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INS विक्रांत भारतीय नौसेना में हुआ शामिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौसेना के नए ध्वज का अनावरण किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम के दौरान नौसेना के एक नए निशान का अनावरण किया। नया ध्वज औपनिवेशक अतीत को पीछे छोड़ते हुए समृद्ध भारतीय समुद्री धरोहर का प्रतीक होगा। नौसेना के नए ध्वज में एक सफेद ध्वज है, जिस पर क्षैतिज और लंबवत रूप में लाल रंग की दो पट्टियां हैं। नौसेना के नए ध्वज में भारत का राष्ट्रीय चिह्न (अशोक स्तंभ) दोनों पट्टियों के मिलन बिंदु पर अंकित है। कई दशकों से औपनिवेशिक अतीत के चिन्ह को हटाते हुए आज प्रधानमंत्री मोदी ने नौसेना के लिए डिजाइन किए गए नए ध्वज का अनावरण कर दिया। आईएनएस विक्रांत पोत को कोचीन शिपयार्ड पर तैयार किया गया है। इसके निर्माण में 20,000 करोड़ रुपए लागत आई है। INS विक्रांत के भारतीय नौसेना में शामिल होने से उनकी ताकत भी दो गुनी हो गई है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामधारी सिंह दिनकर की कविता का भी उल्लेख किया। जिसमें लिखा था- ‘नवीन सूर्य की नई प्रभा, नमो, नमो। नमो स्वतंत्र भारत की ध्वजा, नमो, नमो... आज इसी ध्वज वंदना के साथ मैं ये नया ध्वज नौसेना के जनक छत्रपति वीर शिवाजी महाराज को समर्पित करता हूं। भारतीय नौसेना के गठन वैसे तो शिवाजी महाराज ने ही कर दिया था लेकिन औपचारिक रूप में यह ब्रिटिश काल में अस्तित्व में आ गई थी। 2 अक्टूबर, 1934 को नौसेना सेवा का नाम बदलकर अंग्रेजों ने रॉयल नेवी कर दिया था, लेकिन देश की आजादी के साथ ही 26 जनवरी, 1950 को रॉयल को हटाकर भारतीय नौसेना नाम कर दिया गया था। आपको बता दें कई देशों ने ब्रिटिश काल के अपने झंडे बदल दिए हैं। वहीँ भारत ने भी अपने नवसेना के फ्लैग बदल दिया है
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