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SC ने जांच एजेंसी को बताया सही ,अधिकार गिनाए ,याचिका ख़ारिज
जांच एजेंसियों को लेकर दायर याचिका पर सवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख़ टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने ED के खिलाफ दायर याचिका ख़ारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने एजेंसियों के पक्ष में कहा कि मनी लांड्रिंग एक स्वतंत्र अपराध है। इसके लिए समन भेजना सही है। गिरफ्तारी के लिए कारण बताना ही पर्याप्त है। याचिकाकर्ता की ओर कहा गया कि ईडी जैसी जांच एजेंसियों कानून का पूरा पालन नहीं करती हैं। इस पर भी जजों ने जांच एजेंसियों का पक्ष लेते हुए कहा कि ईडी के अधिकारी कोई पुलिस अधिकारी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि PMLA के तहत ईडी को मिले अधिकार बने रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला उन विपक्षी दलों के लिए तगड़ा झटका है, जो सरकार पर आरोप लगाते हैं कि केंद्र सरकार ईडी जैसी एजेंसियों का उपयोग राजनीतिक विद्धेष की भावना के लिए करती है। फिलहाल याचिका खारिज कर दी गई है। आपको बता दें नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी से ED पूछताछ कर रही है। वहीं सुप्रीम कोर्ट में मनी लॉन्डरिंग कानून और ED के साथ अन्य जांच एजेंसियों के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किये गए थे।सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि ईडी को रेड और गिरफ्तारी का अधिकार है। PMLA के तहत ED को सभी अधिकार मिले हुए हैं।
ईडी के असीमित अधिकार बने रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने 8 सेक्शन का भी जिक्र किया है। सेक्शन 19 के तहत बिना वारंट गिरफ्तारी का अधिकार है।
राजनीति और समाज की दृष्टि से यह निर्णय बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसके साथ ही यह जांच एजेंसियों पर सवाल खड़े करने वालों को बड़ा झटका भी है। न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह फैसला सुनाया है । न्यायमूर्ति एएम खानविलकर 29 जुलाई को सेवानिवृत्त होंगे। पीठ के अन्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार और दिनेश माहेश्वरी हैं।
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