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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा
गुजरात में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। ऐसे में हार्दिक पटेल का गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष पद से सतीफा देना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है। कयास लगाए जा रहे हैं हार्दिक के जाने से एक तरफ बीजेपी खुश है तो दूसरी ओर आप में भी ख़ुशी का माहौल है। गुजरात विधानसभा चुनाव इस साल के आखिर में होने वाले हैं उसके 6 महीने पहले ही उथल-पुथल शुरू हो गई है। हार्दिक पटेल सुर्खियों में तब आये थे जब उन्होंने पाटीदार आंदोलन किया था। और पाटीदारों के लिए आरक्षण की मांग की थी। उस समय हार्दिक चर्चा का विषय बने हुए थे। कांग्रेस को उन्होंने चुनाव में समर्थन भी दिया था। लेकिन पार्टी को जिता नहीं पाए थे। अब गुजरात के युवा चेहरे हार्दिक पटेल ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। हार्दिक गुजरात कांग्रेस में कार्यकारी अध्यक्ष के पद पर थे। हार्दिक इन दिनों कांग्रेस से काफी खफा हैं और तरह तरह के आलाकमान सहित स्तर पर आरोप भी लगा रहे हैं। हार्दिक पटेल की राज्य नेतृत्व से नाराजगी किसी से छिपी नहीं थी। वह बीते कई रोज से खुलकर बयानबाजी कर रहे थे। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में हार्दिक पटेल ने पार्टी छोड़ने की कई वजह गिनाई हैं। अपने लेटर में हार्दिक ने शीर्ष नेतृत्व से किसी भी मुद्दे को गंभीरता से न लेने की बात भी कही। आगे जानिए चुनाव से पहले हार्दिक ने क्यों छोड़ी कांग्रेस-
हार्दिक पटेल की पहली नाराजगी इस बात को लेकर थी कि वह पिछले दो साल से कांग्रेस की गुजरात इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। लेकिन कोई जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई। दो साल से वर्किंग प्रेजिडेंट बनाया गया। कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई। हार्दिक पटेल ने कहा पद देना कोई बड़ी बात नहीं होती, उस पद के बाद उपयोग करना, काम देना, उस काम में मैं सफल हूं या असफल यह देखना। वो आपकी जिम्मेदारी होती है। जो आज तक नहीं हुआ बस इसी का दुख है।
हार्दिक पटेल को लेकर कांग्रेस की गुजरात इकाई में सबकुछ सामान्य नहीं था। हार्दिक भी अक्सर राज्य नेतृत्व के कामकाज पर सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें इग्नोर किया गया। जरूरी मीटिंग में नहीं बुलाया गया। एक टीवी इंटरव्यू में उन्होंने कांग्रेस के पोस्टर में उनकी तस्वीर न होने पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा था, 'पूरे गुजरात में एक ही वर्किंग प्रेजिडेंट है, उसकी फोटो भी नहीं लगा सकते तो पद क्यों दिया है।'हार्दिक इससे भी नाराज थे की नरेश पटेल को कांग्रेस में शामिल किया जा रहा था । जिससे कांग्रेस में आने पर पाटीदार नेता के रूप में उनका दबदबा खत्म हो जाएगा। जानकारों की माने तो गुजरात कांग्रेस के प्रभारी डॉ. रघु शर्मा से भी हार्दिक पटेल के संबंध सहज नहीं थे। हार्दिक के नरेश पटेल के मामले में कांग्रेस आलाकमान के फैसले पर सवाल उठाना रघु शर्मा को पसंद नहीं आया था। उन्होंने राहुल गांधी से भी इसका जिक्र किया था। दरअसल हार्दिक पटेल की गांधी परिवार से नजदीकी थी जबकि स्टेट कमान उन्हें उतना सम्मान देने को तैयार नहीं था।हार्दिक को गुजरात कांग्रेस के महत्वपूर्ण फैसलों में शामिल नहीं किया गया। गुजरात कांग्रेस में महासचिव और उपाध्यक्ष, जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के दौरान भी हार्दिक की राय नहीं ली गई। उन्हें आयोजनों में भी शामिल नहीं किया गया। इस पर हार्दिक ने अपनी नाराजगी जाहिर की थी।
MadhyaBharat
22 May 2022
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