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ड्रैगन की धमकी का नहीं हुआ अमेरिका पर असर
ड्रैगन की धमकी का नहीं हुआ अमेरिका पर असर

 

नैंसी पेलोसी कड़ी सुरक्षा के बीच पहुंची ताइवान 

चीन की धमकी के बावजूद अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने ताइवान यात्रा पूरी की। इस यात्रा के पीछे अमेरिका की शाख लगी हुई थी। करीब 17 घंटे ताइवान में रहने के बाद वे दक्षिण कोरिया के लिए रवाना हो गई हैं। जिसको लेकर चीन तिलमिला गया है। बताया जा रहा है की तिलमिलाया चीन ताइवान पर हमला भी कर सकता है। नैंसी पेलोसी  की यात्रा के पहले चीन ने अमेरिका को धमकी दी थी की अगर नैंसी पेलोसी ताइवान आईं तो ठीक नहीं होगा।  जब अमेरिका वन चीन पालिसी को मनाता है तो ताइवान की यात्रा क्यों की जा रही है। चीन राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन को धमकी दी थी कि अमेरिका अगर आग से खेलेगा तो जल जाएगा।  जिसके बाद अमेरिका ने जो नैंसी पेलोसी का रुट तय किया था उससे ऐसा लगा था की अमेरिका अब नैंसी पेलोसी को ताइवान नहीं भेजेगा।  लेकिन अमेरिका ने नैंसी पेलोसी को भारी सुरक्षा के बीच ताइवान भेजा।  इस दौरान समुद्र के साथ वायु सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए थे।  ड्रैगन नैंसी पेलोसी की इस यात्रा का विरोध करता रह गया।    

इसको लेकर  सुबह से खबरें आ रही हैं कि चीन ने ताइवान को सब तरफ से घेर लिया है। इस दौरान ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने कहा, अमेरिकी स्पीकर पेलोसी वास्तव में ताइवान के सबसे अच्छे मित्रों में से एक हैं। ताइवान की यह यात्रा करने के लिए हम आपके आभारी हैं। अमेराका और ताइवान पुराने दोस्त हैं। चीन और अमेरिका की तनातनी पर अब अन्य देशों की प्रतिक्रियाएं भी आने लगी हैं। उत्तर कोरिया ने जहां चीन का समर्थन किया है। वहीं जापान ने तनाव के बीच चीन द्वारा किए जा रहे युद्धाभ्यास पर चिंता जाहिर की है। नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पहली प्रतिक्रिया आ गई है। शी ने कहा है, हमने अपनी आंखें खुली रखी हैं। हम दुनिया को खुली आंखों से देख रहे हैं ताकि अमेरिका या उसके समर्थक देशों से आने वाली उकसावे का पता लग सके। वहीं चीनी सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि अमेरिका लोकतंत्र की आड़ में उसकी संप्रभुता का उल्लंघन कर रहा है। 'अपराधियों' को सजा दी जाएगी। आपको बता दें पेलोसी जैसे ही ताइवान पहुंचीं, चीनी सेना ताइवान जलडमरूमध्य की ओर बढ़ गई। चीनी सुखोई-35 लड़ाकू विमानों ने भी ताइवान जलडमरूमध्य को पार किया। वहीं अमेरिका ने भी अपने यूएसएस रोनाल्ड रीगन और अन्य युद्धपोतों को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र और फिलीपींस सागर में भी तैनात कर दिया है। लड़ाकू विमानों को भी अलर्ट पर रखा गया है। इसके साथ ही दुनियाभर में यह आशंका है कि अगर कोई एक्शन होता है तो यह तीसरे विश्व युद्ध की वजह बन सकता है। ताइवान की राजधानी ताइपे पहुंचने के बाद पेलोसी ने कहा कि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का दौरा ताइवान के जीवंत लोकतंत्र का समर्थन करने के लिए अमेरिका की अटूट प्रतिबद्धता का सम्मान है। उनसे पहले अमेरिकी संसद के कई प्रतिनिधिमंडल ताइवान का दौरा कर चुके हैं। वहीं  चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अमेरिका पर धोखा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ताइवान के मुद्दे पर कुछ अमेरिकी नेता आग से खेल रहे हैं, जिसका परिणाम निश्चित रूप से अच्छा नहीं होगा। जानकारों की माने तो इस मामले से अब चीन और अमेरिका का व्यापार भी प्रभावित हो सकता है।  वहीं जो बाइडन ने अमेरिका के साथ अपनी गिरती हुई साख को भी बचा लिया है।

MadhyaBharat 3 August 2022

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