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मिस्र के शर्म-अल शेख में संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन विशेष क्षतिपूर्ति कोष बनाने पर सहमत
संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी एजेन्सी के प्रमुख ने चेतावनी दी है कि युक्रेन के जपोर्षजि़या परमाणु संयंत्र पर हमला करने वाला आग से खेल रहा है। अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु उर्जा एजेन्सी ने रविवार को कहा कि इस परमाणु संयंत्र पर कई हमले किये गये। एजेन्सी के प्रमुख राफेल ग्रोसी ने कहा कि ये हमले अत्यधिक व्यथित करने वाले और पूरी तरह अस्वीकार्य हैं। उन्होंने कहा कि जिसने भी यह हमले किये हैं उसे इस तरह की गतिविधियां तुरन्त रोकनी चाहिए। परमाणु संयंत्र के प्रबंधन से मिली सूचना का हवाला देते हुए ग्रोसी ने कहा कि संयंत्र की इमारत, प्रणाली और उपकरणों को क्षति पहुंची है। लेकिन परमाणु सुरक्षा के लिए इससे कोई खतरा उत्पन्न नहीं हुआ। जपोर्षजिया दक्षिण पूर्व युक्रेन में है जो यूरोप का सबसे बड़ा परमाणु संयंत्र है। इस संयंत्र पर अक्सर हमले होते रहे हैं जिससे परमाणु आपदा की शंका बढ़ती है। इस बीच रूस और युक्रेन ने इन हमलों के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है।
मिस्र के शर्म-अल शेख में संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन विशेष क्षतिपूर्ति कोष बनाने पर सहमत
संयुक्त राष्ट्र के 27वें जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में विशेष क्षतिपूर्ति कोष बनाने पर सहमति हो गई है। इस कोष से विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन से हुए नुकसान की भरपाई करने में सहायता मिलेगी। सीओपी-27 ने एक ट्वीट संदेश में इस समझौते की पुष्टि करते हुए कहा कि आज मिस्र के शर्म-अल-शेख में इतिहास रचा गया और विशेष क्षति पूर्ति कोष बनाया गया। लंबे समय से इस कोष को बनाने की मांग की जा रही थी। कई दिनों तक चले विचार-विमर्श के बाद इस कोष को बनाने के लिए सीओपी-27 के प्रतिनिधियों की सराहना हुई है। वार्ताकारों और गैर-सरकारी संगठनों का कहना है कि इस कोष का गठन महत्वपूर्ण उपलब्धि है। कान्फ्रेंस ऑफ पार्टीज-सीओपी 27 वें सत्र का आज मिस्र के शर्म अल-शेख में समापन हो गया। इस सम्मेलन का आयोजन सामूहिक जलवायु लक्ष्यों और भविष्य की महत्वाकांक्षा का मार्ग प्रशस्त करने के उद्देश्य से किया गया। पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने समापन सत्र में इस सम्मेलन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इस दौरान क्षति फंडिंग व्यवस्था के लिए समझौता किया गया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन, जीवन शैली, खपत और उत्पादन की टिकाऊ व्यवस्था की दिशा में किये गये प्रयासों का स्वागत किया।
MadhyaBharat
21 November 2022
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