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दो दशकों में सदस्य देशों ने आतंकवाद का सामना करने के लिए ठोस कार्रवाई की
भारत ने कहा है कि आतंकवाद अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के आतंकवादरोधी समिति में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रूचिरा कंबोज ने कल से दिल्ली और मुंबई में शुरू हो रही दो दिन की विशेष बैठक से पहले ये बात कही। बैठक का विषय है-आतंकवादी गतिविधियों के लिए नई और उभरती प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल से निपटना'। कंबोज ने कल नई दिल्ली में मीडिया को बताया कि पिछले दो दशकों में सदस्य देशों ने आतंकवाद का सामना करने के लिए ठोस कार्रवाई की है। उऩ्होंने कहा कि यह बैठक आतंकवादी गतिविधियों के लिए नई और उभरती प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल से निपटने में महत्वपूर्ण होगी। ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली सहित कई देशों के विदेशमंत्री बैठक में शामिल होंगे।भारत 28 और 29 अक्तूबर को मुंबई और नई दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद रोधी समिति (सीटीसी) की विशेष बैठक की मेजबानी करेगा। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने मंगलवार को कहा कि पिछले दो दशकों में सदस्य देशों ने आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद का मुकाबला करने में ठोस प्रगति की है। फिर भी, आतंकी खतरा बना हुआ है। यह हमारे सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद भी विकसित हुआ है। कंबोज ने कहा, आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़े खतरों में एक बना हुआ है। टेक्नोलॉजी के प्रसार और डिजिटलीकरण में तेजी से वृद्धि के साथ ही आतंकी उद्दश्यों के लिए इसका इस्तेमाल बढ़ गया है। यह चिंता का विषय बन गया है
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