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वित्त मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने आज नई दिल्ली में जी.एस.टी. परिषद की 48वीं बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री, राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्री तथा वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार किया गया। इनमें जी.एस.टी. कानून के अंतर्गत अपराधों को परिभाषित करना, अपील न्यायाधिकरणों की स्थापना, और पान मसाला तथा गुटखा व्यापार में कर चोरी दूर करने के लिए व्यवस्था कायम करना शामिल रहा। जी.एस.टी. परिषद ने कर अधिकारियों की एक रिपोर्ट पर भी विचार किया और कुछेक वस्तुओं और सेवाओं पर कर लगाने की स्थिति को स्पष्ट किया। एसटी परिषद की पिछली बैठक इस साल 28 और 29 जून के बीच चंडीगढ़ में हुई थी। पिछले महीने, पश्चिम बंगाल के पूर्व वित्त मंत्री अमित मित्रा ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय से जीएसटी परिषद की तत्काल बैठक बुलाने के लिए कहा था, यह कहते हुए कि यह लगभग छह महीने से नहीं हुई। मित्रा, जो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रधान मुख्य सलाहकार हैं, ने सीतारमण को लिखे एक पत्र में कहा था कि नियमों के अनुसार, जीएसटी परिषद को एक वित्तीय वर्ष में हर तिमाही में मिलना चाहिए, यानी इसकी बैठक होनी चाहिए। परिषद ने अपनी पिछली बैठक में विभिन्न वस्तुओं जैसे एलईडी लैंप, सोलर वॉटर हीटर आदि पर जीएसटी बढ़ा दिया था। इसने टेट्रा पैक पर भी जीएसटी को 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया था। जीएसटी परिषद द्वारा अनुशंसित दर परिवर्तन 18 जुलाई, 2022 से प्रभावी हो गए थे।
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