Since: 23-09-2009
हरित बॉण्ड सतत पर्यावरणीय और जलवायु अनुकूल निवेश का वित्तीय उपाय
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल अपने बजट भाषण में घोषणा की थी कि सरकार हरित अवसंरचना ढांचे के लिए संसाधन जुटाने की खातिर सॉवरेन हरित बॉन्ड जारी करने का प्रस्ताव रखती है। उन्होंने बजट 2022-23 में कहा था, ‘‘इस राशि को सार्वजनिक क्षेत्र की उन परियोजनाओं में लगाया जाएगा, जो अर्थव्यवस्था की कार्बन तीव्रता को कम करने में मदद करती हैं।’’ निर्मला सीतारमण ने भारत के हरित बॉण्ड की रूपरेखा को मंजूरी दे दी है। हरित बॉण्ड सतत पर्यावरणीय और जलवायु अनुकूल परियोजनाओं में निवेश सृजित करने का वित्तीय उपाय है। इस मंजूरी से पेरिस जलवायु संधि के तहत स्वीकृत राष्ट्रीय योगदान की प्रतिबद्धता पूरी हो सकेगी। इससे हरित परियोजनाओं के लिये वैश्विक और घरेलू निवेश आकृष्ट करने में मदद मिलेगी। वित्त मंत्रालय ने बताया कि हरित बॉण्ड की रूपरेखा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पिछले वर्ष ग्लासगो जलवायु सम्मेलन में घोषित पंचामृत के तहत भारत की प्रतिबद्धताओं के अनुरूप है। मंत्रालय ने हरित वित्त कार्यसमिति गठित की है, जिसमें सम्बद्ध मत्रालयों का प्रतिनिधित्व होगा। केंद्र सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार इसकी अध्यक्षता करेंगे। वित्त मंत्रालय को परियोजनाओं के चयन और मूल्यांकन में सहयोग के लिए समिति की बैठक वर्ष में कम से कम दो बार होगी। समिति यह सुनिश्चित करेगी कि जारी होने की तिथि से 24 महीने के अंदर परियोजनाओं का आंवटन कर दिया जाए। सरकार की चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-मार्च अवधि के दौरान कुल 5.92 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेने की योजना है। 2022-23 के बजट में सरकार ने 14.31 लाख करोड़ रुपये के सकल बाजार ऋण का अनुमान लगाया था। इसमें से इस वित्त वर्ष के दौरान 14.21 लाख करोड़ रुपये उधार लेने का फैसला किया है, जो बजट अनुमान से 10,000 करोड़ रुपये कम है।
MadhyaBharat
|
All Rights Reserved ©2025 MadhyaBharat News.
Created By:
Medha Innovation & Development |