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मप्र में नौ साल बाद राज्य के सरकारी कर्मचारियों को मिलेगी पदोन्नति
bhopal, After nine years, state government employees
भोपाल । मध्य प्रदेश में 9 साल से बंद शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इसके लिए तैयार किए गए प्रस्ताव को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में मंजूरी दे दी गई है। इसमें एक साथ दो साल के लिए विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक करके पात्रों की सूची तैयार करने, एससी-एसटी वर्ग के अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए 36 प्रतिशत पद सुरक्षित रखने, पहले एससी-एसटी के पदों पर पदोन्नति करने और अनारक्षित पदों पर सबको अवसर देने जैसे प्रावधानों को मंजूरी मिल गई है।
 
मुख्यमंत्री ने ट्वीट के माध्यम से कहा कि कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के कर्मचारियों-अधिकारियों के 9 वर्ष से लंबित पदोन्नति के मामले का निराकरण किया गया। इसमें एससी-एसटी सहित सभी वर्ग के कर्मचारियों-अधिकारियों के हितों का ध्यान रखा गया है। इसके माध्यम से पदोन्नति के बाद शासकीय सेवाओं में दो लाख पद रिक्त होंगे और इन पर नये सिरे से भर्ती की संभावना बनेगी।
 
बैठक के बाद नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि इस फैसले से नई भर्ती के दरवाजे भी खुल जाएंगे। प्रमोशन में आरक्षित वर्ग की हिस्सेदारी को भी इसमें ध्यान में रखा गया है। प्रमोशन में किसी प्रकार की विधिक तकलीफ नहीं आएगी, इसका भी पूरा ध्यान रखा गया है। अग्रिम डीपीसी के प्रावधान किए गए हैं। वरिष्ठता का ध्यान रखा गया है। किन परिस्थितियों में लोकसेवक अपात्र होगा, इसे भी स्पष्ट किया गया है। निर्णय के पुनर्विलोकन के लिए रिव्यू डीपीसी की व्यवस्था भी की गई है। पदोन्नति समिति को शासकीय सेवक की उपयोगिता निर्धारण करने का अधिकार दिया गया है।
 
मध्य प्रदेश में 2016 से सरकारी कर्मचारियों की पदोन्नति (प्रमोशन) रुकी हुई थी। इसकी वजह यह थी कि आरक्षण में प्रमोशन को लेकर मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन था। सरकार ने वहां एसएलपी दाखिल की थी, जिससे प्रमोशन नहीं हो पा रहा था। मुख्यमंत्री कर्मचारियों को पदोन्नति दिए जाने के पक्ष में हैं। इसी कारण तीन महीने पहले उन्होंने सभी पक्षों की सहमति से पदोन्नति प्रक्रिया शुरू करने की बात कही थी। इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रमोशन का फॉर्मूला तैयार करना शुरू किया और दो से ज्यादा बार मुख्यमंत्री के सामने इसका प्रेजेंटेशन पेश किया गया। 
 
इस दौरान सपाक्स और अजाक्स के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में मुख्य सचिव अनुराग जैन ने सरकार द्वारा तैयार फॉर्मूले का प्रेजेंटेशन दिया। पिछले हफ्ते 10 जून को हुई कैबिनेट बैठक में मंत्रियों के सामने भी इसका प्रजेंटेशन पेश किया गया था। इसके बाद अब इसे मंजूरी के लिए मंगलवार को कैबिनेट बैठक में लाया गया, जिसे मंजूरी दे दी गई।
 
इसके अलावा मंत्रि-परिषद ने पीएम जनमन योजना के तहत 49 सक्षम आंगनबाड़ी केंद्रों को मंजूरी दी गई है। इनमें 449 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और 459 सहायिका के पद भरे जाएंगे। वहीं, 26 पर्यवेक्षकों (सुपरवाइजर) की भर्ती भी होगी। सहरिया और बैगा जैसी जनजातियों के क्षेत्रों में ये केंद्र खुलेंगे। योजना पर 143 करोड़ खर्च होंगे, जिसमें केंद्र सरकार 72 करोड़ और राज्य सरकार 70 करोड़ देगी। योजना 2025-26 से 2030-31 तक चलेगी।
 
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि राज्य सरकार किसानों से ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द की खरीदी करेगी। केंद्र सरकार से अनुमति मिलने की बात कही गई है। मूंग का एमएसपी 8682 रुपये प्रति क्विंटल तथा उड़द का एमएसपी 7400 रुपये प्रति क्विंटल खरीदी खाेगी। खरीदी की अवधि 7 जुलाई से 6 अगस्त तक तय की गई है। विद्युत पारेषण कंपनी की 5163 निर्माणाधीन योजनाओं को मंजूरी दी गई है।
MadhyaBharat 17 June 2025

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