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नागपुर/नई दिल्ली। बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री को अंधविश्वास फैलाने के आरोपों में नागपुर पुलिस ने क्लीनचिट दे दी है। यह जानकारी नागपुर के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।
दरअसल, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने 5 जनवरी से 13 जनवरी तक नागपुर में रामकथा की थी। शास्त्री का वीडियो देखने के बाद महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के प्रमुख श्याम मानव ने नागपुर पुलिस से शिकायत की थी कि धीरेंद्र शास्त्री अंधविश्वास फैला रहे हैं और उनका कृत्य सही नहीं है। जादू-टोना विरोधी अधिनियम के तहत ये संज्ञेय अपराध है। उन्होंने धीरेन्द्र को चुनौती देते हुए कहा कि अगर शास्त्री 10 में से 9 लोगों के नाम सही बता सकते हैं तो वे उन्हें 30 लाख रुपये देंगे और उनका विरोध भी करना बंद कर देंगे। इसके बाद नागपुर पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की थी।
इस मामले में नागपुर पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने बताया कि आरोपों की गहन जांच की गई। पुलिस ने धीरेंद्र कृष्ण महाराज के समारोह के 6 घंटे से अधिक के वीडियो फुटेज को खंगाला, लेकिन कोई मामला नहीं बनता है। इस संबंध में पुलिस कोई भी संज्ञेय केस दर्ज नहीं करेगी। इस संबंध में समिति के संस्थापक संयोजक श्याम मानव को भी औपचारिक जानकारी दी जाएगी। पुलिस कमिश्नर ने बताया कि धीरेंद्र बाबा के मामले में समिति कानूनी अधिकारों का इस्तेमाल करने के लिए स्वतंत्र हैं। वह चाहें तो कोर्ट जा सकते हैं।
अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने बाबा के चमत्कार के दावों पर सवाल उठाए हैं। समिति ने बाबा से महाराष्ट्र आकर उनके लोगों के बीच अपने चमत्कार सिद्ध करने को कहा है। इस बीच बागेश्वर धाम के बाबा को योगगुरु बाबा रामदेव, कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर जैसी कई बड़ी हस्तियों का समर्थन मिला है।
विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय ने बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री के संबंध में कहा कि यह धर्म-श्रद्धा का विषय है। बहरहाल नागपुर पुलिस ने क्लीन चिट देने के बाद इस मामले मे धीरेन्द्र शास्त्री को बडी राहत मिली है। पुलिस आयुक्त की प्रेस कान्फ्रेन्स के बाद धीरेन्द्र शास्त्री के समर्थकों ने नागपुर से लेकर पुणे तक पटाखे फोड कर खुशी का इजहार किया।
MadhyaBharat
25 January 2023
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