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निवेशकों के लिए उदार नीति बनाई और देश में पूंजी निवेश के लिए प्रोत्साहन दिया है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि महामारी के बाद दुनिया भारत को उम्मीद भरी नजर से देख रही है, क्योंकि भारत निवेशकों को विकास का द्वार प्रदान करता है। मोदी ने आज वीडियो कॉफ्रेंस के जरिए कर्नाटक में राज्य के वैश्विक निवेशक सम्मेलन-इनवेस्ट कर्नाटक 2022 के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में निवेश का मतलब बेहतर, स्वच्छ और पृथ्वी को सुरक्षित बनाये रखने के लिए लोकतंत्र और समावेशिता में निवेश करना है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि सरकार का विशेष ध्यान सही सोच के साथ नीतिगत स्तर की बाधाओं को खत्म करना है। उन्होंने कहा कि सरकार ने निवेशकों को लालफीता शाही से मुक्त किया और रेड कार्पेट के साथ उनको अवसर दिये। मोदी ने कहा कि सरकार ने कानूनों को युक्तिसंगत बनाने, नियमों और विनियमों को कारगर बनाने के लिए कई अहम फैसले लिए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि अलग-अलग बंटी दुनिया के बावजूद मजबूत लोकतांत्रिक ढांचें की वजह से दुनिया में भारत का भविष्य उज्जवल है। प्रधानमंत्री ने कहा कि केवल सुधार ही नहीं बल्कि अवसंरचना के मामले में नये भारत की प्रगति अनुपम है। राष्ट्रीय माल परिवहन नीति और गतिशक्ति योजना को सफलतापूर्वक लागू करने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत आज पूरी दुनिया के लिए उत्पादन करने के लिए तैयार है।मोदी ने कहा कि सरकार युवाओं के अवसरों को सीमित करने की बजाय उन्हें नये अवसर प्रदान करने के लिए अनुकूल माहौल बना रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार रक्षा, ड्रोन, अंतरिक्ष और भू-स्थानिक मानत्रित्र जैसे क्षेत्रों में निजी निवेशकों को प्रोत्साहन दिया है। इससे पहले इनके लिए अवसर बंद थे। श्री मोदी ने कहा कि पिछले वर्ष भारत को करीब 84 अरब डॉलर का रिकॉर्ड प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ और इसी वजह से विभिन्न तरह के सुधार कर पाये, जिनका उद्देश्य कारोबार करना सुगम बनाना है। मोदी ने कहा कि भारत ही ऐसा स्थान है जहां संस्कृति और प्रौद्योगिकी दोनों साथ-साथ काम करती हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रतिस्पर्धा और संघवाद की भावना से प्रेरित होकर सभी राज्यों ने मजबूत निवेश नीतियां बनाई और बुनियादी ढांचा तैयार किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि केन्द्र और कर्नाटक में डबल इंजन की सरकार से बैंगलुरू का तेजी से विकास होगा। उन्होंने कारोबार को सुगम बनाने में शीर्ष स्थान पर रहने और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आकर्षित करने के लिए कर्नाटक की सराहना की।उन्होंने जानकारी दी कि एक सौ यूनीकॉर्न में से 40 कर्नाटक के हैं। मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि वैश्चिक निवेश सम्मेलन से कर्नाटक को लाखों-करोड़ों का निवेश प्राप्त होगा।
सम्मेलन का उद्देश्य सम्भावित निवेशकों को आकर्षित करना और अगले दशक के लिए विकास का एजेंडा तय करना है। सम्मेलन चार नवम्बर तक चलेगा। इसमें, अस्सी से अधिक वक्ता हिस्सा लेंगे।
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