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कम बारिश के चलते चावल का उत्पादन घटने की संभावना
भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल एक्सपोर्टर है। वहीं उत्पादन के मामले में यह चीन के बाद दूसरे नंबर पर है। लेकिन पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे चावल उत्पादन वाले राज्यों में कम बारिश ने चावल की पैदावार को लेकर चिंता बढ़ी हुई है।दुनिया के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक दक्षिण एशियाई देश भारत में चावल का कुल रकबा इस सीजन में अब तक 12% गिर गया है। देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने का काम किया जा रहा है। भारत सरकार ने टूटे चावल को लेकर बड़ा फैसला लेते हुए आज से ब्रोकन राइस के निर्यात पर रोक लगा दी है। यह जानकारी कृषि मंत्रालय ने दी है। डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड की ओर से जारी नोटिफिकेशन में इस बात की जानकारी दी गई है। नोटिफिकेशन में बताया गया है कि ब्रोकन राइस यानी टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। आपको बता दें देश के कई इलाकों में कम बारिश की वजह से इस साल चावल के उत्पादन के प्रभावितहोने की संभावना है। जिसके चलते अब खाद्य सुरक्षा की रक्षा के लिए गेहूं और चीनी के बाद ब्रोकन राइस यानी टूटे चावल के निर्यात को भी प्रतिबंधित किया गया है। वहीं केंद्र ने गैर बासमती चावल के निर्यात पर भी 20 प्रतिशत एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने का फैसला किया है। लेकिन बासमती और भाप दिए (प्रीबॉइल्ड) चावल को निर्यात शुल्क से मुक्त रखा गया है। देश के चावल बाजार के आंकड़ों पर नजर डाले तो 2021-22 में देश से कुल 17 मिलियन टन गैर बासमती चावल निर्यात हुआ था। 60 प्रतिशत हिस्सा सफेद चावल का है शेष प्रीबाइल्ड व अन्य प्रकार के चावल है। वहीं सरकार ने स्थानीय मार्केट में चावल की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाया है।
MadhyaBharat
9 September 2022
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