Since: 23-09-2009
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की चेतावनी
कोरोना के बाद अब मंकी पॉक्स ने सभी देशों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। जर्मनी सहित कई देशों ने इसके लिए वैक्सीन भी इकठ्ठा करनी शुरू कर दी हैं। मंकीपॉक्स का संक्रमण लगातार तेजी से बढ़ता जा रहा है। जिसको लेकर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने चेतावनी जारी की है। हेल्थ एजेंसी की माने तो छोटे बच्चों को इस बीमारी का खतरा ज्यादा है। जिसके चलते इसके लक्षणों पर नजर रखनी होगी। हालांकि भारत में मंकीपॉक्स के अभी मामले सामने नहीं आए हैं। सरकार इस संक्रमण को लेकर हाई अलर्ट पर है। गौरतलब है कि अर्जेंटीना में मंकीपॉक्स का पहला केस सामने आया। मरीज हाल ही में स्पेन की यात्रा कर लौटा है। देश में वायरस का एक संदिग्ध मरीज भी पाया गया है। इससे पहले मंगलवार को पश्चिम अफ्रीका से UAE लौटी एक महिला में भी मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई थी। बता दें कि अब तक 21 देशों में मंकीपॉक्स के 226 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। WHO ने लगभग 100 संदिग्ध मरीज ऐसे देशों से रिपोर्ट किए गए हैं, जहां मंकीपॉक्स आमतौर पर नहीं पाया जाता है। मंकीपॉक्स का पहला मामला ब्रिटेन में 7 मई को सामने आया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एडवाइजर डॉ डेविड हेमैन ने न्यूज एजेंसी AP से बातचीत में बताया था कि समलैंगिक पुरुषों में मंकीपॉक्स के संक्रमण फैलने की वजह स्पेन और बेल्जियम में हुई दो गे सेक्स पार्टीज हो सकती हैं। मंकीपॉक्स एक यौन रोग यानी सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिसीज नहीं है। मंकीपॉक्स के लक्षणों में पूरे शरीर पर मवाद से भरे दाने, बुखार, सूजी हुई लिंफ नोड्स, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकान होता है। चीन ने इससे पहले अमेरिका पर इसके फैलाने का आरोप लगाया था। चीन पर भी अमेरिका सहित कई देशों कोरोना फैलाने का आरोप लगाया था।
MadhyaBharat
28 May 2022
All Rights Reserved ©2024 MadhyaBharat News.
Created By: Medha Innovation & Development
|