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अमेरिका ने परमाणु युद्ध के बीच देश में जारी की एडवाइजरी
रूस यूक्रेन युद्ध के बीच अब न्यूक्लियर वार का खतरा बढ़ता जा रहा है। रूस अब पीछे हटने लगा है। जिससे माना जा रहा है कि यूक्रेन अपने हारे हुए क्षेत्र अब वापस ले रहा है। जिसके चलते आशंका जताई जा रही है कि परमाणु हमला बढ़ सकता है। वहीं अमेरिका ने अपने देशवासियों के लिए एडवाइजरी जारी की है। अमेरिका ने कहा है कि हो सकता है जब ऐसा हो तो हमें इसके बारे में बताने का समय न मिले। अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडेन ने देश के लोगों को ऐसी स्थिति में सुरक्षित रहने के लिए कहा है। उन्होंने ये भी कहा कि रूस ऐसा न करे। एडवाइजरी में सूची में क्या करने और क्या नहीं करने की सलाह दी गई है.
हाल में ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने यूक्रेन पर परमाणु विस्फोट करने की धमकी दी थी। अमेरिका ने अपने नागरिकों को इस युद्ध के लिए पूरी तरह से तैयार रहने के लिए कहा है। अमेरिका ने नागरिकों को सतर्क करने के लिए एक एडवाइजरी भी जारी की है। एडवाइजरी में विस्फोट के बाद तुरंत नहाने का सुझाव दिया गया है। स्नान करने के लिए आप साबुन का यूज कर सकते हैं। नहाते समय अपने शरीर को किसी भी तरह से रगड़ने या फिर खरोंचने को मना किया गया है। इसके बजाय आप धीरे-धीरे शरीर को साफ करें। परमाणु हमला होने पर बेसमेंट का सहारा लें। हेयर ड्रायर यूज़ नहीं करने की सलाह दी गई है। दो से तीन दिन तक का खाने का सामान रखें। 24 घंटे तक बेसमेंट से न निकले। इसके साथ ही अमेरिका ने कहा कोरोना के समय जो भी सेलटर बनाये गए है उनपर पहुंचे। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने बताया है कि न्यूक्लियर एक्सप्लोजन की स्थिति में या फिर उसके बाद हेयर कंडीशनर का यूज करने से मना किया है। एडवाइजरी में परमाणु हमले के बाद हेयर कंडीशनर को खास तौर पर यूज न करने पर जोर दिया गया है। परमाणु विस्फोट के बाद उससे निकले हुए रेडियोएक्टिव धूल बादल में जाकर चिपक जाती है। इसके अलावा रेडियोधर्मी धूल पूरे वातावरण में भी फैल जाती है। हेयर कंडिशनर में तेल और सतह-सक्रिय एजेंट होते हैं, जिसके कारण वातावरण में फैली रेडियोएक्टिव डस्ट बालों से चिपक सकती हैं। इसके साथ ही हाथ से शरीर को छूने से परहेज करें। जब तक कोई सूचना न मिले प्रयास रहे की घर से बाहर न निकले। खिड़कियों के पास न जाएँ।
क्या होता है न्यूक्लियर हमला कैसे करता है काम
जब एक अकेला फ्री न्यूट्रॉन, रेडियो एक्टिव मटेरियल जैसे कि यूरेनियम या प्लूटोनियम के एक परमाणु के नाभिक से टकराता है तो यह दो या तीन और न्यूट्रॉन्स को मुक्त करता है। जब ये न्यूट्रॉन नाभिक से अलग होते हैं तब एक एनर्जी उत्पन्न होती है और ये नए उत्पन्न हुए न्यूट्रॉन्स दूसरे यूरेनियम या प्लूटोनियम के नाभिकों से टकराते हैं और उसी तरीके से उनका विभाजन करते हैं. जिससे और अधिक एनर्जी और न्यूट्रॉन्स पैदा होते हैं। विखंडन के दौरान कुछ भारी परमाणुओं के नाभिक छोटे और हल्के नाभिकों में विभाजित हो जाते हैं और प्रक्रिया के दौरान ऊर्जा छोड़ते हैं. यह स्वाभाविक ) भी हो सकता है, लेकिन कुछ नाभिकों में बाहर से भी प्रेरित किया जा सकता है। एक न्यूट्रॉन की नाभिक के साथ टक्कर करवाई जाती है और इसे absorb कर लिया जाता है, जिसकी वजह से अस्थिरता और विखंडन होता है. कुछ तत्वों में, जैसे कि यूरेनियम और प्लूटोनियम समस्थानिक में, विखंडन प्रक्रिया के दौरान अतिरिक्त neutrons उत्पन्न होते हैं, जो कि एक चैन रिएक्शन ट्रिगर कर सकते हैं यदि वे नजदीकी परमाणुओं द्वारा अवशोषित कर लिए जाते हैं। परमाणु बम भारी मात्रा में ऊर्जा छोड़ते हैं जिससे विनाश अधिक होता है. परमाणु बम से कितना नुकसान होता है इस बात का अंदाजा आप अमेरिका द्वारा सन 1945 में जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में किए गए परमाणु हमले से हुए नुकसान को देख कर लगा सकते हैं.
परमाणु हमला कैसे होता है और इसका बटन किसके पास होता है?
प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति की टेबल पर परमाणु हमला करने का कोई बटन नहीं होता है। अगर कोई देश किसी दूसरे देश पर परमाणु हमला करना चाहेगा तो उसे लंबी प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ेगा। अमेरिका और रूस के राष्ट्रपति के पास परमाणु हमले को लेकर कोई भी डिसीजन लेने का अधिकार होता है।
भारत की बात की जाए तो यहाँ देश के प्रधानमंत्री के पास परमाणु हमले पर आखिरी फैसला करने की शक्ति होती है और प्रधानमंत्री के आदेश मिलने पर ही भारत किसी दूसरे देश पर परमाणु हमला कर सकता है. दरअसल देश का प्रधानमंत्री NCA (न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी) का नेतृत्व करता है, जो परमाणु से जुड़े कार्यों को अंजाम तक पहुंचाती है. प्रधानमंत्री के आदेश मिलने पर ही यह परमाणु संबंधी ऑपरेशन करती है.
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