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देहरादून। जोशीमठ में पानी के रिसाव में पिछले दो दिनों से बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। शुक्रवार को पानी का डिस्चार्ज बढ़कर 250 लीटर प्रति मिनट (एलपीएम) पहुंच गया है। बर्फबारी और बारिश पानी वृद्धि का कारण माना जा रहा है। कुल 863 भवनों में दरारें आई है। अब तक कुल 269 परिवार अस्थाई रूप से विस्थापित हुए हैं।
शुक्रवार शाम सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में आपदा प्रबन्धन सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने जोशीमठ आपदा राहत कार्यों के अपडेट को लेकर पत्रकारों को नियमित बीफ्रिंग में यह जानकारी दी। सिन्हा ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ के आपदा प्रबन्धन कार्यों के संबंध में बैठक लेकर आवश्यक निर्देश दिए हैं।
उन्होंने बताया कि आज जोशीमठ में पानी का डिस्चार्ज बढ़कर 250 एलपीएम है। उन्होंने इसका कारण फिलहाल बर्फबारी और बारिश को माना है। उनका कहना है कि पानी पिछले दिनों बढ़ने के साथ घटा भी है। 6 जनवरी को 540 एलपीएम से घटकर 18 जनवरी को 100 एलपीएम हो गया है। 19 जनवरी को जोशीमठ में पानी का डिस्चार्ज 150 एलपीएम और आज 250 एलपीएम है। ठंड और शीतलहर से बचाव के लिए विशेष व्यवस्था राहत शिविरों में की गई है।
डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि आज 14 भवनों में दरारें होने का सर्वे किया गया है। अभी तक 863 भवनों में दरारें आई है। सर्वेक्षण का कार्य जारी है। 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित हैं। 269 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 900 है।
सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में विभिन्न तकनीकी संस्थानों की ओर से किये जा रहे सर्वेक्षण और अध्ययन कार्य निरन्तर जारी हैं। बोर्ड स्कूल के साथ अस्पताल के भवन सुरक्षित हैं। इस कारण स्वास्थ्य उपचार को लेकर कोई समस्या नहीं है।
एक सवाल पर उन्होंने कहा कि संरक्षित भवनों को तोड़ा नहीं जा रहा है। अब स्थानीय लोग स्वयं अपने घरों को प्रशासन को सौंप रहे हैं। अध्ययन रिपोर्ट आने के बाद जोशीमठ के निर्माण के लिए निर्णय लिया जाएगा। स्थानीय प्रशासन के साथ स्थानीय लोगों की हर चिंताओं को गंभीरता से लिया जा रहा है।
राहत के तौर पर 3.27 करोड़ वितरित
रंजीत सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में अग्रिम राहत के तौर पर 3.27 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि 218 प्रभावित परिवारों को वितरित की गई है। इसके अतिरिक्त प्रभावित 08 किरायेदारों को भी 50 हजार रुपये प्रति परिवार के हिसाब से आठ किरायेदारों को 04 लाख रुपये की धनराशि तत्काल सहायता के रूप में आवंटित की गई है। अन्य किरायदारों को चिन्हित किया जा रहा है।
अपने आवासों में 18 प्रसूता महिलाएं
डॉ. सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ के नगर पालिका क्षेत्र में 18 प्रसूता महिलाएं हैं, जो वर्तमान में राहत शिविरों में नहीं हैं। यह प्रसूता महिलाएं स्वयं के आवासों में रह रही हैं। जिनका निरन्तर स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। राहत शिविरों में 10 वर्ष से कम आयु के 81 बच्चे हैं, जिनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। जोशीमठ में विभिन्न तकनीकी संस्थानों द्वारा किये जा रहे सर्वेक्षण और अध्ययन कार्य निरन्तर जारी है।
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