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रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और सुरक्षित सीमाएं भारत को एक शक्तिशाली राष्ट्र बनाने के लिए महत्वपूर्ण
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि देश को शक्तिशाली राष्ट्र बनाने के लिए रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाना और सीमाओं को सुरक्षित रखना महत्वपूर्ण पहलू हैं।नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में राजनाथ सिंह ने वर्ष 2047 तक देश को एक शक्तिशाली राष्ट्र बनाने के सरकार के संकल्प को दोहराया। उन्होंने उल्लेख किया कि सरकार सशस्त्र बलों को स्वदेश में निर्मित अत्याधुनिक हथियार प्रणालियां और उपकरण उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान दे रही है। प्रधानमंत्री ने हाल ही में आई एन एस विक्रांत को नौसेना में शामिल किए जाने का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि देश के पास आधुनिक हथियार और प्लेटफॉर्म बनाने की क्षमता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि देश अगले दस वर्षों में आधुनिक और प्रभावी जल, थल, आकाश और अंतरिक्ष के लिए रक्षा प्लेटफार्मों का निर्माण शुरू कर देगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में रक्षा निर्यात में काफी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि रक्षा निर्यात बढ़कर 13 हजार करोड़ रुपये हो गया है जो पहले एक हजार 900 करोड़ रुपये का था। उन्होंने कहा कि देश ने 2025 तक एक लाख 75 हजार करोड़ रुपये के रक्षा उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जिसमें 35 हजार करोड़ रुपये का रक्षा निर्यात शामिल है।
सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास को सरकार की प्राथमिकता बताते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि सशस्त्र बलों की तैयारियों को और मजबूत करने के लिए दूर-दराज के इलाकों से संपर्क बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में पूर्वोत्तर क्षेत्र में शांति और समृद्धि की बहाली सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में 2014 के बाद से हिंसक घटनाओं में 80 से 90 प्रतिशत की कमी आई है।
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