक्ष्मी महोत्सव में देश और दुनिया देखेगी पूर्वोत्तर का सामर्थ्य: प्रधानमंत्री
new delhi,   Ashtalakshmi Mahotsav, Prime Minister

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को भारत मंडपम में अष्टलक्ष्मी महोत्सव का उद्घाटन करते हुए कहा कि आज दिल्ली पूर्वोत्तरमय हो गई है। उन्होंने कहा कि तीन दिवसीय महोत्सव में देश और दुनिया को पूर्वोत्तर का सामर्थ्य देखने को मिलेगा। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर महोत्सव को समर्पित एक डाक टिकट का भी विमोचन किया। पहली बार मनाया जा रहा तीन दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव 8 दिसंबर तक चलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर में निवेश के लिए उत्साह है। बीते एक दशक में हमने पूर्वोत्तर रीजन के विकास में अद्भुत यात्रा देखी है लेकिन यहां तक पहुंचना सरल नहीं था। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर को भारत की विकास यात्रा से जोड़ने के लिए हमने हर संभव कदम उठाये। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान नार्थईस्ट के विकास के लिए अलग मंत्रालय बनाया गया। बीते दशक के दौरान हमने पूर्वोत्तर के साथ दिल्ली और दिल के अंतर को कम करने की भी कोशिश की। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों ने पिछले दशक में 700 से अधिक बार पूर्वोत्तर के राज्यों का दौरा किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम पूर्वोत्तर को भावना, अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी की त्रिमूर्ति से जोड़ रहे हैं।
मोदी ने कहा, “पूर्वोत्तर के विकास के लिए 90 के दशक में बनाई गई नीति के बनने से लेकर 2014 तक जितना बजट पूर्वोत्तर को मिला, उससे कहीं अधिक हमने बीते 10 सालों में दिया है। पिछले एक दशक में सिर्फ़ एक योजना के तहत पूर्वोत्तर पर 5 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा खर्च किए गए हैं। यह पूर्वोत्तर के प्रति मौजूदा सरकार की प्राथमिकता को दर्शाता है। इस योजना के अलावा, हमने पूर्वोत्तर के लिए विशेष योजनाएं भी शुरू कीं।”
वोट बैंक की राजनीति को लेकर पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “लंबे समय तक हमने देखा है कि विकास को कैसे वोटों की संख्या से तोला गया। नॉर्थईस्ट के पास वोट कम थे, सीटें कम थीं, इसलिए पहले की सरकारों द्वारा वहां के विकास पर ध्यान नहीं दिया गया।”
प्रधानमंत्री ने अष्टलक्ष्मी महोत्सव को पूर्वोत्तर के बेहतर भविष्य का उत्सव बताया और कहा कि भारत में आने वाला समय पूर्वोत्तर का है। उन्होंने कहा कि भारत के पूर्वोत्तर में आठ राज्यों असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम में अष्टलक्ष्मी के दर्शन होते हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दशकों में हम अगरतला, गुवाहाटी, गंगटोक, आइजोल, शिलांग, ईटानगर, कोहिमा जैसे शहरों का नया सामर्थ्य देखने वाले हैं। मोदी ने कहा कि इसमें अष्टलक्ष्मी जैसे आयोजनों की बहुत बड़ी भूमिका होगी।
मोदी ने कहा कि यह महोत्सव पूर्वोत्तर के किसानों, कारगीरों, शिल्पकारों के साथ-साथ दुनिया के निवेशकों के लिए भी एक बेहतर अवसर है। उन्होंने कहा कि ये पहला और अनोखा आयोजन है, जब इतने बड़े स्तर पर नॉर्थईस्ट में निवेश के द्वार खुल रहे हैं। ये नॉर्थईस्ट के किसानों, कारीगरों व शिल्पकारों के साथ-साथ दुनियाभर के निवेशकों के लिए भी बेहतरीन अवसर है।
उन्होंने कहा कि बीते दशक में नॉर्थ ईस्ट में अनेक ऐतिहासिक शांति समझौते हुए हैं। राज्यों के बीच भी जो सीमा विवाद थे, उनमें भी काफी सौहार्द्रपूर्ण ढंग से प्रगति हुई हैं। नॉर्थईस्ट में हिंसा के मामले में कमी आई हैं। अनेक जिलों से अफस्पा (सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम) को हटाया जा चुका है। हमें मिलकर अष्टलक्ष्मी का नया भविष्य लिखना है और इसके लिए सरकार हर कदम उठा रही है।
कार्यक्रम में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा, मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, अरुणाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री चौना मीन, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुकांत मजूमदार आदि उपस्थित थे।

 

MadhyaBharat 6 December 2024

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